एक्सप्लोरर

Twin Towers: 2012 में थे 13 फ्लोर, 2014 में बन गए 32, यहां समझिए ऊपर लेवल का खेल

Twin Tower को 3700 किलोग्राम विस्फोटक लगाकर गिरा दिया गया है. बिल्डिंग गिरने का वीडियो पूरे देश में वायरल है. इस इमारत के गिरने के साथ ही धूल का एक भयंकर गुबार इलाके में छा जाता है.

जिस इमारत को खड़े होने में तीन साल से ज्यादा का समय लगा था, वह मात्र 9 सेकेंड में ध्वस्त हो गई. देश में पहली बार व्यवस्थित तरीके से किसी इतनी ऊंची इमारत को ध्वस्त किया गया.

ध्वस्तीकरण की यह कहानी भले 9 सेंकेड की है, लेकिन असल में इसके पीछे भ्रष्टाचार की लंबी गाथा औैर 9 साल का संघर्ष कहानी भी है. यह पूरा घटनाक्रम उन तमाम बिल्डर्स के लिए सबक है, जो स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रोजेक्ट तैयार कर लेते हैं. ट्विन टावर के गिरते ही धूल का जो गुबार उठा है उसमें कहीं भ्रष्टाचार की कलंक कथा गुम न हो जाए. अदालतों और जिम्मेदार प्राधिकरणों को देश में चल रहे तमाम इस तरह के प्रोजेक्टस की जांच करनी चाहिए. 

ट्विन टावर्स के नाम अपेक्स और सेयान थे. अपेक्स में 32 फ्लोर बने थे, जिनकी ऊंचाई 102 मीटर थी. वहीं सेयान में 29 फ्लोर का निर्माण पूरा हुआ था और ऊंचाई 95 मीटर थी. दोनों टावर्स में कुल 900 से ज्यादा फ्लैट थे. यदि सब सही रहता तो आज के मार्केट रेट के हिसाब से इन सभी फ्लैट की बिक्री से 1,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई होती.

2004 में पड़ी थी भ्रष्टाचार की नींव
2004 में नोएडा अथॉरिटी ने सुपरटेक को सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 84 हजार वर्गमीटर से ज्यादा जमीन आवंटित की थी. इस जमीन पर 11-11 फ्लोर के 16 टावर बनाने का प्रस्ताव था.  इसी प्रस्ताव और नक्शे के हिसाब से घर खरीदारों ने इसमें पैसा लगाया. 

हालांकि धोखे की नींव शुरुआत से ही पड़ने लगी थी.  सुपरटेक ने जहां ट्विन टावर खड़े कर दिए, वहां पहले ग्रीन एरिया की बात कही गई थी. हालांकि शुरुआती तौर पर इस पर कोई आपत्ति सामने नहीं आई और 2009 आते-आते इस प्रोजेक्ट को कंप्लीशन का सर्टिफिकेट भी मिल गया. यहां से ही अधिकारियों की मिलीभगत की तस्वीर दिखने लगती है.

नियमों में बदलाव के बाद बदलने लगी कहानी
2009 में उत्तर प्रदेश सरकार ने फ्लोर एरिया रेश्यो यानी एफएआर बढ़ाने का फैसला किया था. इससे बिल्डर्स को ज्यादा फ्लैट बनाने का मौका मिल गया. सुपरटेक ने नए नियमों को आधार बनाकर इन दोनों टावर की ऊंचाई 11 से बढ़ाकर 24 कर दी गई.  यह सिलिसला यहीं नहीं थमा. तीसरी बार प्रोजेक्ट में बदलाव हुआ तो यह ऊंचाई 40 फ्लैट तक पहुंच गई. नियमों की अनदेखी करते हुए इसे मंजूरी भी दे दी गई. 

2012 में दायर हुई याचिका
ट्विन टावर्स की बढ़ती ऊंचाई ने एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के निवेशकों को घर खरीदारों को चौंका दिया. उन्होंने बिल्डर और नोएडा अथॉरिटी से नक्शा मांगा, लेकिन नक्शा नहीं उपलब्ध कराया गया. 

कोई रास्ता न देख 2012 में बायर्स और हाउसिंग सोसायटी ने बिल्डर के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाल दी. अदालत के निर्देश पर जब पुलिस ने जांच की, तो एक-एक कर खामियां नजर आती गईं. 

धीरे-धीरे अनियमितता, मिलीभगत और भ्रष्टाचार की तस्वीर साफ होती गई. 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन टावर्स को ध्वस्त करने का आदेश सुनाया. 

इन नियमों की हुई अनदेखी

  • अग्नि सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया गया.
  • नोटिस के बाद भी बिल्डिंग प्लान साझा नहीं किया गया.
  • कॉमन एरिया में बदलाव से पहले प्रोजेक्ट के अन्य फ्लैट ऑनर्स से सहमति नहीं ली गई.
  • नियम के तहत दोनों टावर्स के बीच कम से कम 16 मीटर की दूरी होनी थी, लेकिन ट्विन टावर्स के बीच की दूरी मात्र 9 मीटर रह गई थी.
  • टावर्स के बीच कम दूरी होने से हवा और रोशनी की व्यवस्था खराब हुई.
  • इनके बीच की कम दूरी किसी आपात स्थिति में इनमें रहने वालों के लिए घातक साबित हो सकती थी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पाया कि टावर्स को बनाने का काम मंजूरी की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही शुरू हो गया था, लेकिन अथॉरिटी ने कोई आपत्ति नहीं जताई.

