जेट एयरवेज की लापरवाही से 166 यात्रियों की जान पड़ी खतरे में, नाक-कान से बहने लगा खून
एविएशन एक्सपर्ट पंकज गुप्ता के मुताबिक फ्लाइट अगर कुछ देर और हवा में रहती तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता था, यहां तक कि सभी यात्रियों की जान भी जा सकती थी.

मुंबई: मुंबई से जयपुर जा रही जेट एयरवेज की फ्लाइट संख्या 9W 697 को आपात स्थिति में वापस मुंबई में उतारान पड़ा. केबिन क्रू की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है. केबिन क्रू की भूल की वजह से फ्लाइट में मौजूद 166 यात्रियों की जान आफत में पड़ गई. दरअसल टेकऑफ के दौरान केबिन क्रू फ्लाट के अंदर का प्रेशर मेंटेन रखने वाला स्विच दबाना भूल गया. इस वजह से फ्लाइट के अंदर दबाव अनियंत्रित हो गया और करीब 30 यात्रियों के नाक और कान से खून बहने लगा. फ्लाइट अंदर मौजूद सभी ऑक्सीजन मास्क नीचे आ गए.
जेट एयरवेज की फ्लाइट ने आज सुबह तय समय से तीन मिनट पहले 5 बजकर 52 मिनट पर उड़ान भरी. बीच रास्ते पर 6 बजकर 12 मिनट पर यूटर्न लिया और 7 बजकर 24 मिनट पर वापस इमरजेंसी लैंडिग की. एयरपोर्ट पर पहले से ही एंबुलेंस मौजूद थी, बीमार यात्रियों को फौरन इलाज के लिए ले जाया गया. यह फ्लाइट मुंबई से जयपुर के लिए 10 बजकर 15 मिनट पर उड़ान भरेगी.
The flight will take off from Mumbai for Jaipur at 10.15 am. https://t.co/7jfOAFsugk
— ANI (@ANI) September 20, 2018
मामले की जांच के आदेश, केबिन क्रू ऑफ ड्यूटी इस मामले में डीजीसीए ने बताया कि एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जांच शुरू कर दी है. जेट एयरवेज ने पूरे मामले पर बयान जारी कर खेद जताया है. जेट एयरवेज की ओर से बताया गया जांच पूरी होने तक पूरे क्रू को ऑफ ड्यूटी कर दिया गया है. 
जा सकती थी सभी यात्रियों की जान एविएशन एक्सपर्ट पंकज गुप्ता ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी गलती है. फ्लाइट अगर कुछ देर और हवा में रहती तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता था, यहां तक कि सभी यात्रियों की जान भी जा सकती थी. उन्होंने कहा कि मनुष्य का शरीर समुद्र स्तर पर रहने के लिए बना है, जैसे जैसे कोई भी आदमी जमीन से ऊपर जाता है, दाब कम होता जाता है. इसी स्थिति से निपटने के लिए फ्लाइट में प्रेशराइजेशन की व्यवस्था की जाती है.
फ्लाइट में मौजूद यात्री ने साझा किया अपना डरावना अनुभव फ्लाइट में सवार एक यात्री ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि फ्लाइट के उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही पहले एसी सिस्टम लो हो गया. इसके बाद प्रेशर बढ़ने लगा, जब कुछ यात्रियों ने एयरहोस्टर को बुलाने के लिए बटन भी दबाया लेकिन वो खुद ऑक्सीजन मास्क लगाकर बैठे थे, इसलिए नहीं आए. इसके बाद विमान में यात्रियों में डर बढ़ने लगा. थोड़ी देर बाद फ्लाइट की लैंडिंग कराई गई और बीमार यात्रियों को एबुलेंस में इलाज के लिए ले जाया गया.
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