अगर आप ईएमआई चुका-चुका कर हैं परेशान तो अपनाएं ये उपाय, जल्द खत्म हो जाएगा सारा लोन
लोन का रिफाइनेंस कराने का मतलब ये है कि पहले से चले आ रहे लोन को किसी दूसरे बैंक से फाइनेंस कराना. यानी आपका लोन दूसरे बैंक में ट्रांसफर हो जाएगा.

Home Loan EMI: जब कोई भी व्यक्ति प्रोपर्टी का प्लान करता है तो आजकल उसे एक बड़ी रकम चुकानी होती है. इसकी वजह है इसका काफी महंगा होना. आसमान छूते घर के सपने को पूरा करना हर किसी के वश की बात नहीं होती है. इसके लिए लंबे समय तक लोन पर ईएमआई चुकाना होता है. ऐसा भी देखा गया है कि कई बार लोन पर ईएमआई को भरते-भरते लोग काफी परेशान हो जाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे नुस्खे भी हैं, जिसे अपनाकर आप लोन को जल्दी चुका सकते हैं. उसे समय से पहले खत्म कर सकते हैं. ऐसा करने से न सिर्फ आपको कम ब्याज देना होगा, बल्कि होम लोन भी जल्दी खत्म होगा.
आइये जानते हैं कि आखिर वो कौन से तरीके अपनाकर ऐसा किया जा सकता है-
1-ईएमआई का बढ़ाना
लोन पर जो ईएमआई इस वक्त आप भर रहे हैं, उसमें थोड़ा और इजाफा कर सकते हैं, ऐसा करने से लोन की अवधि कम हो जाएगी और इस पर लगने वाला ब्याज भी अपने आप कम हो जाएगा. यानी, जितना संभव हो, पहले की तुलना में ईएमआई की रकम को बढ़ा लें.
2-समय से पूर्व भुगतान
किसी भी लोन से मुक्ति के लिए सबसे बेहतर उपाय यही है कि उसका समय से पूर्व भुगतान कर दिया जाए. यानी, अगर आप अपने सेविंग से थोड़ा-थोड़ा कर अलग लोन का प्री-पेमेंट करते चलते हैं तो इससे लोन पर आपको ब्याज कम देना होगा. इसका बड़ा फायदा ये होगा कि लोन की अवधि भी कम हो जाएगा और इस पर आपका लगने वाला ब्याज भी कम हो जाएगा.
इसका फिर दूसरा फायदा ये भी है कि जब आपका पहले से चला आ रहा लोन खत्म हो जाएगा, तो उसके बाद फिर आप किसी दूसरे लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यानी समय पूर्व भुगतान से आपको ये दो फायदे मिल सकते हैं.
3- लोन का फिर से फाइनेंस कराना
लोन का रिफाइनेंस कराने का मतलब ये है कि पहले से चले आ रहे लोन को किसी दूसरे बैंक से फाइनेंस कराना. यानी आपका लोन दूसरे बैंक में ट्रांसफर हो जाएगा. ये उस सूरत में आपको फायदा दे सकता है, जब आपके बैंक की तुलना में दूसरा बैंक कम ब्याज दर पर लोन दे रहा हो. ऐसी स्थिति में आप लोन का ट्रांसफर दूसरे बैंकों में करा सकते हैं. हालांकि, ये जरूर है कि आपको ऐसा करते वक्त बाची चार्ज के साथ प्रोसेसिंग शुल्क भी उस बैंक को देना पड़ेगा, लेकिन ब्याज दर कम होने का फायदा मिल सकता है.
Source: IOCL























