Mehul Choksi Arrested: आसान नहीं थी गिरफ्तारी! इस तरह से पहले किया गया ट्रैक, फिर धर दबोचा गया भगोड़ा हीरा कारोबारी
Mehul Choksi: भारत सरकार की अपील पर भगोड़े मेहुल चोकसी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. 13,800 करोड़ रुपये के पीएनबी फ्रॉड केस के मुख्य आरोपी चोकसी को अब भारत लाने की तैयारी तेज हो गई है.

Mehul Choksi: 13,800 करोड़ रुपये के पीएनबी फ्रॉड केस के मुख्य आरोपी मेहुल चौकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है और अब उसे भारत लाने की तैयारी तेज हो गई है. 2018 में भारत से फरार होने के बाद से कई बार बचते-बचाते हुए अब भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर उसकी गिरफ्तारी हुई. 65 साल के चोकसी को कथित तौर पर बेल्जियम के एक अस्पताल से हिरासत में लिया गया, जहां वह पिछले साल से इलाज के लिए एडमिट था.
मेहुल के खिलाफ हटा रेड नोटिस
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सहित जांच एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस हटाए जाने के बाद उसे वापस लाने की तैयारी तेज कर दी है. रेड नोटिस उस व्यक्ति के लिए जारी किया जाता है, जो किसी गंभीर अपराध के लिए किसी सदस्य देश द्वारा वांछित है और दूसरे सदस्य देशों को उसका पता लगाने या गिरफ्तारी में मदद करने के लिए आग्रह किया जाता है.
मेहुल के वकील ने की गिरफ्तारी की पुष्टि
बेल्जियम की सरकार पहले ही चोकसी की वहां रहने की पुष्टि कर चुकी थी. खासतौर पर, मई 2021 में चोकसी के एंटीगुआ से एकाएक लापता होने की खबर आने के बाद वहां की सरकार ने इस मुद्दे को और भी गंभीरता से लिया.
मेहुल के वकील विजय अग्रवाल ने उसकी गिरफ्तारी पर बात करते हुए कहा, ''फिलहाल, वह जेल में है और वहां (बेल्जियम) जमानत के लिए अर्जी दायर करने की नहीं, बल्कि अपील दायर करने का प्रॉसेस है. उस अपील के दौरान अनुरोध किया जाता है कि उसे हिरासत में न रखा जाए और हिरासत में न रहते हुए खुद का बचाव करने और प्रत्यर्पण अनुरोध का विरोध करने की अनुमति दी जाए.''
इस तरह से किया था फर्जीवाड़ा
गीतांजलि ग्रुप के मालिक चोकसी ने कथित तौर पर बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और विदेशी क्रेडिट लेटर्स (एफएलसी) के जरिए भारत के दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पीएनबी को धोखा देने के मामले में मुख्य आरोपी हैं. इस मामले के एक और आरोपी चोकसी का भतीजा नीरव मोदी फिलहाल लंदन की जेल में बंद है.
प्रत्यर्पण अनुरोध के हिस्से के रूप में, भारतीय अधिकारियों ने अपने बेल्जियम के समकक्षों के साथ कम से कम दो गैर-जमानती वारंट साझा किए थे, जो 2018 और 2021 में मुंबई की एक विशेष अदालत ने जारी किए थे. हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है जब मेहुल को हिरासत में लिया गया है, बल्कि इससे पहले भी डोमिनिका में अवैध प्रवेश के लिए मेहुल को हिरासत में लिया गया था. उस दौरान सीबीआई की एक टीम ने उसे भारत लाने की भी कोशिश की थी, लेकिन बाद में कोर्ट ने उसे मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए वापस एंटीगुआ लौटने की इजाजत दे दी.
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Source: IOCL






















