Manipur Violence: एनएचआरसी ने मणिपुर सरकार को जारी किया नोटिस, महिलाओं के साथ शर्मनाक हरकत के बाद एक्शन
Manipur Violence Case: मणिपुर में हिंसा के दौरान मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना से पूरे देश में आक्रोश है. महिलाओं के साथ जो अत्याचार किया गया उसको लेकर एनएचआरसी ने सरकार को नोटिस भेजा है.
Manipur Women Harassment Case: मणिपुर हिंसा की आग अभी शांत भी नहीं हुई थी कि 4 मई को दो महिलाओं के साथ क्रूरता की हदें पार करने वाले वायरल वीडियो ने देश में गुस्से का माहौल बना दिया है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई करने का आदेश दिया. 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसी क्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मणिपुर सरकार को नोटिस जारी किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मणिपुर के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी करते हुए एनएचआरसी ने चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
नोटिस में एनएचआरसी ने क्या कहा?
मानवाधिकार पैनल ने कहा कि रिपोर्ट में घटनाओं के संबंध में दर्ज एफआईआर की जांच की स्थिति, पीड़ित महिलाओं और अन्य घायल व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति के साथ-साथ अगर किसी पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों को दिया गया मुआवजा हो तो उसे भी शामिल करना होगा.
मानवाधिकार निकाय ने कहा, "आयोग ऐसी बर्बर घटनाओं से नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों के बारे में भी जानना चाहेगा.
सीएम ने की मौत की सजा की बात
वहीं, इस मामले पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था, “हम किसी को नहीं बख्शेंगे. सत्तारूढ़ बीजेपी के सभी विधायक इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. इसमें शामिल सभी लोगों को सख्त से सख्त सजा देंगे, यहां तक कि मौत की सजा की मांग करने की हद तक भी जाएंगे.”
मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी घटना की निंदा की और राज्य के डीजीपी से सवाल किया कि महिलाओं की शिकायत पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? उन्होंने कहा, “मैं जानना चाहती हूं कि महिलाओं की शिकायत पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मैंने आज अपने राज्य के डीजीपी को फोन किया. भविष्य में कभी भी किसी व्यक्ति को महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार के अपराध करने का साहस नहीं करना चाहिए.”
क्या है मामला?
दरअसल, 4 मई को मणिपुर के कांगपोकपी जिले के बी फीनोम गांव में 800-1,000 बदमाशों की भीड़ एक आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को पुलिस हिरासत से उठाकर ले गए. दो महिलाओं को न्यूड करके घुमाया और उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया. वहीं, अपने परिवार की महिलाओं को भीड़ से बचाने के लिए दो पुरुषों की बेरहमी से हत्या भी कर दी गई.
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