किसान आंदोलन में चर्चा का विषय बना हुआ है एक बाज, पढ़ें पूरी खबर
सिंघु बॉर्डर पर एक किसान इस बाज को अपने साथ लेकर आए हैं. लोग इस बाज के साथ फोटो ले रहे हैं. बाज के जरिए किसान सरकार को एक संदेश देना चाहते हैं.

नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में एक बाज भी चर्चा का विषय बना हुआ है. लोगबाग इस बाज के आसपास फ़ोटो खिंचवाने में लगे हुए हैं. यह बाज आसपास से नहीं बल्कि अमृतसर से सिंघु बॉर्डर पर लाया गया है, जिसे एक किसान अपने साथ लाये हैं.
क्या संदेश देना चाहते हैं किसान?
एक किसान ने कहा, “मैं अमृतसर से आया हूं. बाज हमारे गुरु गोविंद सिंह जी भी साथ रखते थे. वह जहां जहां भी गए बाज उनके साथ ही गया है. बाज शांति का प्रतीक भी है और लड़ाई का भी. बाज के माध्यम से हम मोदी सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि किसान शांतिपूर्वक अहिंसा के मार्ग पर चलकर अपना आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अगर लड़ाई की नौबत आती है तो हम लड़ने को भी तैयार हैं. डिब्बे पर गांव का नाम लिखा है. हम माझा से आते हैं.”
कल किसान संगठनों के प्रमुख करेंगे भूख हड़ताल
बीते दो सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संघों के प्रमुख कल एक दिन का भूख हड़ताल करेंगे. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होने वाली यह भूख हड़ताल आज से आंदोलन को तेज करने की किसानों की योजना का हिस्सा है.
जो किसानों को 'आतंकी' कहते हैं वे इंसान कहलाने के लायक नहीं- उद्धव ठाकरे
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