बीजेपी पर बरसे राज बब्बर, कहा- हनुमान जी को मत छेड़ो, तुम्हारी लंका में आग लगने वाली है
राज बब्बर ने हनुमान जी पर विवादित बयान देने वाले बीजेपी नेताओं को नसीहत दी है. राज बब्बर का कहना है कि बीजेपी नेताओं को हनुमान जी छेड़ना नहीं चाहिए, लंका में आग लगने वाली है.

लखनऊ: हनुमान जी को लेकर शुरू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इसमें उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर की एंट्री हो गई है. राज बब्बर ने हनुमान जी पर विवादित बयान देने वाले बीजेपी नेताओं को नसीहत दी है. राज बब्बर का कहना है कि बीजेपी नेताओं को हनुमान जी छेड़ना नहीं चाहिए, लंका में आग लगने वाली है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा, ''बीजेपी वालों को ये समझ लेना चाहिए कि देखो ज्यादा मत छेड़ो हनुमान जी को, उनकी पूंछ के वार से तीन प्रदेश तो चले गए हैं, अब तुम्हारी लंका में आग लगने वाली है.'' बात दें कि राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान जी दलित थे. इसी के बाद एक बाद बाद एक बीजेपी नेताओं ते बयान आते गए और सभी ने हनुमान जी के अलग अलग जाति से होने का दावा किया.
Raj Babbar, Uttar Pradesh Congress Chief: BJP walon ko yeh samajh lena chahiye, ki dekho zyada mat chhedo Hanuman ji ko, unki puchh ke vaar se 3 pradesh to chale gaye hain, ab tumhari lanka mein aag lagne wali hai. pic.twitter.com/WxGuCkFefn
— ANI UP (@ANINewsUP) December 24, 2018
चेतन चौहान बोले- खिलाड़ी थे हनुमान जी, कुश्ती लड़ते थे उत्तर प्रदेश सरकार के कैबनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने हनुमान जी को खिलाड़ी बता दिया. चेतन चौहान ने कहा कि हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे वो खिलाड़ी थे उनकी कोई जाति नहीं थी वो खिलाड़ी थे और मैं भी खिलाड़ी हूं. चेतन चौहान ने अमरोहा में पत्रकरों के सवालो का जवाब देते हुए हनुमान जी पर ये टिप्णी की.
जाट थे हनुमान जी: योगी के मंत्री य़ोगी सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने भी हनुमान जी की जाति पर टिप्पणी की है. चौधरी का कहना है कि हनुमान जी जाट थे. उन्होंने कहा कि जो दूसरों को दिक्कत में देखकर कूद पड़ते हैं, वह जाट ही हो सकता है. इसलिए हनुमान जाट थे.
बुक्कल नवाब ने बताया हनुमान बीजेपी एमएलसी बुक्कल ननाव हनुमान जी को मुसमान बता चुके हैं. नवाब ने कहा, ''हनुमान जी मुसलमान थे. हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए मुसलमानों में जो नाम रखे जाते हैं - रहमान, रमज़ान, फरमान, ज़ीशान, कुर्बान - जितने भी नाम रखे जाते है, वे करीब-करीब उन्हीं पर रखे जाते हैं.' बुक्कल नवाब ने कहा, करीब 100 नाम ऐसे हैं, जो हनुमानजी पर ही आधारित हैं. हिंदू भाई हनुमान जी नाम रख लेंगें, लेकिन सुल्तान नहीं मिलेगा, अरमान, रहमान, रमजान नहीं रख सकते.''
आर्य थे हनुमान जी: केंद्रीय मंत्री केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह ने कहा, ''भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी, कोई दलित, वंचित, शोषित नहीं था. वाल्मीकी रामायण और रामचरितमानस को आप पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय को जाति व्यवस्था नहीं थी.' उन्होंने आगे कहा- 'हनुमान जी आर्य थे, इस बात को मैंने स्पष्ट किया है, उस समय आर्य जाति थी और हनुमान जी उसी आर्य जाति के महापुरुष थे.''
दलित नहीं, आदिवासी थे हनुमान: नंद कुमार साय राष्ट्रीय अनुसूचित- जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने दावा किया था कि हनुमान जी आदिवासी थे. ''मैं स्पष्ट करना चाहता हूं...लोग सोचते हैं कि भगवान राम की सेना में वानर, भालू, गिद्ध थे. ओरांव आदिवासी से संबद्ध लोगों द्वारा बोली जाने वाली कुरुख भाषा में 'टिग्गा (एक गोत्र है यह) का अर्थ वानर होता है. कंवार आदिवासियों में, जिनसे मेरा संबंध है, एक गोत्र है जिसे हनुमान कहा जाता है.''
उन्होंने कहा, ''इसी प्रकार, गिद्ध कई अनुसूचित जनजातियों में एक गोत्र है. अतएव मेरा मानना है कि वे आदिवासी समुदाय से थे और उन्होंने इस बड़ी लड़ाई में भगवान राम का साथ दिया.''
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