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UTTAR PRADESH (80)
43
INDIA
36
NDA
01
OTH
MAHARASHTRA (48)
30
INDIA
17
NDA
01
OTH
WEST BENGAL (42)
29
TMC
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INC
BIHAR (40)
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NDA
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INDIA
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39
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AIADMK+
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BJP+
00
NTK
KARNATAKA (28)
19
NDA
09
INC
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OTH
MADHYA PRADESH (29)
29
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INDIA
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INDIA
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05
INDIA
05
BJP
00
OTH
GUJARAT (26)
25
BJP
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INDIA
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OTH
(Source: ECI / CVoter)
रोहिंग्या घुसपैठ गंभीर समस्या, निश्चित समयावधि के बाद नहीं होना चाहिये देश में रहने का अधिकार : आरएसएस
उन्होंने कहा कि निष्कासित होने के बाद और कहीं तो उनको आश्रय नहीं मिला. उनके पड़ोस में चीन था, इंडोनेशिया था. लेकिन वे किसी देश में नहीं गये और भारत की सीमा में आ गये.
भोपाल : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ की समस्या को गंभीर प्रश्न बताते हुए आज कहा कि भारत ने अपनी परम्परा के तहत हमेशा शरणार्थियों को आश्रय दिया है लेकिन एक निश्चित समयावधि के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों को यहां रहने का अधिकार नहीं होना चाहिये.
संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के अंतिम दिन रोहिंग्या मुसलमानों की देश में हो रही घुसपैठ के सवाल पर कहा, ‘रोहिग्या घुसपैठ एक गंभीर प्रश्न है. रोहिंग्या शरणार्थियों के संबंध में सरकार को नीति बनानी चाहिए, जिसमें उनको शरण देने की नीति, स्थान और अवधि तय हो. एक कालावधि के बाद शरणार्थियों को वापस भेजने की व्यवस्था बने.’ उन्होंने कहा कि सोचना यह चाहिये कि उनको म्यांमार से निष्कासित क्यों किया जा रहा है. कोई भी सरकार दुनिया के नक्शे पर अनावश्यक रूप से कोई द्वेश्मूलक कदम नहीं उठाती और इसलिए म्यांमार सरकार को जब अनुभव हुआ कि इनके कारण समस्याएं खड़ी हो रही हैं तो इनको वहां से निष्कासित किया गया.
उन्होंने कहा कि निष्कासित होने के बाद और कहीं तो उनको आश्रय नहीं मिला. उनके पड़ोस में चीन था, इंडोनेशिया था. लेकिन वे किसी देश में नहीं गये और भारत की सीमा में आ गये. इसलिए समीक्षा इन बिन्दुओं को लेकर करनी पड़ेगी कि वहां से उनको पलायन क्यों करना पड़ा, वहां से उनको निष्कासित क्यों किया गया. इसे समझकर ही अपनी भविष्य की नीति बनानी चाहिये.
उन्होंने कहा कि भारत में जो रोहिंग्या आये हैं वे कहां बसे हैं इसका जरा हम विचार करें. वे जम्मू में, हैदराबाद में बसते हैं. कोई भी निर्वासित आता है तो हमारे भारत की परम्परा है कि हमने ऐसे आये हुए लोगों को ठुकराया नहीं है. यहां पर आश्रय दिया है. लेकिन आने वाले इस प्रकार के जो तत्व हैं उनकी पृष्ठभूमि समझे बिना अगर हम आश्रय देंगे तो देश के लिये एक खतरा सिद्ध हो सकता है. उन्होंने कहा कि आये हुए लोगों के आधार कार्ड बन गये, पैन कार्ड बन गये, मतदाता सूची में नाम आ गये. तो लगता है कि वे केवल आश्रय लेने के लिए नहीं आये. किसी योजना के तहत, षड्यंत्र के तहत वे भारत में स्थान प्राप्त करने के प्रयास लगे हैं.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि यहां की व्यवस्था में इस प्रकार की रचना नहीं है कि ठीक प्रकार से उसका परीक्षण किया जा सके. संघ पदाधिकारी भैय्या जी जोशी ने कहा कि हम सोचते हैं कि किसी भी बाहरी देश के नागरिक को हमारे देश में एक सीमा से अधिक रहने का अधिकार नहीं होना चाहिये. देश में कुछ लोगों द्वारा रोहिंग्या का समर्थन किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो लोग रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन कर रहे हैं, उनकी पृष्ठभूमि भी देखने और समझने की आवश्यकता है.
उच्चतम न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर लगाये गये प्रतिबंध के सवाल पर जोशी ने कहा कि इस मामले पर संतुलित तौर पर विचार करने की आवश्यकता है. प्रदूषण बढ़ाने वाले पटाखों पर रोक लगायी जानी चाहिये और जिनसे प्रदूषण नहीं होता है उन पर रोक नहीं लगाना चाहिये.
उन्होंने कहा, ‘कल कोई यह कहे कि दीपावली पर जलने वाले दीये भी प्रदूषण का कारण हैं.....तो इसलिये इस पर गंभीरता से संतुलित रूप से विचार करना चाहिये.’ देश में लागू की गई जीएसटी कर प्रणाली पर उन्होंने कहा कि सरकार के संबंधित प्रतिनिधि इस पर मंथन कर रहे हैं और जहां आवश्यकता होगी इसमें सुधार किये जायेंगे.
उन्होंने आरक्षण के विषय में कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जिस उद्देश्य के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है, उस उद्देश्य की पूर्ति तक आरक्षण रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आरक्षण प्राप्त करने वाले समाज को ही यह तय करना चाहिए कि उसे कब तक आरक्षण की आवश्यकता है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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