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Heart Attack: जिम में क्यों आ रहा है हार्ट अटैक, एक्सरसाइज करते वक्त ये गलती कभी न करें
Gym And Heart Attack:.जब भी आप जिम में एक्सरसाइज करने जाते हैं तो यह बहुत जरूरी है कि आप अपने वर्कआउट के लेवल को लेकर कंफर्टेबल होने चाहिए. जिम में यह गलतियां पड़ सकती हैं भारी.
Heart Attack At Gym: टेलीविजन इंडस्ट्री से एक और बुरी खबर आई है टीवी के जाने-माने एक्टर सिद्धांत सूर्यवंशी का जिम में वर्कआउट करने के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया. 46 साल की उम्र में फिटनेस फ्रीक माने जाने वाले सिद्धांत सूर्यवंशी को हार्ट अटैक आ गया.
इससे पहले टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला और हाल ही में जाने-माने कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव भी हार्ट अटैक के चलते इस दुनिया को अलविदा कह गए. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जो एक्टर्स अपने फिटनेस को लेकर काफी सतर्क रहते हैं, एक प्रॉपर डाइट लेते हैं और रोजाना एक्सरसाइज करते हैं आखिर उन्हें इस उम्र में हार्ट अटैक क्यों आ रहा है. वो क्या कारण हैं जिसके चलते युवाओं को दिल की बीमारियां और हार्ट अटैक अपना शिकार बना रहे हैं. चलिए जानते हैं.
40 की उम्र के बाद है खतरा
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक 40 से अधिक उम्र के हर व्यक्ति में दिल से जुड़ी बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है. खासकर उन लोगों में यह खतरा ज्यादा होता है जिन्हें डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की बीमारी हो. ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि अगर आप जिम में इंटेंस एक्सरसाइज कर रहे हैं तो पहले इस बात को लेकर श्योर हो जाएं कि आपको दिल से जुड़ी कोई भी बीमारी नहीं है.
इसके लिए आपको अपना हार्ट चेक अप इस उम्र के बाद जरूर कराना चाहिए. डॉक्टरों की मानें तो जिन लोगों को दिल से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है उनके लिए दौड़ना घातक हो सकता है. दरअसल दिल की आर्टिरीज में एरीथेमैटस प्लार्क के ज्यादा एक्सरसाइज करने से फटने का खतरा बढ़ जाता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक आ सकता है. ऐसे में 40 की उम्र पार करने के बाद लोगों को बहुत ध्यान रखकर एक्सरसाइज करनी चाहिए.
एक्सरसाइज के दौरान ये करने से बचना चाहिए
जब भी आप जिम में एक्सरसाइज करने जाते हैं तो यह बहुत जरूरी है कि आप अपने वर्कआउट के लेवल को लेकर कंफर्टेबल होने चाहिए. कभी भी एक्सरसाइज किसी और के मुताबिक नहीं बढ़ानी चाहिए क्योंकि यह अक्सर समस्याओं का कारण बनती है. ज्यादातर लोग ब्रिस्क वाकिंग करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह दिल का ख्याल रखने के लिए अच्छी होती है. हालांकि ब्रिस्क वॉक करते समय स्पीड भी अलग-अलग लोगों की अलग हो सकती है. जब भी आप एक्सरसाइज कर रहे हों तो इस बात का ख्याल रखें कि अगर आपको सेंटेंस बोलने में कठिनाई हो रही है तो वह आपके लिए तेज चलना है. यह स्पीड 15 साल से लेकर 85 साल तक की उम्र के लोगों के लिए डिफरेंट हो सकती है. ऐसे में जो स्पीड आपके और आपकी हार्ट रेट के लिए कंफर्टेबल हो उसी में एक्सरसाइज या कार्डियो करें.
स्ट्रेस और नींद पूरी ना होना भी है वजह
जरूरत से ज्यादा तनाव, स्ट्रेस और नींद की कमी से जूझ रहे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो आजकल लाइफस्टाइल बदलने के साथ ही लोग कम नींद ले रहे हैं और स्ट्रेस ज्यादा लेने लगे हैं जो हार्टअटैक को न्योता देने का काम कर रहा है. मेंटल स्ट्रेस कार्डियक अरेस्ट का भी कारण हो सकता है. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग वर्क लोड और रिस्पांसिबिलिटीज के चलते काफी ज्यादा चिंतित रहते हैं. इसके अलावा जॉब इन सिक्योरिटीज़ के चलते हेल्थ पर असर पड़ने लगा है.
फैमिली हिस्ट्री है बड़ी वजह
हेल्थ कॉन्शियस होने के साथ-साथ इन दिनों जिम जाना एक ट्रेंड सा बन गया है. कई बार लोग जिम जाने के लिए अपनी मेडिकल फैमिली हिस्ट्री को दरकिनार कर देते हैं. जबकि यह हार्टअटैक के लिए एक बड़ी वजह हो सकती है. जिन लोगों की फैमिली में दिल से जुड़ी बड़ी बीमारियों की हिस्ट्री रही है उन्हें अपनी सेहत को लेकर और भी ज्यादा अलर्ट रहना चाहिए. अगर आपकी फैमिली में किसी को दिल की बीमारी रही है या फिर किसी को 65 साल से कम की उम्र में हार्ट अटैक आया है तो आप भी दिल से जुडी बीमारी का शिकार हो सकते हैं.
लाइफस्टाइल के चलते युवाओं में बढ़ रहा हार्ट अटैक
लगातार बिगड़ रही लाइफस्टाइल और खाने पीने के तरीके के चलते भी हार्टअटैक अभी युवाओं को शिकार बना रहा है. जरूरत से ज्यादा नशा करना, स्मोकिंग करना या फिर जंक फूड खाना भी आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके अलावा कई लोग जिनमें इंटेंस एक्सरसाइज करते हैं जबकि उनकी बॉडी ऐसा करना अलाउ नहीं करती यह भी हार्टअटैक को न्योता देता है. तो अगर आपको चेस्ट पेन हो या फिर ज्यादा थकान महसूस होने लग जाए तो आपको अपना हेल्थ चेकअप जरूर कराना चाहिए.
क्या दिल के लिए कार्डियो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बेहतर है?
बहुत सारे दावे हैं जो कहते हैं कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कार्डियो से बेहतर है. पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दोनों ही एक्सरसाइज एक दूसरे की को कंप्लीमेंट करती हैं. और दोनों को रेगुलरली किया जाना चाहिए. हालांकि उन लोगों को कार्डियो एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कम करनी चाहिए या इससे बचना चाहिए जिनमें हार्ट की फैमिली हिस्ट्री रही है. जब भी आप जिम जाएं तो यह बहुत जरूरी है कि अपने ट्रेनर को अपनी फैमिली हिस्ट्री और अपनी बीमारियों के बारे में जरूर बताएं. कई बार इन बीमारियों के बारे में छुपा ले जाना आपके लिए जानलेवा हो सकता है. खास तौर पर कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का सबसे ज्यादा असर आपके दिल पर पड़ता है जो बाद में हार्ट अटैक बनकर सामने आता है.
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पवन चौरसियाअंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार
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