भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा ने NIA के सामने किया सरेंडर
भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा ने NIA के सामने किया सरेंडर कर दिया है.

नई दिल्ली: नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने उच्चतम न्यायालय से राहत विस्तार नहीं मिलने के बाद मंगलवार को यहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
नवलखा को सुप्रीम कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. उन्हें 2018 के भीमा कोरेगांव दंगे में कथित संलिप्तता को लेकर अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है.
सालों से मुंबई से निकलने वाले इकोनॉमिक एंड पोलिटिकल वीकली जर्नल के संपादक नवलखा उन पांच मानवाधिकार कायकर्ताओं में से एक हैं जिन्हें माओवादियों के साथ कथित संबंधों और भीमा कोरेगांव हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया गया था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया.
हाई कोर्ट ने 16 मार्च को नवलखा को तीन सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था. दरअसल नवलखा ने इस आधार पर राहत बढ़ाने की अर्जी लगायी थी कि कोविड-19 महामारी के दौरान जेल जाने का मतलब एक प्रकार का मृत्युदंड है.
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने आठ अप्रैल को कहा था कि आरोपी को अग्रिम जमानत रद्द होने के अदालत के फैसले और तीन सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने के निर्देश का सम्मान करना चाहिए. नवलखा ने अपने विरूद्ध लगे सभी आरोपों से इनकार किया है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