भ्रष्टाचार पर बना रहा भरोसा
अधिकारियों से मिलीभगत और भ्रष्टाचार पर भरोसे की बानगी इससे भी मिलती है कि 2012 में जब इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला गया था, उस समय दोनों टावर्स में बस 13 फ्लोर ही बने थे, लेकिन 2014 में जब तक हाईकोर्ट की तरफ से इन्हें गिराने का फैसला आया, तब तक 32 फ्लोर तक का निर्माण हो गया था. 

यह दिखाता है कि बिल्डर्स को पूरा भरोसा था कि वह तमाम अनियमितताओं के बाद भी आसानी से कागजों की आड़ में इस प्रोजेक्ट को बचा ले जाएंगे. हाईकोर्ट ने यदि उस समय इन्हें ध्वस्त करने का फैसला नहीं दिया होता, तो दोनों टावर्स 40-40 फ्लोर के होते.

तोड़ना भी कम खर्चीला नहीं रहा
2014 में सुपरटेक ने बताया था कि इन टावर्स के निर्माण में 70 करोड़ रुपये का खर्च आया था. अब इन्हें तोड़ने और मलबा हटाने आदि की प्रक्रिया में करीब 20 करोड़ रुपये का कुल खर्च आना है. 100 मीटर से ज्यादा ऊंचे टावर्स के ढहने से करीब पांच फ्लोर की ऊंचाई के बराबर का मलबा बना. इसे हटाने में तीन महीने का समय लगेगा। मलबे की बिक्री से 13.3 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Exclusive: 'नीली हल्दी, मलयालम', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ऐसा क्या कहा, मीटिंग में लगने लगे ठहाके
Exclusive: 'नीली हल्दी, मलयालम', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ऐसा क्या कहा, मीटिंग में लगने लगे ठहाके
नागपुर की कंपनी में वाटर टैंक टावर गिरने से हादसा, 3 की मौत, कई मजदूरों की हालत नाजुक
नागपुर की कंपनी में वाटर टैंक टावर गिरने से हादसा, 3 की मौत, कई मजदूरों की हालत नाजुक
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
बेटिंग ऐप मामला: ED की बड़ी कार्रवाई, युवराज सिंह, उर्वशी रौतेला, सोनू सूद समेत कई दिग्गजों की करोड़ों की संपत्ति जब्त
बेटिंग ऐप मामला: युवराज सिंह, उर्वशी रौतेला, सोनू सूद समेत कई दिग्गजों की करोड़ों की संपत्ति जब्त

वीडियोज

Donald Trump: ट्रंप का बड़ा दावा! 10 महीनों में क्या कर दिखाया? |ABP LIVE
Reliance का बड़ा FMCG Move | SIL Brand Relaunch | Packaged Foods Market में Entry | Paisa Live
बीमारी ने बिगाड़ी Yuzvendra Chahal की हालत, इस वजह से क्रिकेट करियर पर लगा ब्रेक!
Avatar: Fire & Ash Review: कमाल VFX और शानदार Experience; लेकिन फिल्म की लंबाई झेली नहीं जाती
Danish Pandor Interview: Viral Craze, Akshaye Khanna का Iconic Dance, Ranveer Singh संग Experience और Success के पीछे की Journey

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Exclusive: 'नीली हल्दी, मलयालम', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ऐसा क्या कहा, मीटिंग में लगने लगे ठहाके
Exclusive: 'नीली हल्दी, मलयालम', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ऐसा क्या कहा, मीटिंग में लगने लगे ठहाके
नागपुर की कंपनी में वाटर टैंक टावर गिरने से हादसा, 3 की मौत, कई मजदूरों की हालत नाजुक
नागपुर की कंपनी में वाटर टैंक टावर गिरने से हादसा, 3 की मौत, कई मजदूरों की हालत नाजुक
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
बेटिंग ऐप मामला: ED की बड़ी कार्रवाई, युवराज सिंह, उर्वशी रौतेला, सोनू सूद समेत कई दिग्गजों की करोड़ों की संपत्ति जब्त
बेटिंग ऐप मामला: युवराज सिंह, उर्वशी रौतेला, सोनू सूद समेत कई दिग्गजों की करोड़ों की संपत्ति जब्त
IPL 2026 ऑक्शन के बाद वेंकटेश अय्यर अचानक बने कप्तान, रजत पाटीदार की लेंगे जगह
IPL 2026 ऑक्शन के बाद वेंकटेश अय्यर अचानक बने कप्तान, रजत पाटीदार की लेंगे जगह
New Year Party Playlist 2026: इन बॉलीवुड गानों के बिना अधूरी रहेगी पार्टी
इन बॉलीवुड सॉन्ग्स के बिना नए साल का जश्न रहेगा अधूरा, देखें लिस्ट
यूपी में बंपर भर्ती, 2026 में 1.5 लाख सरकारी नौकरी का टारगेट, जानें किस विभाग में भरे जाएंगे कितने पद?
यूपी में बंपर भर्ती, 2026 में 1.5 लाख सरकारी नौकरी का टारगेट, जानें किस विभाग में भरे जाएंगे कितने पद?
चलती ट्रेन में कैसे बुला सकते हैं मदद, नोट कर लें ये नंबर
चलती ट्रेन में कैसे बुला सकते हैं मदद, नोट कर लें ये नंबर
Embed widget