Simone Tata: कौन हैं सिमोन टाटा, रतन टाटा से खास रिश्ता; लाइमलाइट से रहती हैं दूर
Ratan Tata Family: सिमोन टाटा चर्चा से काफी दूर रहती हैं, जिनका नाम शायद आपने कभी सुना होगा. लैक्मे को स्थापित करने में इनकी एक बड़ी भूमिका भी रही है.
Ratan Tata Noel Mother: टाटा फैमिली में कई छिप हुए चेहरे हैं, जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे. ये सिर्फ लाइम लाइट से ही दूर नहीं रहते हैं, बल्कि इनके परिवार के बिजनेस में भी कंट्रीब्यूशन के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं है. आज हम एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे.
यह शख्स कोई और नहीं बल्कि रतन टाटा की सौतेली मां हैं, जिनका नाम सिमोन टाटा है. इन्होंने Lakmé के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई है. इसके अलावा टाटा ग्रुप की बैकसाइड ब्रांड को स्थापित करने में इनकी एक बड़ी भूमिका रही है. सिमोन टाटा तब चर्चा में आईं थीं, जब टाटा फैमिली की कुलमाता के रूप में वह टाटा परिवार से साइरस मिस्त्री के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाली एकमात्र सदस्य थीं.
कैसे टाटा फैमिली का हिस्सा बनीं स्विज महिला
सिमोन टाटा की यात्रा भारत के तटों से बहुत दूर स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में शुरू हुई. साल 1930 में जन्मी उन्होंने जिनेवा यूनिवर्सिटी में अपनी एजुकेशन हासिल किया. साल 1953 में जब वे भारत आईं तो यहां उनकी मुलाकात नेवल एच. टाटा से हुई. 1955 में उनके मिलन ने भारत के साथ सिमोन के आजीवन जुड़ाव की शुरुआत की, क्योंकि उन्होंने मुंबई को अपना स्थायी घर बना लिया. सिमोन नोएल टाटा की मां हैं और नवल से उनकी शादी की वजह से वह रतन टाटा की सौतेली मां भी बन गईं.
लैक्मे की सफलता के बाद रिटेल सेक्टर में संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने एक रणनीतिक कदम उठाया. 1996 में टाटा ने लैक्मे को हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (HLL) में बेच दिया और प्राप्त आय का उपयोग ट्रेंट की स्थापना के लिए किया, जो एक महत्वपूर्ण कदम था. इसके बाद बेस्टसाइड ब्रांड की स्थापना हुई. यह ब्रांड जल्द ही एक घरेलू नाम बन गया और इसने डिपार्टमेंटल स्टोर खरीदारों का ध्यान आकर्षित किया.
क्या करते हैं बेटा और बहू
उनके बेटे का नाम नोएल टाटा ट्रेंट के उपाध्यक्ष और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष हैं. हालांकि इसकी चर्चा कम होती है. वह कंसाई नेरोलैक पेंट्स, टाइटन इंडस्ट्रीज और वोल्टास समेत अन्य कंपनियों के डायरेक्टर भी हैं. उनकी बहू और नाएल की पत्नी शापूरजी, पलोनजी समूह के पलोनजी मिस्त्री की बेटी हैं, जिनके पास टाटा संस में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है.
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