अमृतसर ट्रेन हादसा: दर्दनाक हादसे की पूरी बातें, जिसका जानना आपके लिए जरूरी है
दशहरे के मौके पर पंजाब के अमृतसर से भयावह हादसे की खबर आई. रावण दहन देख रहे लोग अचानक तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे कम से कम 58 लोगों की मौत हो गई. जबकि 72 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है.

नई दिल्ली: दशहरे के मौके पर पंजाब के अमृतसर से भयावह हादसे की खबर आई. रावण दहन देख रहे लोग अचानक तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे कम से कम 58 लोगों की मौत हो गई. जबकि 72 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. अमृतसर के सब डिवीजन मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने कहा कि 58 शव बरामद कर लिए गए हैं और करीब 72 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
कैसे हुआ दिल दहलाने वाला हादसा
अधिकारियों ने बताया कि रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. उन्होंने बताया कि उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आई और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला.
उन्होंने बताया कि एक ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए. इस घटना के बाद से ही मौके पर चीख पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे. क्षत-विक्षत शव घटना के घंटों बाद भी घटनास्थल पर ही पड़े थे क्योंकि नाराज लोग प्रशासन को शव हटाने नहीं दे रहे थे. कई शवों की पहचान भी नहीं हो सकी. जमीन पर क्षत-विक्षत शव पड़े हुए थे.
कौन है जिम्मेदार इस बड़े हादसे के बाद ये सवाल उठना लाजिमी है कि इस दर्दनाक हादसे के पीछे जिम्मेदार कौन है. आपको बता दें कि प्रशासन से रावण दहन की अनुमति नहीं ली गई थी. इसका आयोजन कांग्रेस के पार्षद ने मिट्ठू मदान ने बिना अनुमति के कराया था. यहां कई बड़े नेता मौजूद थे लेकिन दूसरी तरफ छोटे और तंग जगह में नेताओं के आने के बाद भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे.
दूसरी तरफ बड़ी LED सक्रीन को उस तरफ लगाया गया था जिस तरफ पटरी थी. इससे भी बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि जब भारी भीड़ थी तो रेलवे को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी गई. स्थानिय लोगों ने कहा कि अगर लाइन मैन रेलवे फाटक बंद कर देता तो ये हादसा नहीं होता. लोगों ने स्टेशन मास्टर को भी इस हादसे का दोषी माना है.
विपक्ष की तरफ से भी इस बात को उठाया गया है कि जह पार्षद और बड़े नेता वहां मौजूद थे तो प्रशासन की ओर से व्यवस्था का इंतजाम क्यों नहीं किया गया.
मुख्यमंत्री ने किया मुआवजे का एलान
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए पांच लाख रूपये मुआवजे की घोषणा की साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह राहत एवं बचाव अभियान का खुद जायाजा लेने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल हुए सभी लोगों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा भी की है. हालाकि सवाल इस बात को लेकर भी उठाए जा रहे हैं कि एक तरफ जहां लोगों के सवाल खत्म नहीं हो रहे हैं वैसे हाल में मुख्यमंत्री आज के बजाय कल क्यों जा रहे हैं.
हेल्पलाइन नंबर जारी अमृतसर ट्रेन दुर्घटना के लिए रेलवे ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी की है. 0183-2223171, 0183-2564485 इस नंबर पर आप जानकारी ले सकते हैं. घायलों को गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया है वहीं पंजाब सरकार की ओर से लोगों से रक्तदान करने का निवेदन किया गया है.
चश्मदीद का क्या है कहना चश्मदीदों ने इस हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार बताया है साथ ही उन्होंने स्थानिय विधायक और कांग्रेस के बड़े नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पर भी अपने गुस्से का इजहार किया. चश्मदीदों ने नेताओं पर हादसे के बाद भाग जाने का आरोप लगाया. लोगों ने कहा कि जिस वक्त लोगों की लाश पटरी पर थी उस वक्त उन्हें साथ देना चाहिए था जबकि वो वहां से भाग गई. चश्मदीदों की मानें तो घटना स्थल पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे.

बिहार-यूपी के लोग मृतकों में शामिल मरने वालों की संख्या इस वक्त 50 के करीब है जिसके बढ़ने की आशंका ज्यादा है. फिलहाल जो जानकारी सामने आ रही है उनमें मृतकों और घायलों में अधिकतर लोग यूपी और बिहार के बताए जा रहे हैं. मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं.
लोगों में भयानक रोष इस भयानक और दर्दनाक हादसे के बाद से स्थानीय लोगों में काफी रोष है खास तौर पर चीफ गेस्ट नवजोत कौर को लेकर. चश्मदीदों का कहना है कि जिस वक्त ये हादसा हुआ और पटरी पर लाशों का ढेर था उसी वक्त नवजौत कौर वहां से चलीं गईं. लोगों ने कांग्रेस सरकार को इस घटना के लिए जिम्मेबार बताया.
वहीं अपने ऊपर हो रहे हमलों का जवाब देते हुए नवजौत कौर ने कहा कि जैसे ही रावण दहन हुआ मैं वहां से निकल चुकी थी. उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिक्ता घायलों का उचित इलाज है. उन्होंने कहा कि यहां हर साल दशहरे का आयोजन होता रहा है और जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें शर्म आना चाहिए.
क्या टाला जा सकता था हादसा स्थानीय लोग और नवजौत कौर की बातों को मानें तो सभी ने यही कहा कि सालों से इस जगह रावण दहन होता रहा है. लेकिन हादसे के बाद इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस आयोजन के लिए प्रशासन से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई थी. प्रशासन अगर मुस्तैद रहता और रेलवे को इस मेले की जानकारी समय पर देता तो शायद हादसे को टाला जा सकता था.

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया शोक इल घटना के बाद देश भर में शोक की लहर फैल गई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है. मोदी ने अधिकारियों को तत्काल सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “पंजाब के अमृतसर में रेल की पटरी पर हुए हादसे की खबर सुनकर दुखी हूं. मैं समझता हूं कि भारतीय रेलवे और स्थानीय अधिकारी प्रभावित लोगों को मदद पहुंचा रहे होंगे.'

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हादसे पर शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने राज्य सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं से घटनास्थल पर तत्काल सहायता पहुंचाने को कहा है. गांधी ने कहा, “ पंजाब में ट्रेन हादसे में 50 लोगों की मौत स्तब्ध कर देने वाली है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है. मैं घायल लोगों के तेजी से ठीक होने की कामना करता हूं.'
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेष चौबे मौके पर जा रहे हैं.
रेल मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल अमेरिका में हैं और वह अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर वापस लौट रहे हैं.
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Source: IOCL





















