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प्रादेशिक सेना के महिला अफसरों की LoC पर तैनाती को मंजूरी, जानें दुश्मनों से कैसे लेंगी लोहा
प्रादेशिक सेना की महिला अधिकारी अब यूनिटों और नियुक्तियों की विस्तृत श्रृंखला में अपने पुरुष समकक्षों के जैसे ही समान स्थिति के तहत काम करेंगी और ट्रेनिंग हासिल कर पाएंगी.
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भारतीय सेना में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने की काफी लंबे समय से मांग हो रही है और मोदी सरकार की तरफ से इस दिशा में लगातार कई प्रयास भी किए गए हैं. इसी दिशा में केन्द्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) की महिला अधिकारियों को पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा (LoC) पर इसकी इंजीनियर रेजीमेंट (engineer regiments) के साथ तैनाती का बड़ा फैसला लिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में महिलाओं की नियुक्ति के दायरे को बढ़ाने और पेशेवर आकांक्षा को पूरा करने के मकसद से इसकी मंजूरी दी है.
रक्षा मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी एक बयान में ये कहा गया कि राजनाथ सिंह ने संगठनात्मक आवश्यकता के अनुसार प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) समूह मुख्यालय और नई दिल्ली में प्रादेशिक सेना के महानिदेशालय में स्टाफ अधिकारियों के रूप में महिला अधिकारियों की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी.
क्या है प्रादेशिक सेना?
प्रादेशिक सेना ने साल 2019 से पारिस्थितिक कार्य बल इकाइयों (ecological task force units), टीए तेल क्षेत्र इकाइयों (TA oil sector units) और टीए रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट (TA railway engineer regiment) में महिला अधिकारियों को तैनात करना शुरू किया था. इस अवधि के दौरान उनके मिले अनुभवों के आधार पर ही प्रादेशिक सेना में महिला अफसरों के लिए और अधिक नियुक्ति का दायरा बढ़ाने का फैसला किया गया. प्रादेशिक सेना नागरिक सैनिकों की सेना की अवधारणा पर आधारित है. ये बुनियादी सैन्य कौशल से संबंधित वार्षिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं.
रक्षा मंत्रालय ने कहा- “इस अवधि के दौरान प्राप्त अनुभव के आधार पर, टीए में महिला अधिकारियों के लिए और अधिक रोजगार का दायरा बढ़ाने का फैसला किया गया है.” मंत्रालय की तरफ से कहा गया, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रादेशिक सेना (TA) की महिला अधिकारियों को नियंत्रण रेखा (LoC) पर इसकी इंजीनियर रेजीमेंट के साथ तैनात करने और TA समूह मुख्यालय व नई दिल्ली में टीए महानिदेशालय में स्टाफ अधिकारियों के रूप में महिला अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी दी है.
गणतंत्र दिवस पर दिखेगी महिला शक्ति की झलक
प्रादेशिक सेना की महिला अधिकारी अब यूनिटों और नियुक्तियों की विस्तृत श्रृंखला में अपने पुरुष समकक्षों के जैसे ही समान स्थिति के तहत काम करेंगी और ट्रेनिंग हासिल कर पाएंगी. सरकार जिस एक और प्रस्ताव पर काम कर रही है वो है गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर होने वाले आधिकारिक समारोह में मार्च करने वाली टुकड़ी और बैंड दस्ते में शामिल सभी प्रतिभागी महिला हों. खबरों के अनुसार, इस साल मार्च के महीने में रक्षा मंत्रालय की तरफ से तीनों सेनाओं, अलग-अलग मंत्राालयों और विभागों को इस बारे में एक पत्र लिखा गया है.
हाल ही में महिला अधिकारी को तोपखाना रेजीमेंट में शामिल करने का मकसद भी यही था कि सेना में लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया जाए. इस साल 74वें गणतंत्र दिवस पर परेड के मौके पर भी नारी शक्ति की झलक दुनिया ने देखी थी.
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