Lok Sabha Elections 2024: VBA की अटपटी मांग और उद्धव-कांग्रेस में विश्वास की कमी से लटका MVA का सीट शेयरिंग फॉर्मूला!
MVA Alliance Conflict: लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा निर्वाचन आयोग (इलेक्शन कमीशन) कभी भी कर सकता है लेकिन उससे पहले महाराष्ट्र में एमवीए का सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय नहीं हो पा रहा.
Maharashtra MVA Alliance: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ जहां पार्टी के नेता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो रहे हैं तो वहीं कुछ जगहों पर सीट शेयरिंग को लेकर बात बनती नहीं दिख रही. ताजा घटनाक्रम में महाराष्ट्र विकास आघाडी में भी सीट शेयरिंग का फार्मूला फंसा हुआ है.
इसका मुख्य कारण प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) को माना जा रहा है, जिसने अपनी अटपटी मांगों से MVA की मुश्किल बढ़ा दी है. उनका कहना है कि 48 सीटों में से 27 सीटों पर उनकी पार्टी का प्रभाव है जिसकी वजह से उन्हें ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए.
अब तक का फार्मूला यह है कि महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिसमें वो अपने कोटे से वीबीए को भी सीटें देगी. कांग्रेस 15 और एनसीपी (शरद पवार गुट) 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिसमें से एक सीट वो राजू शेट्टी की स्वाभिमान शेतकरी पक्ष को देगी.
कांग्रेस ने सुझाया नया फॉर्मूला
इसके अलावा कांग्रेस ने जो सीट शेयरिंग का फार्मूला सुझाया है उसके मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) 20, कांग्रेस 18, एनसीपी (शरद पवार गुट) को 10 सीटें देने की बात कही है. इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस ने अपनी तीन सीटें बढ़ा लीं और उद्धव ठाकरे के हिस्से में आने वाली 3 सीटों को कम कर दिया है. आज मुंबई में MVA की बैठक होनी थी लेकिन वो बैठक भी टल गई है.
एमवीए गठबंधन का नतीजा शून्य
दरअसल, 27 फरवरी को उद्धव गुट की शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा था कि सीट शेयरिंग का मसौदा तैयार है बस बैठक करके फाइनल मुहर लगनी है. हालांकि उसके बाद कई बैठकें हो चुकी हैं लेकिन नतीजा शून्य है. एमवीए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाने की मुख्य समस्या उद्धव ठाकरे सेना और कांग्रेस है.
इन दोनों के बीच विश्वास की कमी है. कांग्रेस को लग रहा है कि गठबंधन का फायदा उद्धव ठाकरे को ज्यादा हो रहा है. कांग्रेस को ये भी डर सता रहा है कि उद्धव की पार्टी के वोट कांग्रेस को मिलेंगे या नहीं इसको लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. दोनों में कोई झुकने को तैयार नहीं है.
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