2021 की रैली का वीडियो अभी के किसान आंदोलन से जोड़कर किया जा रहा शेयर, देखें क्या है इसमें
हमारी जांच में सामने आया कि यह वीडियो तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया था) के ख़िलाफ़ 2021 के किसानों के विरोध प्रदर्शन का है. न कि अभी के किसान आंदोलन का है.
निर्णय- भ्रामक
- इस वीडियो का मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है. यह 2021 में हरियाणा के कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर आयोजित ट्रैक्टर रैली का है.
किसानों का मौजूदा विरोध-प्रदर्शन 'दिल्ली चलो' मार्च का हिस्सा है, जिसमें हजारों किसान अपनी फ़सल के लिए अधिक कीमत और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग के लिए दिल्ली के पास शंभू सीमा पर जुटे हैं. पुलिस बलों ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया है.
दावा क्या है?
इस बीच, एक टोल प्लाजा के पास ट्रैक्टर रैली दिखाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि यह मौजूदा विरोध-प्रदर्शन का वीडियो है. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “भारत - किसान!! इसे अभी एक भारतीय ने कैप्शन के साथ भेजा है: 'भारतीय किसान नई दिल्ली पर कब्ज़ा करने की राह पर हैं' यह ग्लोबलिस्ट्स और क्लाइमेट कम्युनिज्म के ख़िलाफ़ एक वैश्विक लड़ाई है जिसे सभी भूमि और संसाधनों को राज्य को सौंपने के लिए डिज़ाइन किया गया है.” इस पोस्ट को 229,000 बार देखा जा चुका है और क़रीब 5,000 बार रीपोस्ट किया गया है. ऐसी पोस्टों के आर्काइव वर्ज़न यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि यह वीडियो तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया था) के ख़िलाफ़ 2021 के किसानों के विरोध प्रदर्शन का है. न कि अभी के किसान आंदोलन का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमें वायरल वीडियो पर "56050545" आईडी वाला एक शेयर चैट वॉटरमार्क नज़र आया. आगे जांच में हमें शेयर चैट पर समान आईडी वाला यही वीडियो मिला. हालांकि, यहां सटीक तारीख नहीं बताई गई थी, लेकिन इससे संकेत मिलता है कि वीडियो तीन साल पहले पोस्ट किया गया था.
वीडियो के कीफ़्रेम के ज़रिये रिवर्स इमेज सर्च से हमें "ट्रू लाइन ਸੱਚੀ ਲਾਈਨ" नाम के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर 24 जनवरी, 2021 का एक पोस्ट मिला. इसके अलावा, हमें 25 जनवरी, 2021 का एक और फ़ेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें वर्तमान में शेयर किया जा रहा वीडियो मौजूद था. पोस्ट के मुताबिक़, वीडियो में 2021 गणतंत्र दिवस से पहले किसानों की रैली दिखाई गई है. इससे पुष्टि होती है कि वीडियो हालिया नहीं है.
हमें अपनी जांच के दौरान द कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें वायरल वीडियो में दिखाए गए दृश्यों से मिलती-जुलती एक तस्वीर थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि यह 7 जनवरी, 2021 को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, जिसे केएमपी एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लिया गया था. इसके अलावा, पंजाब के एक स्थानीय न्यूज़ आउटलेट पर भी वही तस्वीर मौजूद है.
हमें किसान एकता मोर्चा द्वारा उनके फ़ेसबुक पेज पर 8 जनवरी, 2021 को पोस्ट की गई तस्वीरें भी मिलीं, जिनमें किसानों की ट्रैक्टर रैली को दिखाया गया है. उनमें से, एक तस्वीर टोल प्लाजा के सामने वाले हिस्से को दिखाती है, जिसमें टोलगेट से बाहर निकलते हुए ट्रैक्टर दिखाई दे रहे हैं.
इसके साथ, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि केएमपी एक्सप्रेसवे पर 2021 की किसानों की ट्रैक्टर रैली का एक पुराना वीडियो मौजूदा किसान आंदोलन से जोड़कर प्रसारित हो रहा है.
हमारी रिसर्च के मुताबिक़, 15 फ़रवरी 2024 तक केएमपी एक्सप्रेसवे के पास किसी किसान की ट्रैक्टर रैली नहीं हुई है. किसानों द्वारा आयोजित 2024 'दिल्ली चलो' मार्च को हरियाणा के अंबाला के पास शंभू सीमा पर रोक दिया गया.
2021 किसानों की ट्रैक्टर रैली
जनवरी 2021 में, कई किसानों ने दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाली सिंघू सीमा के पास एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे. क़ानून विवादास्पद थे, और किसानों का मानना था कि वे उनकी आजीविका को ख़त्म कर देंगे. ट्रैक्टर रैली एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया दोनों का ध्यान आकर्षित किया था.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो मौजूदा किसान विरोध प्रदर्शन से पहले का है. यह जनवरी 2021 से ऑनलाइन मौजूद है और इसमें 2021 गणतंत्र दिवस से पहले ट्रैक्टर रैली को दिखाया गया है इसलिए, हम इस वायरल दावे को भ्रामक मानते हैं.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन, कंटेंट और फोटो में बदलाव करके रिपोर्ट को रिपब्लिश किया है.