एक्सप्लोरर

स्पेस से लौटने के बाद इन गंभीर बीमारियों का शिकार होते हैं एस्ट्रोनॉट्स, ये हैं लक्षण

अंतरिक्ष यात्री स्पेस से धरती पर वापस आते हैं तो उन्हें अक्सर चक्कर का अनुभव करते हैं. मेडिकल साइंस की भाषा में इसे ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन के रूप में भी जाना जाता है.

स्पेस में होने वाली चीजें आम लोगों को काफी ज्यादा एक्साइटिंग लगती है. जब भी अंतरिक्षत की तस्वीरें और एस्ट्रोनॉट की फोटो देखते हैं तो हमारे मन में कई तरह के सवाल आते हैं. लेकिन तस्वीरें जितनी अच्छी दिखती है रियल लाइफ में क्या इतना ही आसान है अंतरिक्ष में रहना? इस आर्टिकल में हम स्पेस में एस्ट्रोनॉट की हेल्थ इश्यू को लेकर विस्तार से बात करेंगे.

अंतरिक्ष यात्री किन बीमारियों का हो जाते हैं शिकार?

कई मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि जब अंतरिक्ष यात्री स्पेस से धरती पर वापस आते हैं तो उन्हें अक्सर चक्कर का अनुभव करते हैं. मेडिकल साइंस की भाषा में इसे ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन के रूप में भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए भी होता है कि क्योंकि स्पेस के मुकाबले धरती की ग्रेविटेशनल फोर्स  काफी ज्यादा है. जिसकी वजह से दिल और सिर तक ब्लड पहुंचने में काफी ज्यादा दिक्कत होती है. 

कई एस्ट्रोनॉट्स में स्पेस बीमारी के लक्षण दिखाई दिए हैं. जैसे सिरदर्द, मतली और उल्टी जैसी समस्या होती है. जब हम पृथ्वी होते हैं तो ग्रेविटेशनल फोर्स से प्रभावित होते है.  हमारे कानों के अंदर, वेस्टिबुलर ऑर्गन नाम का एक छोटा सा अंग होता है जो हमारे शरीर को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह अंग शरीर द्वारा अनुभव किए जाने वाले ग्रेविटेशनल फोर्स को करेंट में चेंज करके दिमाग को मैसेज भेजता है. पृथ्वी पर रहते हुए, मस्तिष्क हमेशा वेस्टिबुलर अंगों से ग्रेविटेशनल फोर्स की जानकारी प्राप्त करता है, और इसका उपयोग शरीर को संतुलित रखने के लिए करता है. अंतरिक्ष के कम ग्रेविटेशनल फोर्स में वेस्टिबुलर अंगों से प्राप्त जानकारी बदल जाती है. ऐसा माना जाता है कि यह मस्तिष्क को भ्रमित करता है, जिससे अंतरिक्ष बीमारी होती है. लेकिन यह स्थिति बहुत लंबे समय तक जारी नहीं रहती है. यदि आप अंतरिक्ष में कुछ दिनों तक रहते हैं. 

आइए जानते हैं अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को कौन सी बीमारियां हो जाती हैं, उनसे रिकवरी में कितना समय लग जाता है...

1. स्पेस एनीमिया 

एनीमिया मतलब खून की कमी.  खून में हीमोग्लोबिन और रेड ब्लड सेल्स (RBC) की कमी होना एनीमिया कहलाता है. पेस में एस्ट्रोनॉट्स में खून की कमी होना ही स्पेस एनीमिया होता है. स्पेस में शरीर खुद को बिना किसी प्राकृतिक हवा वाले वातावरण के अनुकूल बनाने की कोशिश करती है, जिसकी वजह से उसमें खून की कमी हो जाती है.

शरीर में 70% तक पानी और कई तरह के फ्लूइड होते हैं, जो धरती पर नीचे की तरफ आता है लेकिन स्पेस में रक्त नलिकाओं से खून ऊपर दिल की ओर जाता है, जिससे शरीर में खून और RBC बनना कम हो जाता है और कई तरह के खतरनाक समस्याएं हो सकती हैं. 

2. मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं

लंबे समय तक स्पेस में रहने से मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. रिसर्च में पता चला है कि सिर्फ दो हफ्ते में मांसपेशियों का द्रव्यमान 20% और लंबे मिशनों में 30% तक  भी कम हो सकता है. हर महीने 1-2% तक हड्डियां कमजोर होती हैं. इससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है.

3. हार्ट को खतरा

माइक्रोग्रैविटी के लंबे समय तक संपर्क में रहना दिल की सेहत के लिए खतरनाक होता है. इससे हार्ट की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है. हार्ट बीट कम होती है और उसका आउटपुट भी कम हो जाता है. लंबे मिशन में हार्ट को सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है.

4. ब्रेन पर असर

स्पेस में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है, जिससे शरीर और दिमाग का संतुलन सही तरह नहीं बन पाता है. कई रिसर्च में बताया गया है कि स्पेस में ब्रेन की बनावट में बदलाव होने लगता है. मस्तिष्क की नसों और हिस्सों में सूजन आने का खतरा रहता है, जिससे सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है.

