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फिल्मों की तरह लूट की वारदात को अंजाम देता है ये गैंग, शातिराना हैं इसकी तरकीबें
इनके गैंग की सबसे खास ये है कि हर गिरोह में दो से तीन महिलाएं होती हैं. ताकि देखने वाला पहली बार में अंदाजा ना लगा पाए कि ये एक गैंग है.

नई दिल्ली: कार के शीशे पर दस्तक देकर लूट लेने वाला गैंग इस समय चर्चा का विषय बन गया है. आए दिन इस गैंग के कोई ना कोई कारनामे सुनने को मिलते हैं. अपने काम करने के तरीके की वजह से इसका नाम 'ठक ठक गैंग' पड़ गया है. इस गैंग ने दिल्ली, कोलकाता व मुंबई सहित देश के बड़े शहरों में अपना आतंक फैलाया हुआ है. इस गैंग के सदस्य खास तौर से चौक-चौराहे या रेड लाइट पर रुकने वाली गाड़ियों अपना निशाना बनाते हैं. गाड़ियों में ठक-ठक आवाज कर, टायर पंचर कर या शीशे पर अंडे, तेल या कुछ फेंक कर ड्राइवर का ध्यान बंटाते हैं. जैसे ही गाड़ी में बैटा आदमी नीचे उतर कर गाड़ी चेक करता तो मौका देखकर वो लूट को अंजाम देकर कर फरार हो जाते है. गाड़ी की शीशे पर इन चीजों को फेंकने से विजिबिल्टी ना के बराबर हो जाती है. हर गिरोह में होती हैं दो से तीन महिलाएं इनके गैंग की सबसे खास ये होती है हर गिरोह में दो से तीन महिलाएं होती हैं. ताकि देखने वाला पहली बार में अंदाजा ना लगा पाए कि ये एक गैंग है. जो किसी वारदात को अंजाम देने के फिराक में है. पार्किंग में खड़ी कारें भी होती हैं निशाना सिगनल्स के अलावा इनके निशाने पर पार्किंग में खड़ी कारें भी होती हैं जिसे ये पंचर कर देते हैं. जैसे ही कार सवार नीचे उतर कर पंचर की जांच करता ये अपना हाथ साफ कर जाते. गैंग के सदस्य मौके के हिसाब से लूट की तरकीबें अपनाते हैं. कुछ मामले तो ऐसे सामने आए जिसमें इन्होंने बोनट के नीचे से ऑयल लीक होने या सड़क पर पैसे गिरे होने की बात चालक को बताकर लूट को अंजाम दिया. फर्जी एक्सीडेंट भी लूट का जरिया इस तरकीब में गैंग की महिला किसी चलती गाड़ी से जाकर टकरा जाती है और गैंग के पुरुष सदस्य जाकर गाड़ी मालिक से लड़ाई-झगड़ा शुरू कर देते. बाकी बचे सदस्य गाड़ी से सामान चोरी कर लेते. गैंग ने ऐसे कितने कारनामों को अंजाम दिया है. हाल ही में दिल्ली पुलिस की क्राइम सेल ने गैंग के मुखिया एन कन्हैया उर्फ गुरुजी को गिरफ्तार किया है. गुरुजी ठक-ठक गैंग का मास्टरमाइंड है. जो गैंग के मेंबर्स को ट्रेनिंग देने, उनके रहने ,खाने-पीने और किसी मुश्किल में फंस जाने पर उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने का काम करता था. गुरुजी की खास बात ये थी कि ये हर शहर में कलेक्शन करने खुद ही जाया करता था. गैंग के सदस्य दो-तीन वारदातें करने के बाद इसको खबर करते थे. जिसके बाद ये उस शहर जाता और चोरी के माल को अपने साथ ले आता. लोगों की नजर से बचने के लिए ये हमेशा फ्लाइट या वीआईपी ट्रेनों में ही सफर किया करता था. पुलिस ने उसके पास से 8 लाख रुपए कैश एक गन और दो कारतूस बरामद किए हैं.
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