एमपी के हनीट्रैप कांड में खुलासा: आरोपी महिलाएं ब्लैकमेल के पैसे से चलाती थीं कंपनियां
मध्य प्रदेश के हनीट्रैप मामले ने राज्य को हिला कर रख दिया है. इस केस में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं और नई बातें सामने आ रही हैं. अब एसआईटी के हाथ कुछ कागज लगे हैं जिनसे कई और राज सामने आए हैं.
भोपाल: मध्य प्रदेश के चर्चित हनीट्रैप मामले में रोज हो रहे खुलासों ने साबित कर दिया है कि प्रभावशाली लोगों को रूपजाल में फंसाकर काम निकालने वाली महिलायें गैंग बनाकर काम करती थीं और ब्लैकमेल कर कमाए पैसा को खपाने के लिये इन सबने कंपनियां बना रखीं थीं. इस मामले की जांच कर रही एसआईटी को कंपनियों के कागजात हाथ लगे हैं. इन कंपनियों में हुये करोडों रूपये के लेनदेन की भी जांच हो रही है.
मध्य प्रदेश की राजनीति से लेकर प्रशासनिक हलकों तक को हिला देने वाले मामले ''हनीट्रैप'' में पकडी गयी महिलाएं लंबे समय से इस धंधे में सक्रिय थीं. ये महिलाएं नेता अफसरों को अपने रूप जाल में फंसाकर करोडों रुपये की कमाई कर रही थीं. इस मामले में गिरफ्तार पांच महिलाओं की सरगना सागर की श्वेता जैन को बताया जा रहा है.
इन महिलाओं ने कई कंपनियां बना रखीं थीं जिनमें इस काम से मिला पैसा खपाया जाता था. सागर की श्वेता विजय जैन के नाम से दो कंपनियां मिली हैं. एक कंपनी दीपथीमंथन इंटरप्राइजेज के नाम से है जिसमें श्वेता जैन और उसके भाई राजा जैन डायरेक्टर हैं, तो दूसरी कंपनी श्वेता जैन ने आरती के साथ मिलकर बनायी जिसका नाम मिंगो टैक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड है. दोनों कंपनियों में पता- जे 394, मिनाल रेसीडेंसी भोपाल का दिया गया है. और दोनों को दस-दस लाख की पूंजी से शुरू किया गया था. इन कंपनियों के लेन देन को अब खंगाला जा रहा है.
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ये महिलाएं नेताओं और अफसरों से करीबी बढाकर पैसा इन कंपनियों के खातों में डलवातीं थीं और पैसा देने में आनाकानी करने पर उसकी रिकर्डिंग दिखाकर ब्लैकमेल किया जाता था. श्वेता जैन का एनजीओ महिला जागृति कला मंच था जिसे केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार से अनुदान मिलने का रिकार्ड मिला है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार में इस एनजीओ को बहुत काम मिला और कमाई हुयी.
सागर की श्वेता जैन के अलावा इस गैंग में श्वेता स्वप्निल जैन है जो विधायक मंत्रियों के लिये आवंटित पॉश कालोनी में रहती थी और आईएएस अफसरों के क्लब की सदस्य भी थी. उसके पति का भी लंबा कारोबार था जिसकी पिछले सालों में हुई कमाई की जानकारी जुटाई जा रही है. श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी, आरती दयाल और मोनिका यादव को कोर्ट ने 14 अक्टूबर तक जेल भेज दिया है. अब एसआईटी के सामने चुनौती है कि इन महिलाओं से पूछताछ से निकल कर आयी जानकारी के आधार पर उन लोगों के खिलाफ एफआईआर करे जिनको इन महिलाओं ने अपने जाल में फंसाकर सरकारी खजाने को चूना लगाया.
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लबी जांच के बाद एसआईटी को हनीट्रैप के मामले में इतनी संवेदनशील सामग्री हाथ लगी है कि जांच की दिशा ही भटक गयी है. जांच अफसरों के खिलाफ हो या नेताओं के ख्लिाफ तय नहीं हो पा रहा. ऐसे में रोज आ रहे नये वीडियो और फोटो से सरकार की छीछालेदार हो रही है जिससे सीएम कमलनाथ नाराज हैं. अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में जांच की दिशा किस और होती है और कौन इनकी चपेट में आता है.