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क्या कोरोना के आगे चीन ने टेक दिए हैं घुटने, आखिर क्यों फेल हो गई सारी रणनीति?

पड़ोसी देश चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चीनी सरकार जीरो कोविड पॉलिसी अपना रही है, जिसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं. चीन में बीते सोमवार को 39,452 कोरोना संक्रमण के मामले रिकोर्ड किए गए.

चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुका है. हालांकि अब लोग इससे लड़ना और इसके साथ जीना सीख गए हैं. लेकिन इसी बीच चीन में कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है जिसके चलते चीनी सरकार सख्त लॉकडाउन और बड़े स्तर पर टेस्टिंग अभियान चला रही है. लॉकडाउन से परेशान लोग अब वहां पर पुलिस-प्रशासन से दो-दो हाथ करने पर उतारू हैं. सोशल मीडिया पर पुलिस और लोगों में झड़प के वीडियो वायरल हो रहे हैं.

सवाल इस बता का है कि खुद को दुनिया में सबसे ताकतवर दिखाने वाले देश चीन आखिर कोरोना से क्यों नहीं निपट पा रहा है जबकि भारत जैसे देश में अब यह पूरी तरह से कंट्रोल में है. चीन में वैक्सीनेशन अभियान भी काम ठीक से काम नहीं कर रहा है. वहीं भारत ने जिस तरह से डिजिटल तकनीकी का इस्तेमाल कर इतनी बड़ी जनसंख्या का टीकाकरण किया है उसकी तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है. 

क्या हैं चीन की जीरो कोविड पॉलिसी
कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए चीन में सरकार ने जीरो कोविड पॉलिसी लागू की हुई है जिसमें लोगों को अपने घरों से निकलने की बिलकुल मनाही हैं. ये वो पॉलिसी है जिसमें चीन कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अलग-अलग रहने के लिए कहता है. लेकिन पिछले कई महीनों से जो लोग ऐसे अलग रहते हुए जीरो कोविड पॉलिसी को अपना रहे हैं, उनका सब्र का बांध टूट चुका है और इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.

लोगों का कहना है कि उन तक खाने-पीने की चीजों से लेकर मेडिकल आदि की जरूरी सुविधाएं तक नहीं पहुंच पा रही है, और दूसरी तरफ घर से निकलने पर भी पाबंदी है और हालात ऐसे हैं कि जीन दूभर हो गया है.

13 बड़े शहरों में प्रदर्शन
चीन के अलग अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है.ये प्रदर्शन चीन के बीजिंग,शंघाई समेत 13 बड़े शहरों तक पहुंच गया है. प्रदर्शनकारी जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ जोरदार आवाज उठा रहे हैं. ये विरोध प्रदर्शन चीन की मौजूदा सरकार के खिलाफ देखने को मिल रहा है. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. यहां तक की उनके इस्तीफे की भी मांग की जा रही है.


क्या कोरोना के आगे चीन ने टेक दिए हैं घुटने, आखिर क्यों फेल हो गई सारी रणनीति?

चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के शी जिनपिंग साल 2012 से राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं. लेकिन कई दशकों से सत्ता पर बनी हुई कम्युनिस्ट पार्टी के सामने कोरोना और लॉकडाउन एक बड़ी चुनौती बनकर आया है. 

पुलिस ने शुरू की सख्ती 
चीन की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटियों में से एक शिन्हुआ के छात्र भी सड़कों पर हैं. चीनी सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. हालांकि मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो चीन में बढ़ते इस प्रदर्शन के चलते सरकार ने सख्ती भी शुरू कर दी है. जिन-जिन शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है वहां पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी है. ऐसे में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिल रही. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस लाठीचार्ज भी कर रही है और उनके घसीट-घसीट कर बंद किया जा रहा है.

25 नंवबर को आगजनी की घटना के बाद उग्र हुआ प्रदर्शन
25 नवंबर से शुरू हुए इस प्रदर्शन को देखते हुए चीनी सरकार ने कोरोना के नियमों में ढील का ऐलान भी कर दिया है. ये विरोध प्रदर्शन तब उग्र हुआ जब चीन के शिंजियांग शहर में एक अपार्टमेंट में आग लग गई और दमकल विभाग के कर्मचारी वक्त रहते नहीं पहुंच पाए. जिससे इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई. दरअसल जीरो कोविड पॉलिसी के चलते दमकल विभाग के कर्मचारी अपार्टमेंट में आग बुझाने के लिए देरी से पहुंचे थे. जिसके कारण ये आग भीषण हो गई. 

"फ्रीडम ऑफ मूवमेंट" की मांग कर रहे चीनी नागरिक
इस हादसे को लेकर लोगों में गुस्सा फूट पड़ा और लोग जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. लोग इस विरोध प्रदर्शन के जरिए अपने अधिकारों को लेकर नारेबाजी और हाथों में पोस्टर बैनर लेकर मानव अधिकारों और आजादी की मांग कर रहे हैं. उनके पोस्टर और बैनरों में फ्रीडम ऑफ मूवमेंट लिखा है जिसे चीनी सरकार ने जीरो कोविड पॉलिसी के नाम पर छीन लिया है. 

आखिर क्यों बढ़ रहे हैं चीन में कोरोना के मामले?
लेकिन इसी बीच यहां सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर चीन में कोरोना के इतने मामले क्यों बढ़ रहे हैं ? क्या चीन ने कोरोना के आगे घुटने टेक दिए हैं या फिर कोरोना के खिलाफ चीन जो रणनीति अपना रहा है वो फेल साबित हो रही हैं.

चीन में स्कूल बंद हैं. बच्चे घरों में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. दूकानें, रेस्त्रां पर ताला जड़ा है.  कई लोग तो वर्कप्लेस पर ही रहने को मजबूर हैं. जहां उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है. फिर भी कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह है कि लोगों तक पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और जो लोग बीमार हैं उनकी वजह से संक्रमण बढ़ता जा रहा है. 

सोमवार को चीन में आए 40 हजार के करीब मामले
सोमवार को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक 39,452 कोरोना संक्रमण के मामले रिकोर्ड किए गए. जिनमें से 36,304 मामले ऐसे थे जिसमें मरीजों में कोरोने के लक्षण नहीं थे.

वहीं इससे पहले 24 नवंबर गुरुवार को कोरोना के 31,454 मामले सामने आए और 25 नंवबर को बीते 24 घंटों में बढ़कर 32,943 मामले रिकॉर्ड हुए. चीन में कोरोना काल की शुरुआत के बाद से एक दिन में आ रहे कोरोना के इन औसतन मामलों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इससे पहले इसी साल 3 महीने पहले चीन में कोरोना के रोजाना 25-28 हजार के करीब मामले आ रहे थे. 

भारत में बीते 24 घंटे में आए 215 मामले
वहीं कोरोना के बढ़ते मामले में दुनियाभर में दूसरे नंबर पर रहा भारत ने कोरोना पर कंट्रोल कर लिया है. लॉकडाउन जैसी स्थिति भी देखने को नहीं मिल रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को देश में कोरोना संक्रमण 215 नए मामले सामने आए. जो अप्रैल 2020 के बाद सबसे कम हैं. 

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