कांची शंकराचार्य के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राहुल गांधी ने शोक जताया
शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती कांची मठ के 69वें मठप्रमुख थे. चंद्रशेखेन्द्रा सरस्वती स्वामीगल ने 22 मार्च 1954 का इन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था.

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के निधन पर शोक जताया.
राष्ट्रपति ने व्यक्त की संवेदनाएं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा, "कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. हमारे देश ने एक आध्यात्मिक नेता और सामाजिक सुधारक खो दिया है. मेरी संवेदनाएं उनके असंख्य शिष्यों और अनुयायियों के साथ हैं."
कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। उन्होने अध्यात्म और समाज कल्याण के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। उनके अनगिनत श्रद्धालुओं के प्रति मैं शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं – राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 28, 2018
प्रधानमंत्री ने साझा की पुरानी तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी ने शंकराचार्य के साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए शोक जताया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "श्री कांची कामकोटि पीठ के आचार्य जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य के निधन पर गहरा दुख हुआ. वह अपनी अनुकरणीय सेवा और नेक विचारों की वजह से लाखों भक्तों के दिलो-दिमाग में जीवित रहेंगे. उनकी आत्मा को शांति मिले."
Deeply anguished by the passing away of Acharya of Sri Kanchi Kamakoti Peetam Jagadguru Pujyashri Jayendra Saraswathi Shankaracharya. He will live on in the hearts and minds of lakhs of devotees due to his exemplary service and noblest thoughts. Om Shanti to the departed soul. pic.twitter.com/pXqDPxS1Ki
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2018
पीएम मोदी ने कहा, "जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य असंख्य सामुदायिक अभियानों के अगुवा थे. उन्होंने गरीबों और वंचितों के जीवन में बदलाव लाने वाले संस्थानों का विकास किया."
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांदी ने भी दी श्रद्धांजलि राहुल गांधी ने कहा कि वह कांची शंकराचार्य के निधन की खबर सुनकर दुखी हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "मैं कांची कामकोटि पीठ के जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं." राहुल ने कहा, "उन्हें दुनियाभर में उनकी शिक्षाओं के लिए लाखों भक्तों द्वारा पूजा गया. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे."
I’m saddened to hear about the death of Jagadguru Pujyashri Jayendra Saraswathi Shankaracharya of the Kanchi Kamakoti Peetham.
He was revered by lakhs of believers all over the world for his teachings. May his soul rest in peace. — Office of RG (@OfficeOfRG) February 28, 2018
काफी दिनों से बीमार थे शंकराचार्य, सांस लेने में हो रही थी तकलीफ कांची कामकोठी पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती का 82 साल की उम्केर थे. जयेन्द्र सरस्वती पिछले कई दिनों से बीमार थे और रविवार को चेन्नई के एक अस्पताल में उन्हें चेन्नई के रामचंद्र अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. पिछले महीने से उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.
कांची मठ तमिलनाडु के कांचिपुरम में स्थित है. शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती कांची मठ के 69वें मठप्रमुख थे. चंद्रशेखेन्द्रा सरस्वती स्वामीगल ने 22 मार्च 1954 का इन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. कांची मठ दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है.
जयेन्द्र सरस्वती के निधन के बाद अब कांची मठ में शंकरा विजयेन्द्र सरस्वती को शंकराचार्य नियुक्त किया जाएगा. विजयेन्द्र सरस्वती कांची मठ के 70वें मठप्रमुख होंगे.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