5. रेडिएशन का खतरा

स्पेस रेडिएशन भी एस्ट्रोनॉट्स के लिए कई तरह के खतरे पैदा करता है. इससे कैंसर, खासकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. लंबे समय तक इस रेडिएशन में रहने से डीएनए और शरीर की सेलुलर संरचनाएं बिगड़ सकती हैं.

6. साइकोलॉजिकल इफेक्ट्स

लंबे समय तक स्पेस में रहने से तनाव, चिंता, अवसाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि शरीर बिल्कुल अलग माहौल में रहता है. इसकी वजह से नींद गायब हो जाती है और शरीर कई मानसिक चुनौतियों का सामना करने लगता है.

स्पेस में ज्यादा दिनों तक रहने से ये भी नुकसान

पाचन बुरी तरह प्रभावित होती है.

स्किन खराब हो सकती है, स्वाद-गंध भी प्रभावित होती है.

सिरदर्द, मतली और उल्टी

यह भी पढ़ें: क्या होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन, जानें प्रेग्नेंसी के बाद कैसे मिलता है इससे छुटकारा

चेहरे-नाक में सूजन आ जाती है,

जमीन पर लौटने पर खड़े होने पर चक्कर आना

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

यह भी पढ़ें: 'मुझे जीना ही नहीं है अब...' दीपिका पादुकोण ने छात्रों को सुनाई अपने डिप्रेशन की कहानी

 

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'प्रियंका गांधी को संसद में प्रदूषण पर बोलने से रोका', किरेन रिजिजू का कांग्रेस पर बड़ा आरोप
'प्रियंका गांधी को संसद में प्रदूषण पर बोलने से रोका', किरेन रिजिजू का कांग्रेस पर बड़ा आरोप
'विपक्ष नहीं चाहता लोकतंत्र हो मजबूत', SIR पर टिप्पणी करने वालों को CM योगी ने दिया दो टूक जवाब
'विपक्ष नहीं चाहता लोकतंत्र हो मजबूत', SIR पर टिप्पणी करने वालों को CM योगी ने दिया दो टूक जवाब
'अगर ऐसा हुआ तो और बुरी तरह...', सीरिया में एयरस्ट्राइक के बाद ट्रंप ने ISIS को दी क्यों दी चेतावनी?
'अगर ऐसा हुआ तो और बुरी तरह...', सीरिया में एयरस्ट्राइक के बाद ट्रंप ने ISIS को दी क्यों दी चेतावनी?
'मेरे डैड की तरह मुझे भी अवॉर्ड्स बहुत पसंद हैं...' आर्यन खान ने जीता पहला अवॉर्ड
'मेरे डैड की तरह मुझे भी अवॉर्ड्स बहुत पसंद हैं...' आर्यन खान ने जीता पहला अवॉर्ड

वीडियोज

Saudi Arabia ने पाकिस्तानी भिखारियों को निकाला, दुनिया के सामने शर्मसार | Middle East News
Pakistani beggars deported: सऊदी अरब ने 56 हजार पाकिस्तानी भिखारियों को किया देश से बाहर | Pakistan
Kullu Fire Breaking: हिमाचल के कुल्लू में आग से हड़कंप...दो गौशाला जलकर हुई | Himachal Pradesh
Epstein Files: एपस्टीन स्कैंडल की नई फाइलें रिलीज, फाइलों में माइकल जैक्सन की भी तस्वीरें
जिंदा जिस्म में 69 गोलियों का बारूद !

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'प्रियंका गांधी को संसद में प्रदूषण पर बोलने से रोका', किरेन रिजिजू का कांग्रेस पर बड़ा आरोप
'प्रियंका गांधी को संसद में प्रदूषण पर बोलने से रोका', किरेन रिजिजू का कांग्रेस पर बड़ा आरोप
'विपक्ष नहीं चाहता लोकतंत्र हो मजबूत', SIR पर टिप्पणी करने वालों को CM योगी ने दिया दो टूक जवाब
'विपक्ष नहीं चाहता लोकतंत्र हो मजबूत', SIR पर टिप्पणी करने वालों को CM योगी ने दिया दो टूक जवाब
'अगर ऐसा हुआ तो और बुरी तरह...', सीरिया में एयरस्ट्राइक के बाद ट्रंप ने ISIS को दी क्यों दी चेतावनी?
'अगर ऐसा हुआ तो और बुरी तरह...', सीरिया में एयरस्ट्राइक के बाद ट्रंप ने ISIS को दी क्यों दी चेतावनी?
'मेरे डैड की तरह मुझे भी अवॉर्ड्स बहुत पसंद हैं...' आर्यन खान ने जीता पहला अवॉर्ड
'मेरे डैड की तरह मुझे भी अवॉर्ड्स बहुत पसंद हैं...' आर्यन खान ने जीता पहला अवॉर्ड
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
उस्माद हादी की हत्या, यूनुस सरकार पर शक, ISI भी शामिल? बांग्लादेश में बवाल की 3 थ्योरी
उस्माद हादी की हत्या, यूनुस सरकार पर शक, ISI भी शामिल? बांग्लादेश में बवाल की 3 थ्योरी
CEO, CTO और CFO में क्या होता है अंतर? जानिए कौन क्या करता है और क्यों है ये फर्क जरूरी
CEO, CTO और CFO में क्या होता है अंतर? जानिए कौन क्या करता है और क्यों है ये फर्क जरूरी
Embed widget