Google vs CCI: गूगल को फिर लगा झटका, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, 18 जनवरी को अगली सुनवाई
गूगल को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के फैसले के खिलाफ कोई राहत नहीं मिली है. आज फिर गूगल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. जानें क्या है नया अपडेट...
Google vs CCI Case Judgement : दुनिया की बड़ी दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) को आज फिर झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को गूगल पर कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी. मालूम हो कि सीसीआई की तरफ से गूगल पर 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मोबाइल इकोसिस्टम में अपने वर्चस्व के दुरुपयोग पर गूगल इस जुर्माने का सामना कर रहा है. गूगल सुप्रीम कोर्ट से पहले NCLAT में अपील कर चुका है. बाद में NCLAT ने भी गूगल पर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था.
चीफ जस्टिस ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अगुवाई में 3 सदस्यी बेंच ने याचिका पर अंतरिम राहत देने से सुनवाई में साफ इंकार कर दिया है. उन्होंने गूगल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकिल ए एम सिंघवी से कहा कि क्या यूरोप के मानक को भारत में लागू किया जा सकता है या नहीं? इससे पहले गूगल के वकील सिंघवी ने इस अर्जेंट केस बताते हुए सुनवाई की अपीली की थी.
जानिए क्या है पूरा मामला
पिछले साल अक्टूबर 2022 में सीसीआई ने गूगल पर प्रतिस्पर्धा को चोट पहुंचाने के आरोप का दोषी बताते हुए उस पर करीब 2,200 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इसमें से 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना 97 प्रतिशत मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाली एंड्रॉयड सिस्टम में दुरुपयोग करने के लिए लगाया था. वहीं, 936 करोड़ रुपये का जुर्माना प्ले स्टोर से जुड़ी नीतियों को लेकर लगाया गया.
एनसीएलएटी से राहत नहीं
वही दूसरी और गूगल ने सीसीआई के आदेश के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में अपील की थी, लेकिन वहां से कोई अंतरिम राहत नहीं मिली. जिसके बाद न्यायाधिकरण ने 4 जनवरी को CCI के आदेश पर स्थगन देने से इनकार करते हुए कहा था कि यह अपील आदेश आने के 2 महीने बाद 20 दिसंबर को की गई है. गूगल ने अपनी याचिका में कहा कि CCI का आदेश 19 जनवरी, 2023 से प्रभावी होने वाला है और उसने इसके एक महीने पहले एनसीएलएटी में अपील कर दी थी. साथ ही कहा अपील के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए उसे दंडित नहीं किया जा सकता है.
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