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नहीं मिली कर्ज की दरों में राहतः रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 6 फीसदी पर बरकरार रखा है. हालांकि एसएलआर 0.5 फीसदी घटाकर 19.5 फीसदी कर दिया है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018 के लिए जीवीए ग्रोथ अनुमान भी 7.3 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है.
नई दिल्लीः आज क्रेडिट पॉलिसी में नीतिगत दरों में कटौती का कोई एलान नहीं किया गया है. रेपो रेट 6 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति ने 2 दिनों तक चली बैठक के बाद रेपो रेट में कोई कमी न करने का फैसला किया. हालांकि महंगाई के आंकड़ों में खासी बढ़त देखे जाने के बाद पहले से ही माना जा रहा था कि आरबीआई की मॉनिटेरी पॉलिसी में दरों में कोई कटौती नहीं देखी जाएगी.
रेपो दर वो दर है जिस पर रिजर्व बैंक बहुत ही थोड़े समय के लिए बैंकों को कर्ज देता है. रिवर्स रेपो रेट भी बिना बदलाव के 5.75 फीसदी पर ही बना रहेगा. हालांकि एसएलआर (स्टेट्यूटरी लैंडिंग रेट) 0.5 फीसदी घटाकर 19.5 फीसदी कर दिया है. आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि महंगाई दर को 4 फीसदी पर बरकरार रखे जाने का लक्ष्य है.
आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी की खास बातें- रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018 के लिए जीवीए अनुमान 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी किया है.
- जनवरी-मार्च 2018 और अप्रैल-जून 2018 में रिटेल महंगाई दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है.
- जनवरी-मार्च 2019 में रिटेल महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
- आरबीआई ने बैंक रेट और एमएसएफ रेट 6.25 फीसदी पर ही कायम रखा है.
- रिजर्व बैंक ने अक्टूबर-मार्च में रिटेल महंगाई दर 4.2-4.6 फीसदी रहने का अनुमान दिया है
- आरबीआई ने एसएलआर (स्टेट्यूटरी लैंडिंग रेट) 0.5 फीसदी घटाकर 19.5 फीसदी किया है.
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डॉ. अमोल शिंदेकंसल्टेंट, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी एंड हेपटोलॉजी
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