Rang De Basanti: फिल्म लेट होने पर आमिर खान ने मांगी थी डबल फीस, डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया खुलासा
फिल्ममेकर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अपनी ऑटोबायोग्राफी का एक अंश फैंस के साथ शेयर किया. इसमें उन्होंने बताया कि रंग दे बसंती के लिए आमिर खान ने कैसे डबल अमाउंट मांगा था.

फिल्म तूफान के डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ऑटोबायोग्रापी 'द स्ट्रेंजर इन द मिरर' 27 जुलाई को लॉन्च हुई. रीता राममूर्ति गुप्ता ने डायरेक्टर के साथ मिलकर ये किताब लिखी है. अपनी इस किताब में फिल्ममेकर ने विज्ञापन के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जर्नी और फिल्ममेकिंग को विस्तार से बताया है.
ओमप्रकाश मेहरा ने किताब एक अंश शेयर किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि फिल्म 'रंग दे बसंती' बनने में देरी होती, तोआमिर खान ने कैसे डबल अमाउंट मांगा था, जोकि 8 करोड़ रुपए का था. इस वजह से उन्हें फिल्म को तय वक्त से पूरा करने में मदद मिली.
राकेश ओमप्रकाश मेहरा आमिर खान की तारीफ करते हुए कहा,"उन्होंने डीजे और चंद्रशेखर आजाद की आत्मा को आत्मसात किया और कैरेक्टर की सबलाइम से लेकर सांसारिक गुणों तक को दिखाया. भारती (ओमप्रकाश की पत्नी) ने मुझे एक कोट दिया था जिसे उन्होंने पढ़ा था, 'जीवन में दो प्राथमिक विकल्प हैं. या तो आप चीजों को वैसे ही रहने दें जैसे वे हैं. या उन्हें बदलने की जिम्मेदारी ले लो.' मैंने आमिर को उनके कैरेक्टर के लिए इस कोट को भेजा."
आमिर का काम करने तरीका
राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने आमिर खान के काम करने के तरीकों पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि आमिर एक दूरदर्शी है और रचनात्मक प्रक्रिया के साथ गलत या सही होने वाली हर चीज को समझते हैं. आमिर कहीं भी शूट करने के लिए तैयार रहते और हर का जरूरत का सपोर्ट करते. साथ ही उन्हें इस बात का भी अहंकार नहीं था कि यह सीन किसका है.
देरी होने पर मांगा डबल अमाउंट
मेहरा ने कहा,"आमिर की सिनेमाई समझ हमारी इंडस्ट्री में अद्भुत है. उनकी मंजूरी के बिना, 'रंग दे बसंती' एक और सपने देखने वाले की स्क्रिप्ट होती जो उदासीनता की धूल इकट्ठा करती. फिल्म के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करते वक्त आमिर ने एक क्लॉज शामिल किया, यही वजह थी कि मैंने पहली बार में वक्त से पहले फिल्म बनाई.
उदाहरण के तौर पर आमिर ने कहा, 'यदि मेरी फीस 4 करोड़ है और आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं, तो इस गलती के लिए आपको मुझे 8 करोड़ का भुगतान करना होगा.' मैंने तब तक कभी 8 करोड़ देखे भी नहीं थे."
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Source: IOCL























