Home Loan: आपके होम लोन की इएमआई इतनी कम हो जाएगी कि पूछो मत, उठा लें ये कदम
Home Loan Refinancing: आपके लिए जरूरी है कि आप कुछ ऐसे कदम उठाएं, जिससे बैंकों के ब्याज दर घटाने के बाद आपके ऊपर होमलोन के ब्याज का बोझ कम हो सके.

Lower EMI: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है. आगे बैंकों की बारी है. घटे हुए रेपो रेट के आधार पर बैंकों को भी अलग-अलग लोन रेट में कटौती करनी होगी. जिन लोगों ने फ्लोटिंग रेट के आधार पर लोन लिए हैं, उनको भी इसका फायदा मिलेगा. होम लोन लेने वालों को भी इसका लाभ मिलेगा. बैंक कम से कम तीन महीने में एकबार लोन रेट रिसेट करते हैं. इससिए बदले हुए रेपो रेट के बाद जब आपको होम लोन देने वाला बैंक अपना रेपो रेट रिसेट करेगा, तभी आपको फायदा मिलेगा. इसमें एक-दो महीने की देरी भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में आपके लिए जरूरी है कि आप कुछ ऐसे कदम उठाएं, जिससे बैंक के घटाए रेट से कम आपको होम लोन के लिए देना पड़े. इससे आपकी इएमआई काफी कम हो जाएगी. इसके लिए आपको लोन देने वाले बैंक के साथ निगोशिएशन की तरकीब अपनानी पड़ेगी. पार्शियल प्री पेमेंट और रि फाइनेंसिंग की तरकीब भी काफी अच्छी रहेगी.
लोन रेट कट टैक्स रेट कट के साथ मिलकर दिलाएगा बड़ा फायदा
एक फरवरी को बजट में टैक्स रेट कट का एलान और सात फरवरी को रेपो रेट कट को अगर मिला दिया जाए तो यह सैलरीड क्लास के लिए बड़ा फायदा देने वाला है. क्योंकि एक तो ईएमआई कम होगी और उसमें भी टैक्स पर अधिक छूट से अच्छी-खासी नगदी आपके हाथ में आ जाएगी. अगर आप इस लोन के एक हिस्से का समय-समय पर प्री पेमेंट कर देते हैं तो होन लोन से और भी अधिक फायदा उठा सकते हैं.
रिफाइनेंसिंग घटा सकती है होम लोन पर इएमआई
होम लोन पर इएमआई घटाने का अच्छा तरीका रिफाइनेंसिंग कराना भी है. इसके लिए सबसे पहले पता करें कि किस बैंक का इंट्रेस्ट रेट सबसे कम है. फिर उस बैंक से बात कर अपने होम लोन को उस बैंक में ट्रांसफर करा लें. इससे आपके चल रहे होन लोन की इएमआई काफी कम हो जाएगी. आप वर्तमान बैंक के साथ भी रेपो-लिंक्ड लोन का विकल्प चुन सकते हैं. लोन ट्रांसफर कराने का कॉस्ट लोन की करीब एक फीसदी होती है. रिफाइनेंसिंग का विकल्प आपके लोन पीरियड को भी कम करने में मदद कर सकता है.
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Source: IOCL





















