कोरोना हो या निपाह, आखिर कोई वायरस फैलता कैसे है?
कोरोना हो या निपाह, किसी भी वायरस के फैलना का पैटर्न लगभग एक सा ही रहा है. लेकिन जब वायरस का फैलाव इन्सान से इन्सान में होने लगता है तो फिर ये महामारी बन जाता है. कोरोना के साथ भी ऐसा ही हुआ है.

पूरी दुनिया में फिलहाल कोई सबसे बड़ी चुनौती है, तो वो है कोरोना वायरस. इस वायरस से दो लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह ये है कि वायरस लगातार फैल रहा है और इसकी जद में आकर लोग संक्रमित होते जा रहे हैं. लेकिन ये वायरस आखिर फैलता कैसे है, इसे समझने की कोशिश करते हैं.
आम तौर पर वायरस के फैलने के दो ही तरीके हैं. पहला है जानवर से इन्सानों में संक्रमण और दूसरा है इन्सान से इन्सान में संक्रमण. उदाहण के लिए पिछले साल केरल में एक वायरस ने तबाही मचाई थी. इसका नाम था निपाह. इसके बारे में डॉक्टरों ने बताया था कि ये चमगादड़ से फैला है. निपाह के संपर्क में आए चमगादड़ ने किसी फल को खाया था और फिर उसी फल को किसी इन्सान ने खाया था. इसके बाद निपाह इन्सान में आ गया था. और उसके बाद ये फैल गया.
कोरोना के साथ भी यही हुआ है. डॉक्टर अभी किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन अभी तक जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक कोरोना भी चमगादड़ से पैंगोलिन में आया. चीन के वुहान में उस पैंगोलिन को किसी इन्सान ने खाया और फिर कोरोना इन्सानों तक पहुंच गया. अब ये कोरोना एक इन्सान से दूसरे इन्सान में कैसे पहुंचता है, ये जानना दिलचस्प है.
आम तौर पर कोई भी आदमी छींकता है या खांसता है तो उसके मुंह से पानी की कुछ बूंदे बाहर आ ही जाती हैं. और अगर वो आदमी कोरोना से पीड़ित हो तो उन बूंदों में कोरोना का वायरस भी होता है. अब कोई सामान्य आदमी उन बूंदों के संपर्क में आता है, तो उसे भी कोरोना के संक्रमण का पूरा-पूरा खतरा होता है. इसके अलावा अगर कोरोना पीड़ित आदमी छींकता या खांसता है और वो बूंदे उस आदमी के किसी डेबिट-क्रेडिट कार्ड, लैपटॉप, उसके कपड़े या फिर किसी भी चीज पर गिरती हैं और कोई सामान्य आदमी उन चीजों के संपर्क में आता है, तो उस आदमी को कोरोना से संक्रमण की आशंका होती है. संक्रमण इस बात पर भी निर्भर करता है कि सामान्य आदमी संक्रमित आदमी के संपर्क में कितनी देर रहा, कितनी दूरी पर रहा, उस सामान्य आदमी की उम्र क्या है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसी है.
डॉक्टरों का मानना है कि अगर संक्रमित व्यक्ति से तीन फीट की दूरी बनाई जाए, तो फिर कोरोना या कोई और भी वायरस किसी दूसरे तक नहीं पहुंच सकता है. इसलिए डॉक्टर बार-बार तीन फीट की दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने की बात कह रहे हैं ताकि अगर सीधे न सही किसी और तरीके से आप कोरोना पीड़ित के संपर्क में आएं तो आपके हाथ के जरिए वो वायरस आपके मुंह या नाक के जरिए आपके शरीर में न घुस सके.
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