नाबार्ड के कर्मचारियों में असंतोष, अपनी मांगों को लेकर तेज कर सकते हैं आंदोलन
नाबार्ड ( NABARD) यानि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ग्रामीण लोगों और किसानों के विकास कार्य में देश के लिये एक अहम भूमिका निभाता है.

मुंबई: देश के ग्रामीण लोगों और किसानों के विकास के लिये जो बैंक काम करता है अब उसके कर्मचारियों में भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की आग सुलग रही है. अपनी मांगों को लेकर कई महीने से इस बैंक के कर्मचारी आवाज उठा रहे हैं. लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला. हम बात कर रहे हैं नाबार्ड ( NABARD) यानि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की. देश का ये ऐसा बैंक है जो ग्रामीण लोगों और किसानों की आवश्यकताओं और उनके जीवन को सुधारने के लिये ऋण उपलब्ध कराता है. इस बैंक की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिये की गयी थी.
कृषि लघु और कुटीर उद्योग, ग्रामीण सिल्क उद्योग, हस्तशिल्प जैसे छोटे उद्योगों के लिए भी यह बैंक ऋण देता है. ग्रामीण लोगों और किसानों के विकास कार्य में यह बैंक देश के लिये एक अहम भूमिका निभाता है. लेकिन इस बैंक में काम करने वाले कर्मचारी अब सरकारी रवैये से असंतुष्ट हैं. उनमें भी अपनी मांगों को लेकर आवाज उठने लगी है जो आंदोलन में तब्दील होती नजर आ रही है. अपनी मांगों को लेकर इस बैंक के कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों ने मुंबई के बीकेसी स्थित नाबार्ड बैंक के बाहर सांकेतिक आंदोलन किया.
यह बैंक मुंबई (महाराष्ट्र) में स्थित है. देशभर में नाबार्ड के 28 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिसकी मदद से ये अपना काम करता है. लेकिन यहां काम करने वाले पूर्व कर्मचारियों और मौजूदा कर्मचारियों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ ऑफिसर्स, एम्पलॉइज एंड रिटायरीज ऑफ नाबार्ड (UFOERN) ने मांग की है कि सरकार उनकी तरफ भी ध्यान दे और उनकी मांगों को पूरा करे.
UFOERN की मांग है कि....
- उनकी एलटीसी सुविधा जो रोक कर रखी गयी है उसे बहाल किया जाए
- एनपीएस अंशदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जाए
- 20 साल पूरे करने पर पेंशन, अंतिम वेतन के आधार पर पेंशन और पेंशन अपडेट की सुविधा दी जाये.
बता दें कि नाबार्ड के कर्मचारी और रिटायर्ड कर्मचारी कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं. वो सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं लेकिन अभी तक संबंधित विभाग की तरफ से उन्हें किसी भी तरह का आश्वासन नही मिला है. नाबार्ड कर्मचारियों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ ऑफिसर्स, एम्पलॉइज एंड रिटायरीज ऑफ नाबार्ड (UFOERN) ने अब ऐलान किया है कि अगर अब सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो वो अपना आंदोलन और भी तेज करेंगे. जिसका असर ग्रामीण और किसानों के विकास पर भी हो सकता है.
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Source: IOCL























