डोनाल्ड ट्रंप के इस एक्शन से पाकिस्तान में खलबली, एक झटके में रूक गए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम
America action on Pakistan: डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश के बाद अब पाकिस्तान पर बड़ा एक्शन लिया गया है. इसके तहत देश में USAID द्वारा वित्तपोषित कई परियोजनाओं पर रोक लगा दी गई है.

America action on Pakistan: अमेरिका ने पाकिस्तान के आर्थिक मदद पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है. राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के दिए कार्यकारी आदेश के तहत यह फैसला लिया गया. इसके चलते पाकिस्तान के उप सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर तत्काल रूप से रोक लगा दी गई, जिसकी फंडिंग यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) करता है. बता दें कि ट्रंप ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि यह देखा जा सके कि अमेरिका से विदेशों को दी जाने वाली आर्थिक मदद उनकी पॉलिसी के हिसाब से है या नहीं.
ट्रंप के फैसले के बाद पाकिस्तान की उड़ी नींद
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस निलंबन का असर पाकिस्तान में USAID के कई पहलों पर पड़ा है. इसमें सांस्कृतिक संरक्षण के लिए राजदूत निधि (AFCP) भी शामिल है. एएफसीपी फंड की मदद से पाकिस्तान में ऐतिहासिक इमारतों, पुरातात्विक स्थलों की देखरेख के साथ म्यूजियम में चीजों का रख-रखाव भी किया जाता है. इसके अलावा, उर्जा से संबंधित पांच प्रमुख परियोजनाओं पर भी रोक लगा दी गई है. इनमें पावर सेक्टर इंप्रूवमेंट एक्टिविटी, पाकिस्तान प्राइवेट सेक्टर एनर्जी एक्टिविटी, एनर्जी सेक्टर एडवायजरी सर्विसेज प्रोजेक्ट, क्लीन एनर्जी लोन पोर्टफोलियो गारंटी प्रोग्राम व पाकिस्तान क्लाइमेट फाइनेंसिंग एक्टिविटी शामिल हैं.
ट्रंप के एक्शन के बाद इन प्रोजेक्ट्स पर भी लगी रोक
इसी के साथ ट्रंप के इस एक्शन का प्रभाव देश के स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन से संबंधित कई परियोजनाओं पर भी पड़ा है. इतना ही नहीं, 2025 में खत्म होने वाली सामाजिक सुरक्षा गतिविधि सहित आर्थिक विकास से संबंधित परियोजनाओं पर भी रोक लगा दी गई है. आशंका है कि इनमें से कुछ परियोजनाओं पर काम परमानेंट रूप से रूक सकता है या फिर इनकी संख्या में कमी आ सकती है.
इन परियोजनाओं की कुल लागत का अभी तक आकलन नहीं किया जा सका है क्योंकि इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है कि मौजूदा समय में अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को कितनी आर्थिक मदद दी जाती है. पाकिस्तान ने भी अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
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Source: IOCL






















