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नसीरुद्दीन शाह ने फिर दिया बयान, कहा- धर्म के नाम पर खड़ी की जा रही है नफरत की दीवार
नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर अपने बयान के चलते सुर्खियों में आ गए हैं. नसीरुद्दीन शाह ने एक मानवाधिकार संस्था के समक्ष देश की स्थिति को लेकर कई बातें कही. जिनमें देश में धर्म के नाम पर हो रही हिंसा और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के हो रहे हनन की बात कर रहे हैं.

नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर अपने बयान के चलते सुर्खियों में आ गए हैं. नसीरुद्दीन शाह ने एक मानवाधिकार संस्था के समक्ष देश की स्थिति को लेकर कई बातें कही. जिनमें देश में धर्म के नाम पर हो रही हिंसा और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के हो रहे हनन की बात कर रहे हैं. नसीरुद्दीन शाह एमनेस्टी इंडिया के एक वीडियो में ये दावा करते दिख रहे हैं कि भारत में धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है और इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को सजा दी जा रही है. मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था एमनेस्टी के लिए 2.13 मिनट के एकजुटता वीडियो में शाह ने कहा कि जिन लोगों ने मानवाधिकारों की मांग की उन्हें जेल में डाला जा रहा है. नसीरुद्दीन शाह ने कहा- मुझे मेरे बच्चों के लिए आज के भारत में डर लगता है उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘कलाकारों, अभिनेताओं, शोधार्थियों, कवियों सभी को दबाया जा रहा है. पत्रकारों को भी चुप कराया जा रहा है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है. निर्दोषों की हत्या की जा रही है. देश भयानक नफरत और क्रूरता से भरा हुआ है.’’ #AbkiBaarMaanavAdhikar के तहत दावा किया कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों की पैरवी करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की गई. एमनेस्टी ने कहा, ‘‘चलिए इस नववर्ष हमारे संवैधानिक मूल्यों के लिए खड़े हों और भारत सरकार को बताए कि अब कार्रवाई बंद होनी चाहिए.’’ पहले भी दिया शाह ने बयान नसीरुद्दीन शाह ने पिछले महीने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि गाय की मौत एक पुलिस अधिकारी की मौत से अधिक महत्वपूर्ण है. वह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन दिसंबर को कथित गोकशी को लेकर हुई भीड़ की हिंसा की घटना पर बोल रहे थे. हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की मौत हो गई थी. गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी लेनदेन उल्लंघन मामले के संबंध में यहां एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के दो ठिकानों पर अक्टूबर में तलाशी ली थी.’
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि जो इस ‘‘अन्याय’’ के खिलाफ खड़ा होता है उन्हें चुप कराने के लिए उनके कार्यालयों में छापे मारे जाते हैं, लाइसेंस रद्द किए जाते हैं और बैंक खाते फ्रीज किए जाते हैं ताकि वे सच ना बोलें. नसीरुद्दीन शाह ने कप्तान कोहली को बताया 'दुनिया का सबसे खराब व्यवहार वाला खिलाड़ी' इस वीडियो में वो उर्दू में बोलते हुए कहते दिख रहे हैं, ‘हमारा देश कहां जा रहा है? क्या हमने ऐसे देश का सपना देखा था जहां असंतोष की कोई जगह नहीं है, जहां केवल अमीर और शक्तिशाली लोगों को सुना जाता है और जहां गरीबों तथा सबसे कमजोर लोगों को दबाया जाता है? जहां कभी कानून था लेकिन अब बस अंधकार है.’ एमनेस्टी ने हैशटैगIn 2018, India witnessed a massive crackdown on freedom of expression and human rights defenders. Let's stand up for our constitutional values this new year and tell the Indian government that its crackdown must end now. #AbkiBaarManavAdhikaar pic.twitter.com/e7YSIyLAfm
— Amnesty India (@AIIndia) January 4, 2019
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Source: IOCL






















