CAA Rules In India: सीएए लागू करने के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रदर्शन, मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन की अगुवाई में नारेबाजी
CAA Rules Notification: केंद्र सरकार ने 11 मार्च को सीएए लागू करने की घोषणा की तो कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया. दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में भी विरोध-प्रदर्शन हुआ.
Citizenship Amendment Act: केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) लागू किए जाने के कुछ घंटों बाद सोमवार (11 मार्च) को दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके कारण परिसर में भारी पुलिस तैनात किया गया.
मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) की अगुवाई में विद्यार्थियों के एक समूह ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. कांग्रेस से संबद्ध भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने भी सीएए लागू किए जाने का विरोध किया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिसर के बाहर भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए जामिया परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं- जामिया के कार्यवाहक कुलपति
जामिया के कार्यवाहक कुलपति इकबाल हुसैन ने कहा, ''हमने परिसर में किसी भी तरह के आंदोलन को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. परिसर के पास विद्यार्थियों या बाहरी लोगों को सीएए के खिलाफ किसी भी तरह का विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी.''
एक वीडियो सामने आया है, जिसमें विद्यार्थियों का एक समूह पोस्टर और बैनर लेकर जामिया परिसर में सीएए और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के खिलाफ नारेबाजी करता हुआ दिखाई दे रहा है.
NSUI की जामिया इकाई क्या बोली?
एनएसयूआई की जामिया इकाई ने एक बयान में कहा, ''एनएसयूआई जामिया मिलिया इस्लामिया असंवैधानिक सीएए को लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध जताता है.'' जामिया एनएसयूआई के अध्यक्ष एनएस अब्दुल हमीद और उपाध्यक्ष दिब्या ज्योति त्रिपाठी ने अपना विरोध दर्ज कराने को लेकर संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया.
बता दें कि सीएए लागू होने से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है.
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