चाणक्य ने 2300 साल पहले वंशवाद की राजनीति की निंदा की थी: शाह
अमित शाह ने ‘वंशवादी’ की राजनीति की निंदा करने के लिए प्राचीन काल के दार्शनिक चाणक्य का हवाला दिया. उन्होंने कहा, ‘‘चाणक्य ने करीब 2300 साल पहले वंशवाद की राजनीति की निंदा की थी और उनकी बातें अब भी प्रासंगिक है.’’

पुणे: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने ‘वंशवादी’ की राजनीति की निंदा करने के लिए प्राचीन काल के दार्शनिक चाणक्य का हवाला दिया. उन्होंने कहा, ‘‘चाणक्य ने करीब 2300 साल पहले वंशवाद की राजनीति की निंदा की थी और उनकी बातें अब भी प्रासंगिक है.’’
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से काफी करीब से जुड़ी संस्था में ‘आज के परिप्रेक्ष्य में आर्य चाणक्य का जीवन और उनका कार्य’ विषय पर अपने संबोधन में कहा, ‘‘शासकों के बारे में जहां तक चाणक्य की सोच की बात है तो उन्होंने साम्राज्य चलाने में वंशवाद के विचार का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि अक्षम वरिष्ठ को साम्राज्य के शासन की बागडोर दे दी जाए. सबसे योग्य व्यक्ति भले ही वो छोटा क्यों न हो, उसको साम्राज्य चलाने देना चाहिए.’’
शाह ने कहा , ‘‘(चाणक्य के अनुसार) अगर शासक का एकमात्र पुत्र है और वो साम्राज्य का शासन चलाने में असमर्थ हो तो मंत्रिमंडल को किसी लायक को चुनना चाहिए.’’ हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वो किसी खास व्यक्ति पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘चाणक्य ने पहले ही लिख दिया है कि राजा संविधान का प्रधान सेवक होता है और हमारे प्रधानमंत्री ने भी कहा कि वह प्रधान सेवक हैं.’’
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