Kamal Amrohi ने नहीं दिया था Meena Kumari के सलाम का जवाब, तो चिढ़ गई थीं अभिनेत्री
मीना कुमारी (Meena Kumari) ने 'सनम' और 'लाल हवेली' जैसी कई फिल्मों में काम किया, लेकिन उनको असली पहचान साल 1952 में आई फिल्म 'बैजू बावरा' (Baiju Bawra) से मिली थी. इस फिल्म में उन्होंने बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया था.
हिंदी सिनेमा में ट्रेजेडी क्वीन के नाम से जानी जाने वाली अभिनेत्री मीना कुमारी (Meena Kumari) आज भी लोगों के बीच फेवरेट अभिनेत्रियों की लिस्ट में शुमार हैं. उन्होंने अपने समय में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं जिसे आज भी लोग खाली समय में देखना पसंद करते हैं. आपको बता दें, जब मीना कुमारी (Meena Kumari Movie) का जन्म हुआ था तो तब उनके माता-पिता की आर्थिक स्थिती बहुत खराब थी. इसी कारण उन्हें काफी कम उम्र में ही काम करना पड़ा.
मीडिया रिपोर्ट की मानें को मीना कुमारी ने 7 साल की उम्र में फिल्मों में काम करना शुरु कर दिया था. क्योंकि उस वक्त उनके घर की जिम्मेजारी उनके कंधों पर थी. कहते हैं गरीबी का दिन जो देखता है वो कभी नहीं भूलता. शुरुआत में मीना कुमारी को सपोर्टिंग रोल मिलने शुरु हुए. मीना ने 'सनम', 'तमाशा' और 'लाल हवेली' जैसी कई फिल्मों में काम किया, लेकिन उनको असली पहचान साल 1952 में आई फिल्म 'बैजू बावरा' (Baiju Bawra) से मिली थी. इस फिल्म में उन्होंने बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया था.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इन्हीं दिनों मीना कुमारी की मुलाकात मशहूर डायरेक्टर कमाल अमरोही से हुई. जैसे ही मीना ने कमाल को सलाम किया तो उन्होंने मीना को नज़र अंदाज कर दिया और ये बात मीना कुमारी को बहुत बुरी लग गई थी. बाद में जब कमाल अमरोही मीना कुमारी के पास अपनी फिल्म का ऑफर लेकर पहुंचे तो मीना को कमाल की नज़र अंदाज करने वाली बात याद आ गई. फिर क्या था मीना कुमारी ने उनके साथ काम नहीं करने का फैसला ले लिया. हालांकि, पिता के बहुत समझाने पर मीना कुमारी, कमाल अमरोही से बाद में मिलीं और फिल्म साइन की, ये बात और है कि वो फिल्म कभी बनी ही नहीं.
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