बजट 2019: मोदी सरकार ने मनरेगा का बजट 5 हजार करोड़ बढ़ाया
मोदी सरकार ने अपने बजट में मनरेगा के लिए पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 9 प्रतिशत अधिक आवंटित किया है. वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने 55 हजार करोड़ रुपये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए आवंटित किया था.

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती देने पर बल दिया है. इसी के मद्देनजर सरकार ने मनरेगा के आवंटन में 9 प्रतिशत की वृद्धि की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2018-19 के मुकाबले इस बार पांच हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का एलान किया.
वित्त वर्ष 2018-19 में मोदी सरकार ने 55 हजार करोड़ रुपये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए आवंटित किया था. वहीं इस बार यह राशि बढ़ाकर 60 हजार करोड़ रुपये कर दी गई है. यह 9 प्रतिशत का इजाफा है. मनरेगा को 2005 के सितंबर महीने में लागू किया गया था. इसके तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार के सभी वयस्कों को एक न्यूनतम मजदूरी पर रोजगार देने की गारंटी है.

विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस मोदी सरकार पर मनरेगा जैसी योजनाओं को कमजोर करने का आरोप लगाती रही है. कांग्रेस ने आज भी आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने मनरेगा जैसी योजनाओं का अपने बजट भाषण में जिक्र तक नहीं किया.
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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ''2019-20 का ये बजट एक नीरस बजट है. यह एक ऐसा बजट है, जिसमें न तो कुल राजस्व, कुल खर्च, वित्तीय घाटा अथवा राजस्व घाटा का कोई जिक्र नहीं है, न ही मनरेगा, मिड डे मील तथा स्वास्थ्य देखभाल जैसी योजना के लिए धनराशि तय की गई है.''
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