राष्ट्रपति चुनाव: कांग्रेस ने कहा, 'जरूरत पड़ने पर खड़ा करेंगे विपक्ष की आम सहमति वाला उम्मीदवार'

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज कहा कि यदि बीजेपी सरकार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के बारे में विपक्ष से बात करने की पहल नहीं करती है तो गैर एनडीए दल किसी योग्य उम्मीदवार के बारे में आम सहमति से फैसला करेंगे.
देश को हल्के में नहीं ले सकती BJP या NDA सरकार
राष्ट्रपति चुनाव के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘‘आपने देखा कि निरंतर प्रयास हो रहे हैं. चेन्नई और अन्य स्थानों पर कई बैठकें और विचार विमर्श हुआ ताकि गैर एनडीए दलों के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम सहमति बन सके.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि बीजेपी या एनडीए सरकार देश को हल्के में नहीं ले सकती. बहुत से योग्य उम्मीदवार हैं. यदि वे विपक्ष से बातचीत करने की पहल नहीं करते हैं ये दल (विपक्ष) किसी योग्य उम्मीदवार के बारे में आम सहमति से फैसला करेंगे.’’
सिंघवी ने कहा कि इसी उद्देश्य से शीर्ष स्तर पर कई बैठकें हुई हैं. किन्तु इसके लिए बहुत सारी बातों पर विचार विमर्श करने की जरूरत है. इसी लिए प्रत्येक पार्टी से दो दिन प्रतिनिधियों को इस बारे में बातचीत करने के लिए तय किया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने इसी बारे में बात की थी. अन्य पार्टियों में भी ऐसे वार्ताकार होंगे. कांग्रेस की तरफ से इस मामले में बातचीत करने के बारे में जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गयी, उनके नाम बताने में सिंघवी ने असमर्थता व्यक्त की.
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के पास कई योग्य उम्मीदवार
राष्ट्रपति पद के लिए सत्ताधारी बीजेपी की ओर से किसी उम्मीदवार पर आम राय बनाने की कोशिश अब तक नहीं शुरू किए जाने के बीच कांग्रेस ने आज कहा कि यदि एनडीए गठबंधन विपक्षी पार्टियों से इस बाबत विचार-विमर्श नहीं करता है तो गैर-एनडीए पार्टियां भारत के लिए ‘‘बेहतरीन व्यक्ति’’ तलाशने की हर मुमकिन कोशिश करेंगी.
सिंघवी ने कहा कि विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन इस मुद्दे पर देश को हल्के में नहीं ले सकता और विपक्ष मिलकर चुनौती पेश करेगा क्योंकि उसके पास कई ‘‘योग्य’’ उम्मीदवार हैं. बहरहाल, सिंघवी ने 17 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया. इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों में तालमेल का हवाला देते हुए सिंघवी ने कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए एक उप-समूह बनाया गया है और इसकी बैठक जल्द होगी.
''अधिसूचना जारी होने के बाद फैसला करेंगी विपक्षी पार्टियां''
माकपा ने कहा कि वह धर्मनिरपेक्ष साख वाले ऐसे व्यक्ति के लिए अन्य पार्टियों से चर्चा कर रही है जो भारतीय संविधान के संरक्षक (कस्टोडियन) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर सके. पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि जैसा चलन रहा है, ऐसे में सरकार को अब तक तो आम राय से उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि चूंकि अब तक ऐसा नहीं किया गया है, इसलिए अधिसूचना जारी होने के बाद विपक्षी पार्टियां फैसला करेंगी.
येचुरी ने कहा, ‘‘लिहाजा, हमने ऐसा उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है जो हमारे गणतंत्र के संवैधानिक सिद्धांतों का पालन कर सके. विचार-विमर्श करने के बाद चुनावों की समयसीमा के आधार पर हम उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देंगे.’’
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