By: ABP Live | Updated at : 03 Mar 2023 05:48 PM (IST)
ईपीएस95 के फायदे व नुकसान (Image: Getty)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत ज्यादा पेंशन पाने के विकल्प के लिए डेडलाइन बढ़ा दी है. पहले इसकी डेडलाइन आज यानी 03 मार्च को समाप्त हो रही थी, लेकिन अब 03 मई तक इसका विकल्प चुना जा सकता है. हालांकि इस बीच ज्यादा पेंशन पाने वाले विकल्प को लेकर बहसें शुरू हो गई हैं. कुछ लोग इसके फायदे गिना रहे हैं, तो कुछ लोग इसे घाटे का सौदा बता रहे हैं. आज हम यही जानने का प्रयास करेंगे कि ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनना कितना फायदेमंद है और इससे क्या नुकसान हो सकते हैं.
सबसे पहले आपको बता दें कि कर्मचारी पेंशन योजना का लाभ कुछ साल पहले तक बहुत कम लोगों को मिलता था. पहले इसका लाभ सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही उठा सकते थे. हालांकि बाद में सरकार ने इस योजना का विस्तार किया और सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों को भी मिलने लगा. यह बदलाव हुआ साल 1995 में और इसी कारण स्कीम को ईपीएस-95 यानी कर्मचारी पेंशन योजना-1995 के नाम से भी जाना जाता है.
चूंकि ईपीएस को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के तहत शुरू किया गया था, इसका लाभ हर उस कर्मचारी को मिलने लगा, जो ईपीएफ के दायरे में थे. हालांकि इसमें एक शर्त थी कि जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए 15 हजार रुपये महीना है, सिर्फ उन्हें ही ईपीएस का लाभ मिलेगा.
अब जानते हैं कि नए बदलाव का क्या असर होगा... सबसे पहले यह जान लीजिए कि ईपीएस में कर्मचारी अपनी ओर से कोई योगदान नहीं देता है. कंपनी की ओर से जो कुल 12 फीसदी का योगदान दिया जाता है, उसमें से ही 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस में जाता है. चूंकि पेंशन योग्य सैलरी की लिमिट 15 हजार है, इस कारण ईपीएस का योगदान भी 1,250 रुपये पर सीमित हो जाता है. कंपनी के अंशदान में इससे ज्यादा जो भी रकम होती है, वह ईपीएफ में चली जाती है. अब चूंकि ईपीएस में बढ़ा योगदान भी कंपनी के हिस्से से जाना है, इसका मतलब हुआ कि अधिक पेंशन का विकल्प चुनने पर भी टेक होम सैलरी पर कोई असर नहीं होगा. हां, यह जरूर होगा कि पीएफ की जमा होती रकम कम हो जाएगी.
ईपीएस-95 के सबसे बड़े नुकसान में पीएफ का नुकसान सबसे अहम है. आपको एक ओर रिटायरमेंट के बाद पेंशन कुछ ज्यादा मिलेगी, लेकिन एकमुश्त मिलने वाली पीएफ की रकम कम हो जाएगी. दूसरा नुकसान यह है कि पीएफ में कर्मचारियों को चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा मिलता है. अब चूंकि पीएफ का हिस्सा ईपीएस में जाएगा तो चक्रवृद्धि का फायदा भी कम हो जाएगा.
ईपीएस-95 को चुनने का का एक और बड़ा नुकसान है कि आप जल्दी रिटायर नहीं हो सकते हैं. इसका लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है, जो या तो 58 साल की उम्र तक या कम से कम 10 साल तक काम करते हैं. ईपीएस में तुलनात्मक रूप से ब्याज भी कम मिलता है. इसके अलावा एक अन्य लाभ अनहोनी की स्थिति में है. अगर आपके साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो ईपीएफ की सारी रकम आपके नॉमिनी का मिल जाती है. वहीं ईपीएस के मामले में नॉमिनी को आधी पेंशन का ही लाभ मिलता है.
IRDAI ने दी बड़ी राहत, दस्तावेजों की कमी पर मोटर इंश्योरेंस क्लेम खारिज नहीं कर सकेंगी कंपनियां
जानिये बजाज फ़ाइनान्स के गोल्ड लोन्स पर गोल्ड रेट का असर
बजाज फाइनैंस ने की FD की ब्याज़ दरों में बढ़ोतरी: आज ही अपने आर्थिक भविष्य को सुरक्षित बनाने के मौके का लाभ उठाएं
Dry Promotion: अप्रेजल का समय करीब पर एंप्लाइज को सता रहा 'ड्राई प्रमोशन' का डर, आखिर ये है क्या
HRA Claim: हाउस रेंट अलाउंस करते हैं क्लेम तो भूलकर भी ना करें ये मिस्टेक, हो जाएगी दिक्कत
48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
Happy Father's Day: आयरा खान ने इमोशनल वीडियो शेयर कर आमिर खान को दी बधाई, बिपाशा बसु ने भी पिता को कहा- 'हैप्पी फादर्स डे'
CSIR UGC NET 2024: सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 की एग्जाम सिटी स्लिप जारी, यहां से कर लें डाउनलोड
Amit Shah Meeting: कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद एक्शन में सरकार, अमित शाह कर रहे हाई-लेवल मीटिंग, NSA-सेना प्रमुख भी शामिल