अब झारखंड में भी चलेगा योगी सरकार का 'ठोक दो' फ़ार्मूला
योगी ने कहा था कि अपराधियों की जगह जेल में हैं या फिर ऊपर. उन्होंने तो बदमाशों को यूपी से बाहर चले जाने की चेतावनी दी थी. उसके बाद राज्य में पुलिस मुठभेड़ का सिलसिला शुरू हो गया. कुछ मारे गए. कुछ तो एनकांउटर में घायल हुए. कई जेल गए. कुछ ने तो खुद ही थानों में जाकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.

नई दिल्ली: 'ठोक देंगे' वाला फ़ार्मूला अब झारखंड में भी चलेगा. यूपी का मुख्य मंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एनकांउटर को खुली छूट दी थी. उनके एक बयान की बड़ी चर्चा हुई थी. योगी ने कहा था कि अपराधियों की जगह जेल में हैं या फिर ऊपर. उन्होंने तो बदमाशों को यूपी से बाहर चले जाने की चेतावनी दी थी. उसके बाद राज्य में पुलिस मुठभेड़ का सिलसिला शुरू हो गया. कुछ मारे गए. कुछ तो एनकांउटर में घायल हुए. कई जेल गए. कुछ ने तो खुद ही थानों में जाकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
विपक्ष ने योगी के इस ठोको नीति का जम कर विरोध किया. कहा गया कि मुठभेड़ फ़र्ज़ी हैं. पुलिस अपराधियों को घर से उठा कर गोली मार रही है. लेकिन अब वही लोग इसी फ़ार्मूले की तारीफ़ करने लगे हैं. अपने-अपने राज्यों में योगी नीति लागू कर रहे हैं. झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार है. जिसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल हैं. वहां अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने अब ठोक दो वाली नीति पर चलाने का फ़ैसला किया है.
झारखंड के डीजीपी एम वी राव ने कहते हैं अवैध हथियार से क्राइम करने वालों को मारने में पुलिस नहीं हिचकेगी. अगर ऐसा लोगों का इलाज नहीं हुआ तो फिर हालात ख़राब हो सकते हैं. राव ने कहा कि एनकांउटर करने पर कोई क़ानूनी समस्या आएगी तो उसे देख लिया जाएगा. दुमका में पुलिस अफ़सरों के साथ मीटिंग के बाद डीजीपी ने उन्हें ऐसा करने की खुली छूट देने का एलान किया. उन्होंने कहा कि अपराधी हथियार लेकर दूसरों की जान लेने निकलते हैं. ऐसे लोगों को पुलिस मार गिराए.
यूपी में योगी सरकार की ठोक दो नीति के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने आसमान सर पर उठा लिया था. पार्टी महासचिव और यूपी का प्रभारी बनने के बाद तो प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी थी. कुछ जगहों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर विरोध भी किया था. योगी सरकार पर विरोधियों को ठिकाने लगाने के आरोप लगाए गए. लेकिन अब वही कांग्रेस और जेएमएम वाली सरकार उसी राह पर है.
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