एक्सप्लोरर

क्या कमलनाथ पास कर पाएंगे फ्लोर टेस्ट या बाजी मार ले जाएगी बीजेपी?

16 मार्च, 2020. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की सियासत की एक अहम तारीख. क्योंकि यही तारीख तय करेगी कि वो आने वाले दिनों में भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं. वजह ये है कि राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए कहा है. तो आखिर ये फ्लोर टेस्ट होता क्या है, इसे कैसे पास किया जाता है और क्या कमलनाथ पास कर पाएंगे फ्लोर टेस्ट?

केंद्र हो या राज्य, किसी भी सरकार को चलाने के लिए ये देखा जाता है कि क्या सदन को उस सरकार के मुखिया पर भरोसा है या नहीं. अब ये भरोसा कहने भर से तो हो नहीं सकता, क्योंकि भरोसे का मतलब है कि सदन में जितने भी लोग मौजूद हैं उसके 50 फीसदी से कम से कम एक ज्यादा आदमी सरकार के समर्थन में हो. और ये पता कैसे चलेगा. ये पता चलेगा एक प्रक्रिया से, जिसे कहते हैं फ्लोर टेस्ट. इस दौरान सदन में मौजूद लोगों को वोटिंग करनी होती है. अगर वोटिंग सरकार के पक्ष में है, तो सरकार फ्लोर टेस्ट पास कर लेती है. लेकिन अगर वोटिंग सरकार के पक्ष में नहीं होती है तो फिर मुख्यमंत्री और उनकी पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देना होता है और नए सिरे से सरकार का गठन किया जाता है. अब इसे कुछ सवाल जवाब के जरिए समझने की कोशिश करते हैं. 1. वोटिंग कैसे होती है? इसके तीन तरीके हैं. पहला है मौखिक. यानि कि सदन में मौजूद विधायक बोलकर बता दें कि वो सरकार के साथ हैं या नहीं. दूसरा होता है ईवीएम और तीसरा है बैलट. 16 मार्च को जो वोटिंग होगी, वो बटन दबाकर होगी यानि कि ईवीएम से होगी. 2.कैसे तय होती है विधायकों की संख्या? संविधान में व्यवस्था है कि सदन में मौजूद विधायकों की संख्या के आधार पर बहुमत साबित करना होता है. मध्य प्रदेश में विधायकों की कुल संख्या है 230. इसलिए बहुमत उसी को मिलेगा, जिसके पास 116 विधायकों का वोट होगा. अब मध्यप्रदेश में फिलहाल विधायकों की संख्या है 228, क्योंकि 2 विधायकों का निधन हो गया है. अब 228 में से भी कांग्रेस से 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. लेकिन अभी स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने सिर्फ 6 विधायकों के ही इस्तीफे मंजूर किए हैं. ऐसे में विधायकों की संख्या है 222. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा हो जाता है 112. लेकिन अगर कांग्रेस के बचे हुए बागी 16 और विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो संख्या हो जाएगी 206. और फिर बहुमत के लिए आंकड़ा चाहिए होगा 104. इस स्थिति में बीजेपी के पास हैं 107 विधायक. इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास बचेंगे सिर्फ 92 विधायक. अगर चार निर्दलीय, दो बीएसपी और सपा के एक विधायक का समर्थन मिल भी गया तो कांग्रेस के पास होंगे कुल 99 विधायक. और ये अब भी बहुमत से पांच कम हो रहे हैं, जबकि बीजेपी के पास बहुमत से 3 विधायक ज्यादा हैं.
3.अगर विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए, तो क्या होगा? अगर 22 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए, तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या होगी 222 और बहुमत का आंकड़ा होगा 112. लेकिन ये बागी विधायक हैं तो जाहिर है कि इनका वोट कांग्रेस को नहीं ही मिलेगा. 4. अगर सदन से गैरहाजिर रहे विधायक तो क्या होगा? किसी भी पार्टी के पास एक ताकत होती है, जिसका इस्तेमाल करके वो अपने सदस्यों को सदन में हर हाल में हाजिर रहने को कह सकती है. इस व्यवस्था को कहते हैं व्हिप. ये व्हिप तीन तरह का होता है, जिसे पार्टी के विधायकों को मानना ही होता है. पहला होता है वन लाइन व्हिप. इसमें विधायकों को पार्टी लाइन का समर्थन करने के लिए कहा जाता है. दूसरा होता है टू लाइन व्हिप, जिसमें वोटिंग के वक्त विधायकों को सदन में मौजूद रहने को कहा जाता है. और तीसरा होता है थ्री लाइन व्हिप, जिसमें विधायकों को पार्टी लाइन पर वोट डालने को कहा जाता है. अब अगर किसी विधायक ने व्हिप का उल्लंघन किया और सदन में हाजिर नहीं हुआ, तो पार्टी उसके खिलाफ ऐक्शन ले सकती है. पार्टी उस विधायक को निकाल सकती है, लेकिन इस स्थिति में विधायकी बची रहती है. इसके अलावा पार्टी विधानसभा अध्यक्ष से उन सदस्यों को अयोग्य ठहराने के लिए कह सकती है. और ऐसी स्थिति में विधायकों को अधिकतम छह महीने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है. कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों ही पार्टियों पर ये नियम लागू होता है. और बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने विधायकों को 16 मार्च को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रही है कांग्रेस? ये तो रही बात फ्लोर टेस्ट की कि क्या हो सकता है और क्या नहीं. और ये बात इसलिए हो रही है, क्योंकि मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. लेकिन इसी आदेश पर अब कांग्रेस ने सवाल भी खड़े किए हैं. कांग्रेस नेताओं के अलावा संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिए तो टाइम तय कर सकता है, लेकिन राज्यपाल ये तय नहीं कर सकते कि वोटिंग कब और कैसे होगी. वोटिंग करवाने का विशेषाधिकार सिर्फ और सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष के पास है. विधानसभा अध्यक्ष ही ये तय कर सकता है कि वोटिंग कैसे और कब होगी. लेकिन राज्यपाल ने कहा है कि वोटिंग बजट सत्र के शुरू होने और राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद फ्लोर टेस्ट करवाया जाए. इसलिए अब कांग्रेस इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की बात कर रही है.
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

