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टेलीकॉम इंडस्ट्री में बड़ा विलय, idea-vodafone विलय की मंजूरी, Jio पर पड़ेगा असर!
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हालांकि प्रस्तावित विलय संबंधित प्राधिकरणों से जरूरी मंजूरी मिलने के बाद आगे बढ़ेगा. इसके लिए सेबी, दूरसंचार विभाग और रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी.
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आइडिया सेल्यूलर ने आज वोडाफोन इंडिया और वोडाफोन मोबाइल सर्विसिज के साथ मिलकर देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनी बनाने को मंजूरी दे दी है. दोनों के मिलने से जो नई कंपनी बनेगी उसके ग्राहकों की संख्या 39.40 करोड़ तक होगी.
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आइडिया सेल्यूलर का कारोबार 36,000 करोड़ रुपये है. जबकि वीआईएल की नेटवर्थ 12,855 करोड़ रुपये, वीएमएसएल की 3,737 करोड़ रिपये और आइडिया सेल्यूलर की 24,296 करोड़ रुपये है.
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विलय के बाद भी वोडाफोन और आइडिया ब्रांड दोनों ही अलग अलग चलते रहेंगे, क्योंकि दोनों ही काफी मजबूत ब्रांड हैं. विलय के बाद बनने वाली कंपनी पर दिसंबर 2016 की स्थिति के अनुसार 1,070 अरब रपये का कर्ज होगा.
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हालांकि, दोनों कंपनियों के बीच बीते छह महीने से मर्जर की बातचीत चल रही थी, लेकिन इसे जियो इफेक्ट माना जा रहा है. क्योंकि जियो के आने के बाद टेलीकॉम सेक्टर में हाहाकार मचा हुआ है. दोनों कंपनियों को रिलायंस जियो से मुकाबले का डर सता रहा था. कंपनी को डर था कि कहीं जियो के कारण उनके ग्रहाकों की संख्या में भारी कम नहीं हो जाए.
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वोडाफोन इंडिया का कुल कारोबार 5,025 करोड़ रुपये और वीएमएसएल का 40,378 करोड़ रपये है.
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इस मर्जर का साइड इफेक्ट ये होगा कि 10 से 25 हज़ार लोगों की नौकरी जा सकती है. फिलहाल टेलीकॉम सेक्टर में तीन लाख लोग काम करते हैं.
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इससे पहले ग्राहकों के आधार पर वोडाफोन दूसरे और आइडिया तीसरे स्थान पर थी. मर्जर के बाद कंपनी में वोडाफोन के पास 45% और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
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वोडाफोन सीईओ विटाोरियो कोलाओ ने कहा कि विलय से 10 अरब डालर की संभावित पूंजी एक साथ आयेगी. दूसरी ओर विलय के बाद आइडिया का आकार घटने को बिड़ला ने खारिज किया.
Published at : 20 Mar 2017 01:04 PM (IST)
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Source: IOCL





















