एक्सप्लोरर

Karnataka Election 2023: दो प्रमुख लिंगायत नेताओं के जाने से क्या BJP को हो सकता है नुकसान? जानिए

Karnataka Election: लिंगायत के दो प्रमुख नेताओं, लक्ष्मण सावदी और जगदीश शेट्टार, के पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही है. वहीं कांग्रेस को लिंगायत समुदाय की घर वापसी की आस है.

Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव अपने सियासी रंग में आ गया है. 10 मई को होने जा रहे मतदान को लेकर पार्टियां चुनाव प्रसार और राजनीतिक जमीन बनाने में जुटी हुई हैं. पिछली बार के चुनाव के मुकाबले इस बार कर्नाटक का माहौल कुछ बदला-बदला सा लग रहा है. बीजेपी से ना तो इस बार येदियुरप्पा मैदान में हैं और ना ही राज्य में लिंगायत का प्रमुख चेहरा रहे लक्ष्मण सावदी और शेट्टार पार्टी के साथ हैं.

पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, लिंगायत-ब्राह्मणों की पार्टी को हिंदू-केंद्रित बनाया जा रहा है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी अपने मूल लिंगायत वोट आधार को नजरअंदाज कर सकती है, जो उसे 2008 से राज्य की सत्ता में ला रहा है? लिंगायत समुदाय राज्य की आबादी का 16-18 प्रतिशत हिस्सा है, जो एक सपोर्ट के तौर पर बीजेपी को तवज्जो देता रहा है. वहीं इस समुदाय के मतदाता करीब-करीब 100 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं. 

लिंगायत के दो प्रमुख नेताओं ने छोड़ी पार्टी

सत्तारूढ़ बीजेपी लगभग दो दशक से लिंगायत समर्थन का लुत्फ उठा रही थी. हालांकि, पार्टी चुनाव से पहले अचानक खुद को असमंजस में पा रही है. लिंगायतों पर ब्राह्मणों का वर्चस्व भी जोर पकड़ रहा है. वहीं अब लिंगायत से आने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी बीजेपी से टिकट न मिलने पर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इससे कहीं न कहीं पार्टी को नुकसान हो सकता है. 

बीजेपी के लिए सबसे बड़ा नुकसान पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार बताए जा रहे हैं, जो पार्टी को लंबे समय से एक मजबूत पिलर की तरह संभालते आए हैं. सोमवार (17 अप्रैल) को उनके कांग्रेस में जाने से पार्टी को झटका लगा है. वहीं सावदी गनिगा लिंगायत उप-संप्रदाय से संबंधित हैं, तो शेट्टार बनजिगा लिंगायत उप-संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं. इसके साथ ही सत्ताधारी बीजेपी एक और लिंगायत उप-संप्रदाय पंचमसालियों की आरक्षण मांग को मैनेज करने में नाकाम रही है.

लिंगायत के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश

लिंगायत समुदाय के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही बीजेपी पर बॉम्बे कर्नाटक क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन के साथ वापसी का दबाव है. भगवा पार्टी खासतौर से बेलगावी, हुबली-धारवाड़, बागलकोट, विजयपुरा और हावेरी जिलों में अपनी मौजूदा सीटों पर कमजोर जान पड़ती है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी ने दो पूर्व लिंगायत मुख्यमंत्रियों (येदियुरप्पा सहित) और एक पूर्व उपमुख्यमंत्री को चुनावी लड़ाई से बाहर कर दिया है. इससे अब बीजेपी में शीर्ष पायदान के लिंगायत नेतृत्व में सदर लिंगायत उप संप्रदाय से केवल मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ही मैदान में बचे हैं, जो पार्टी के लिए कहीं से सुखद नहीं दिखाई पड़ रहा है.

साथ ही राज्य में येदियुरप्पा के दरकिनार किए जाने को लेकर भी खूब चर्चा है. बताया जा रहा है कि बीएल संतोष और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, दोनों ही ब्राह्मण चेहरा हैं जो पार्टी पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं. इससे लिंगायत नेताओं को दरकिनार होने का डर सता रहा है. इस मुद्दे को उठाते हुए जद(एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने हाल ही में कहा था कि बीजेपी में एक ब्राह्मण को मुख्यमंत्री के रूप में थोपने की साजिश कर रही है.

लिंगायत 2023 में कांग्रेस में घर लौटने के लिए तैयार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम.बी. पाटिल, जिन्होंने 2018 में लिंगायत धर्म आंदोलन का नेतृत्व किया था, ने बीते रविवार को एक ट्वीट कर मांग की कि कैसे एक ब्राह्मण एस.सुरेश कुमार को टिकट दिया गया और शेट्टार (एक लिंगायत नेता) को दरकिनार कर दिया गया है, जबकी दोनों नेताओं की उम्र 67 वर्ष है. उन्होंने आगे ट्वीट किया, “लिंगायतों को बीजेपी के मूल के रूप में नहीं, बल्कि केवल एक वोट बैंक माना जाता है. लिंगायत 2023 में कांग्रेस में घर वापसी को तैयार हैं.”

वहीं रविवार को ही बीजेपी ने लिंगायत नेता येदियुरप्पा को शेट्टार और सावदी पर हमला करने के लिए मैदान में उतारा, जिन्होंने समुदाय को भरोसा में लेने के साथ कहा कि उन दोनों ने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया और उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया गया था. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी सहित कई लिंगायत नेताओं के पीर्टी छोड़ने पर बिना नाम लेते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उनकी पार्टी का लिंगायत जनाधार मजबूत बना हुआ है और कोई भी इसे तोड़ नहीं सकता है.