मुस्लिम देश जॉर्डन में पीएम मोदी की खातिरदारी देखकर चिढ़ा PAK? खुद ड्राइव करके म्यूजियम ले गए क्राउन प्रिंस
मुस्लिम देश जॉर्डन में पीएम मोदी की खातिरदारी देखकर चिढ़ा PAK? खुद ड्राइव करके म्यूजियम ले गए क्राउन प्रिंस
UP विधानसभा चुनाव: कांग्रेस और सपा के बीच कैसे होगा सीट का बंटवारा? अखिलेश यादव ने कर दिया फाइनल
UP विधानसभा चुनाव: कांग्रेस और सपा के बीच कैसे होगा सीट का बंटवारा? अखिलेश यादव ने कर दिया फाइनल
सरफराज खान, पृथ्वी शॉ से लेकर लियाम लिविंगस्टोन तक, IPL 2026 की नीलामी में नहीं बिके बड़े खिलाड़ी; देखें अनसोल्ड प्लेयर्स लिस्ट
सरफराज, पृथ्वी शॉ से लेकर लिविंगस्टोन तक, IPL 2026 की नीलामी में नहीं बिके बड़े खिलाड़ी
नीतीश कुमार ने हटाया मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब तो पाकिस्तान का आया रिएक्शन, जानें क्या कहा?
नीतीश कुमार ने हटाया मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब तो पाकिस्तान का आया रिएक्शन, जानें क्या कहा?

वीडियोज

India में Crypto Invest: छोटे शहरों और युवा पीढ़ी का बढ़ता रुझान| Paisa Live
Omkar Kapoor Interview : Struggle, Breakthrough और बॉलीवुड की सच्चाई | 'Masoom' से 'Pyaar Ka Punchnama' तक का सफर
India Trade Shock , November में Trade Deficit 61% गिरा | Exports Boom | Paisa Live
Defence Production Record High कौनसा Stock देगा सबसे ज़्यादा Return? | Paisa Live
Parliament Winter Session: नए बिल पर ये क्या बोल गई Priyanka Gandhi... | Viksit Bharat

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
मुस्लिम देश जॉर्डन में पीएम मोदी की खातिरदारी देखकर चिढ़ा PAK? खुद ड्राइव करके म्यूजियम ले गए क्राउन प्रिंस
मुस्लिम देश जॉर्डन में पीएम मोदी की खातिरदारी देखकर चिढ़ा PAK? खुद ड्राइव करके म्यूजियम ले गए क्राउन प्रिंस
UP विधानसभा चुनाव: कांग्रेस और सपा के बीच कैसे होगा सीट का बंटवारा? अखिलेश यादव ने कर दिया फाइनल
UP विधानसभा चुनाव: कांग्रेस और सपा के बीच कैसे होगा सीट का बंटवारा? अखिलेश यादव ने कर दिया फाइनल
सरफराज खान, पृथ्वी शॉ से लेकर लियाम लिविंगस्टोन तक, IPL 2026 की नीलामी में नहीं बिके बड़े खिलाड़ी; देखें अनसोल्ड प्लेयर्स लिस्ट
सरफराज, पृथ्वी शॉ से लेकर लिविंगस्टोन तक, IPL 2026 की नीलामी में नहीं बिके बड़े खिलाड़ी
नीतीश कुमार ने हटाया मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब तो पाकिस्तान का आया रिएक्शन, जानें क्या कहा?
नीतीश कुमार ने हटाया मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब तो पाकिस्तान का आया रिएक्शन, जानें क्या कहा?
'बॉर्डर 2' की शूटिंग का किस्सा: चार दिन पहले ही सेट पर पहुंच गए थे सनी देओल, घबरा गए थे वरुण धवन
'बॉर्डर 2' की शूटिंग का किस्सा: चार दिन पहले ही सेट पर पहुंच गए थे सनी देओल, घबरा गए थे वरुण धवन
SIR List 2025 West Bengal: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में आपका नाम है या नहीं, यहां जानें कैसे करें चेक?
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में आपका नाम है या नहीं, यहां जानें कैसे करें चेक?
इथियोपिया में कितने हो जाते हैं भारत के 10000 रुपये, इससे यहां क्या-क्या खरीद सकते हैं
इथियोपिया में कितने हो जाते हैं भारत के 10000 रुपये, इससे यहां क्या-क्या खरीद सकते हैं
Year-Ender 2025: डॉक्टरों-मरीजों से लेकर शुरुआती जांच और दवाओं की खोज तक, जानें AI ने कैसा बदल दिया हेल्थकेयर?
डॉक्टरों-मरीजों से लेकर शुरुआती जांच और दवाओं की खोज तक, जानें AI ने कैसा बदल दिया हेल्थकेयर?
Embed widget