Amarnath Yatra 2025: 'बाबा ने बुलाया है तो जरूर जाएंगे', अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह, बोले- 'पीएम मोदी पर पूरा भरोसा'
Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा हर साल श्रावण मास में होती है, जो इस बार 03 जुलाई से शुरू होकर 09 अगस्त तक चलेगी. बाबा बर्फानी का पवित्र गुफा मंदिर समुद्रतल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

Amarnath Yatra 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बार फिर अमरनाथ यात्रा का पावन सिलसिला शुरू हो गया है. बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु पहलगाम पहुंच रहे हैं. इस बार खास बात यह है कि हाल ही में हुए आतंकी हमले के बावजूद श्रद्धालुओं का हौसला कम नहीं हुआ है.
गुजरात और कोलकाता से पहुंचे श्रद्धालुओं ने ABP News से बातचीत में कहा कि उन्हें कहीं से भी डर महसूस नहीं हो रहा. उनके मुताबिक, चारों ओर सुरक्षाबल तैनात हैं और हर जगह कड़ी निगरानी की जा रही है. एक श्रद्धालु ने कहा कि हम पिछले 15 सालों से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आ रहे हैं और इस बार भी जाएंगे. बाबा ने बुलाया है तो वह दर्शन भी जरूर देंगे.
श्रद्धालुओं ने सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ की
श्रद्धालुओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की तरफ से की गई सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी जी ने बहुत अच्छा प्रबंध किया है. जवान हर जगह नजर आ रहे हैं और हमें पूरी तरह से सुरक्षित महसूस हो रहा है. हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा के रूट पर विशेष सतर्कता बरती है. पहलगाम से लेकर बालटाल तक जगह-जगह सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. हर चेक पोस्ट पर आने-जाने वाले वाहनों की गहन जांच की जा रही है.
बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड भी तैनात
सुरक्षा को लेकर कोई ढिलाई न रहे, इसके लिए चेक पोस्टों पर बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की टीमों को भी तैनात किया गया है. हर वाहन को रोककर उसकी पूरी तरह जांच की जा रही है, तभी आगे बढ़ने की अनुमति दी जा रही है. यात्रा मार्ग पर CCTV कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके. सुरक्षाकर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं और चौकसी बरती जा रही है.
हर साल लगती है श्रद्धालुओं की भीड़
अमरनाथ यात्रा हर साल श्रावण मास में होती है, जो इस बार 03 जुलाई से शुरू होकर 09 अगस्त तक चलेगी. बाबा बर्फानी का पवित्र गुफा मंदिर समुद्रतल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और वहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कठिन चढ़ाई करनी होती है. इसके बावजूद हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
इस बार की यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया है, जिसमें सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त तैनाती की गई है. हेलीकॉप्टर से भी निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी साजिश को समय रहते नाकाम किया जा सके.
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