कोई भी बीजेपी के लिंगायत किले को नहीं तोड़ सकता

रविवार शाम होसपेटे में सीएम बीजेपी समर्थकों की बैठक में शामिल हुए, जहां उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि कुछ नेताओं के जाने से पार्टी को कोई झटका नहीं लगेगा. बीजेपी का लिंगायत किला ठोस है. पार्टी में कई लिंगायत नेता हैं जैसे (पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत नेता) बी.एस. येदियुरप्पा, मेरे अलावा कई लिंगायत नेता हैं, जिनमें सी.सी. पाटिल, मुरुगेश निरानी, ​​बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और वी. सोमन्ना.

सीएम ने कहा कि वह पार्टी का 50 फीसदी से ज्यादा टिकट लिंगायतों को दिए हैं. येदियुरप्पा लिंगायतों के सर्वोच्च नेता हैं. कोई भी बीजेपी के लिंगायत किले को नहीं तोड़ सकता है. बोम्मई ने कहा कि वे सभी जो बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामे हैं, एक दिन पछताएंगे.

लिंगायत समुदायों का कर्नाटक में इतना बोलबाला है कि अब तक यहां पर शासन करने वाले 22 मुख्यमंत्रियों में से नौ लिंगायत से हैं - आठ बनजीगा उप-संप्रदाय से और एक सदर से. येदियुरप्पा खुद बनजिगा से आते हैं. इसके साथ ही कुछ लोग 1990 का भी जिक्र करते हैं जब तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख और प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने लिंगायत के उस समय के सीएम वीरेंद्र पाटिल को बाहर निकाल दिया था. इसके बाद से ही लिंगायत वोट बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गया था.

भले ही कांग्रेस दो बार सत्ता में आई, लेकिन लिंगायतों को वापस अपने पाले में लाने की उसकी कोशिशें अब तक नाकाम ही रही है. गैर-लिंगायत मुख्यमंत्री नियुक्त करके बीजेपी शायद वैसी गलती नहीं करना चाहेगी.

ये भी पढ़ें- Karnataka Election 2023: AAP का मिशन कर्नाटक क्या होगा सफल, पार्टी का दावा- 15 सीटों पर कांटे की टक्कर देंगे

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
राजस्थान में चिंकारा हिरणों का गोली मारकर किया शिकार, पशु-प्रेमियों में भारी रोष
राजस्थान में चिंकारा हिरणों का गोली मारकर किया शिकार, पशु-प्रेमियों में भारी रोष
Guess Who: जहां पिता करते थे टेबल साफ...स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग, पहचाना?
जहां पिता करते थे टेबल साफ,स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग
90's की 'सोन परी' याद हैं? बच्चों क्या बड़ों में भी था इनका क्रेज, जानें आज कहां हैं और क्या कर रही?
90's की 'सोन परी' याद हैं? जानें आज कहां हैं और क्या कर रहीं?
Advertisement
metaverse

वीडियोज

Arvind Kejriwal News: केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में ऐसा क्या कहा जो जज ने दी जमानत ? | BreakingNEET Exam Row: आरोपियों का कबूलनामा, देशभर में छात्रों का प्रदर्शन | Dharmendra Pradhan | BreakingSandeep Chaudhary: MSP बढ़ने के फैसले को किसानों ने किया खारिज, आंदोलन जारी रखने का किया ऐलानNEET-NET Paper Leak: नीट के तार..तेजस्वी पर सीधा वार..विजय सिन्हा का बड़ा दावा

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
राजस्थान में चिंकारा हिरणों का गोली मारकर किया शिकार, पशु-प्रेमियों में भारी रोष
राजस्थान में चिंकारा हिरणों का गोली मारकर किया शिकार, पशु-प्रेमियों में भारी रोष
Guess Who: जहां पिता करते थे टेबल साफ...स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग, पहचाना?
जहां पिता करते थे टेबल साफ,स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग
90's की 'सोन परी' याद हैं? बच्चों क्या बड़ों में भी था इनका क्रेज, जानें आज कहां हैं और क्या कर रही?
90's की 'सोन परी' याद हैं? जानें आज कहां हैं और क्या कर रहीं?
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
Vastu Tips: घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भूलकर भी न करवाएं ये काम, रुक जाएगी बरकत
घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भूलकर भी न करवाएं ये काम, रुक जाएगी बरकत
Virat Kohli: 'सेल्फिश हैं विराट कोहली...', शतक के लिए टीम भी लगा देंगे दांव पर; पाकिस्तान के मोहम्मद हफीज़ का विवादित बयान
'सेल्फिश हैं विराट कोहली...', शतक के लिए टीम भी लगा देंगे दांव पर
PM Modi In Kashmir: 10 दिनों में आतंकियों ने घाटी में मचाया बवाल तो PM मोदी बोले- 'आखिरी कोशिश कर रहे हैं, दुश्मनों को ठिकाने...'
10 दिनों में आतंकियों ने घाटी में मचाया बवाल तो PM मोदी बोले- 'आखिरी कोशिश कर रहे हैं, दुश्मनों को ठिकाने...'
Embed widget