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Modi v/s Kharge: नोटबंदी के छह साल पूरे, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे बोले- PM का नोटबंदी की अपनी भयावह विफलता को स्वीकारना बाकी
नोटबंदी की छठीवर्षगांठ के एक दिन पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. खरगे ने कहा कि पीएम को अभी नोटबंदी की विफलता को स्वीकार करना बाकी है जिस कारण अर्थव्यवस्था औधे मुंह गिर गई.
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Six Years Demonetisation: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नोटबंदी के छह साल पूरा होने के मौके पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. खरगे ने नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी को अभी नोटबंदी की इस भयावह विफलता को स्वीकार करना बाकी है. खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री का अभी अपनी उस भयावह विफलता को स्वीकार करना बाकी है जिस कारण अर्थव्यवस्था औधे मुंह गिर गई.
खरगे ने नोटबंदी के छह साल पूरे होने के एक दिन पहले ट्वीट कर कहा, देश को कालेधन से मुक्त करने के वादे से देश में 8 नंवबर को नोटबंदी की गई थी. इसका सकारात्मक असर होने के बजाय नकारात्मक असर पड़ा है. नोटबंदी की वजह से कारोबार और रोजगार पूरी तरह से नष्ट हो गए. नोटबंदी के इस 'मास्टरस्ट्रोक' के छह साल बाद आज चलन में नकदी 2016 की तुलना 72 प्रतिशत से भी अधिक है.
खरगे ने नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए यह भी टिप्पणी की एक मीडिया रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि जनता के पास मुद्रा 21 अक्टूबर तक 30.88 लाख करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई है.
क्या कहते हैं RBI के आंकड़े
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को मुद्रा आपूर्ति पर नए आंकड़े पेश किए. आरबीआई के आंकड़ो के मुताबिक लोगों के पास मुद्रा 21 अक्टूबर को बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये हो गई. जबकि रिजर्व मनी के केंद्रीय बैंक ने 4 नवंबर 2016 के आंकड़ों ने मुद्रा को 17.7 लाख करोड़ रुपये पर प्रचलन में रखा था. आरबीआई के इन आंकड़ो से ही मुद्रा के स्तर का अंतर समझ आ रहा है.
भ्रष्टाचार को खत्म करना नोटबंदी का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए थे.इनके स्थान पर 500 और 2000 रुपये के नए नोट चलन में आए थे. नोटबंदी को देश से भ्रष्टाचार को मिटाने और कालेधन को वापस लाने के उद्देश्य से किया गया था.
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