'भारत को समझने के लिए आध्यात्म को आत्मसात करना होगा', पीएम मोदी ने किया इस्कॉन के श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन
PM Modi Inaugurates ISKON Temple: मंदिर का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दुनियाभर में फैले इस्कॉन के अनुयायी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की डोर से बंधे हैं.

ISKCON Sri Sri Radha Madanmohanji Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार (15 जनवरी, 2025) को नवी मुंबई इस्कॉन के श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से इस्कॉन सेवा के भाव से काम कर रही है, मुझे संतोष है कि हमारी सरकार भी इसी सेवा भाव से काम कर रही है. इस मंदिर में अध्यात्म और सभी परंपरा के दर्शन होते हैं. यहां रामायण, महाभारत का म्यूजियम बनाया जा रहा है.
उन्होंने ये भी कहा, "वृन्दावन के 12 जंगलों का प्रतिरूप बनाया जा रहा है. मेरे जीवन में प्रभुपाद जी स्वामी का अलग स्थान है. जब सबसे बड़ी गीता का के संस्करण लोकार्पण के वक्त मुझे बुलाया था. उसका फल मुझे मिला. जब देश गुलामियों की बेड़ियों में जकड़ा था तब उन्होंने इस्कॉन जैसा मिशन शुरू किया. आज इस मौके पर मुझे परम श्रद्धेय गोपालकृष्ण गोस्वामी महाराज का भावुक स्मरण भी हो रहा है. इस प्रोजेक्ट में उनका विजन जुड़ा हुआ है. भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनकी अगाध भक्ति का आशीर्वाद जुड़ा हुआ है.। आज वो भौतिक शरीर से भले ही यहां न हो, लेकिन उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति हम सब महसूस कर रहे हैं."
'इस्कॉन के अनुयायी श्रीकृष्ण की भक्ति की डोर से बंधे हैं'
पीएम मोदी ने कहा, "दुनियाभर में फैले इस्कॉन के अनुयायी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की डोर से बंधे हैं. उन सबको एक-दूसरे से कनेक्ट रखने वाला एक और सूत्र है, जो चौबीसों घंटे हर भक्त को दिशा दिखाता रहता है. ये श्रील प्रभुपाद स्वामी के विचारों का सूत्र है. उन्होंने उस समय वेद-वेदांत और गीता के महत्व को आगे बढ़ाया जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था. उन्होंने भक्ति वेदांत को जनसामान्य की चेतना से जोड़ने का अनुष्ठान किया."
'भारत को समझने के लिए आध्यात्म को आत्मसात करना होगा'
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत केवल भौगोलिक सीमाओं में बंधा भूमि का एक टुकड़ा मात्र नहीं है. भारत एक जीवंत धरती है, एक जीवंत संस्कृति है और, इस संस्कृति की चेतना है- यहां का आध्यात्म! इसलिए, यदि भारत को समझना है, तो हमें पहले आध्यात्म को आत्मसात करना होता है. जो लोग दुनिया को केवल भौतिक दृष्टि से देखते हैं, उन्हें भारत भी अलग-अलग भाषा और प्रांतों का समूह नजर आता है लेकिन जब आप इस सांस्कृतिक चेतना से अपनी अपनी आत्मा को जोड़ते हैं, तब आपको भारत के विराट रूप के दर्शन होते हैं."
'सेवा ही सच्चे सेक्युलरिज्म का प्रतीक है'
सेक्युलरिज्म को लेकर पीएम मोदी ने कहा, सेवा की यही भावना सच्चा सामाजिक न्याय लाती है. सच्चे सेक्युलरिज्म का प्रतीक है. हमारी सरकार कृष्णा सर्किट के माध्यम से देश के अलग-अलग तीर्थों और धार्मिक स्थानों को जोड़ रही है. इस सर्किट का विस्तार गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और ओडिशा तक है.
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