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क्या आप भी बच्चे को सुबह जल्दी उठकर पढ़ने के लिए कहते हैं... तो जानिए ये कितना गलत है?
कई माता-पिता सोचते हैं कि सुबह जल्दी उठना और पढ़ाई करना बच्चों के लिए सबसे अच्छा है. लेकिन, क्या यह हमेशा सही होता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की सच्चाई.

बच्चे की पढ़ाई की आदतें
Source : Freepik
अक्सर माता-पिता यह मानते हैं कि सुबह का समय पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा होता है. वे सोचते हैं कि इस समय बच्चे का मन ताजा और शांत होता है, जिससे वह बेहतर सीख सकता है. हालांकि, हर बच्चे की लाइफस्टाइल और सीखने की क्षमता अलग होती है. सुबह जल्दी उठना और पढ़ाई करना कुछ बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन सभी के लिए नहीं. आइए जानते हैं कि क्यों सभी बच्चों के लिए सुबह उठकर पढ़ना सही नहीं होता है.
नींद पुरी न होना
विशेषज्ञों का मानना है कि पर्याप्त नींद बच्चों की हेल्थ और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. बच्चों को हर रात कम से कम 8-10 घंटे की नींद लेनी चाहिए. सुबह जल्दी उठने की आदत से उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती, जिसका उनके हेल्थ और सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
बायोलॉजिकल क्लॉक अलग होता है
हर बच्चे की बायोलॉजिकल क्लॉक अलग होती है. कुछ बच्चे सुबह जग कर पढ़ाई अच्छे से कर लेते हैं जबकि कुछ रात में बेहतर पढ़ाई कर पाते हैं. इसलिए, माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की प्राकृतिक प्रवृत्ति को समझें और उसके अनुसार ही उनकी पढ़ाई का समय तय करें.
रात में देर से सोना
सुबह का समय पढ़ाई के लिए अच्छा होता है क्योंकि दिमाग तरोताजा रहता है. लेकिन, अगर बच्चे रात को देर से सोए हैं, तो सुबह जल्दी उठाने पर उन्हें थकान और तनाव महसूस हो सकता है. हर बच्चे की नींद और जागने की अलग-अलग जरूरत होती है. सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करना अच्छा है, पर अगर बच्चे रात में देर से सोए हों तो उन्हें जबरदस्ती जल्दी नहीं उठाना चाहिए. इससे उन्हें थकावट और चिड़चिड़ापन हो सकता है, और वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएंगे. बेहतर है कि बच्चों को पर्याप्त नींद लेने दी जाए और उनके नींद के पैटर्न के अनुसार पढ़ाई का समय तय किया जाए. ऐसा करने से बच्चे तरोताजा महसूस करेंगे और उनकी पढ़ाई में भी मन लगेगा.
सुबह का समय पढ़ाई के लिए अच्छा होता है क्योंकि दिमाग तरोताजा रहता है. लेकिन, अगर बच्चे रात को देर से सोए हैं, तो सुबह जल्दी उठाने पर उन्हें थकान और तनाव महसूस हो सकता है. हर बच्चे की नींद और जागने की अलग-अलग जरूरत होती है. सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करना अच्छा है, पर अगर बच्चे रात में देर से सोए हों तो उन्हें जबरदस्ती जल्दी नहीं उठाना चाहिए. इससे उन्हें थकावट और चिड़चिड़ापन हो सकता है, और वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएंगे. बेहतर है कि बच्चों को पर्याप्त नींद लेने दी जाए और उनके नींद के पैटर्न के अनुसार पढ़ाई का समय तय किया जाए. ऐसा करने से बच्चे तरोताजा महसूस करेंगे और उनकी पढ़ाई में भी मन लगेगा.
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