एक्सप्लोरर

Budget 2025: बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहेंगी ये कठिन शब्द, अभी जान लें इनका सबका मतलब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी यानी आज बजट पेश करेंगी, जिसमें कई तकनीकी और वित्तीय शब्दों का इस्तेमाल होगा. इनमें "बजट एस्टिमेट," "फिस्कल डेफिसिट," "रिवाइज्ड एस्टिमेट" जैसे शब्द शामिल हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल, यानी 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश करेंगी. बजट भाषण के दौरान कई ऐसे तकनीकी और वित्तीय शब्दों का उपयोग किया जाता है, जिनसे आम जनता अधिक परिचित नहीं होती. इन शब्दों का सही अर्थ समझने से न केवल बजट को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि सरकार की आर्थिक नीतियां और योजनाएं किस दिशा में आगे बढ़ रही हैं. 

बजट एक व्यापक वित्तीय दस्तावेज होता है, जिसमें सरकार की आय और व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है. इसमें सरकार के राजस्व स्रोतों, व्यय प्रबंधन, विभिन्न योजनाओं और आर्थिक सुधारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाती है. बजट को प्रभावी ढंग से समझने के लिए यह आवश्यक है कि हम इसमें उपयोग किए गए शब्दों और उनके अर्थों से परिचित हों. आइए, ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण बजट से जुड़े शब्दों और उनके सरल अर्थों को समझते हैं. 

क्या है महत्वपूर्ण बजट शब्द

बजट एस्टिमेट (Budget Estimate)

बजट एस्टिमेट सरकार की आगामी वित्तीय वर्ष में संभावित आमदनी और व्यय का अनुमान होता है. यह योजना बनाते समय विभिन्न आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है. इसमें कर संग्रह, सरकारी खर्च, सब्सिडी, योजनाओं और विकास कार्यों के लिए प्रस्तावित धनराशि का विवरण होता है.

फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit)

जब सरकार की कुल आय उसकी कुल खर्च से कम होती है, तो इस स्थिति को राजकोषीय घाटा कहते हैं. इसे पूरा करने के लिए सरकार ऋण लेती है या बॉन्ड जारी करती है. यह किसी देश की आर्थिक स्थिति का महत्वपूर्ण संकेतक होता है, जो सरकार की वित्तीय नीतियों को दर्शाता है.

रिवाइज्ड एस्टिमेट (Revised Estimate)

जब सरकार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान अपने पूर्वानुमानित बजट में आवश्यक बदलाव करती है, तो उसे संशोधित अनुमान कहा जाता है. यह वास्तविक आय-व्यय के आधार पर किया जाता है ताकि नीतियों को उचित दिशा में बदला जा सके और योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके.

एक्चुअल (Actual)

यह सरकार द्वारा किसी वित्तीय वर्ष में वास्तविक रूप से अर्जित राजस्व और किए गए खर्च का रिकॉर्ड होता है. बजट अनुमान और संशोधित अनुमान की तुलना में यह अंतिम आँकड़े होते हैं, जो दर्शाते हैं कि सरकार की वित्तीय नीतियाँ कितनी प्रभावी रही हैं.

फाइनेंस बिल (Finance Bill)

यह विधेयक बजट प्रस्तुति के बाद संसद में पेश किया जाता है, जिसमें सरकार की आय और व्यय से संबंधित सभी प्रस्ताव होते हैं. इसमें कर प्रावधान, शुल्क, सरकारी उधारी आदि के प्रावधान होते हैं, जिन्हें संसद की मंजूरी के बाद लागू किया जाता है. 

एप्रोप्रिएशन बिल (Appropriation Bill)

सरकार को विभिन्न विभागों और योजनाओं के लिए धन खर्च करने की अनुमति देने के लिए यह विधेयक लाया जाता है. संसद की मंजूरी के बाद ही सरकार बजट में आवंटित राशि को खर्च कर सकती है. यह विधेयक वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करता है.

फिस्कल सरप्लस (Fiscal Surplus)

जब सरकार की कुल कमाई उसके कुल खर्च से अधिक होती है, तो इसे राजकोषीय अधिशेष कहते हैं. यह आर्थिक स्थिरता का संकेत देता है और दिखाता है कि सरकार अपनी वित्तीय नीतियों को प्रभावी ढंग से संचालित कर रही है.

रेवेन्यू डेफिसिट (Revenue Deficit)

जब सरकार की कुल राजस्व आय उसकी राजस्व व्यय से कम होती है, तो इसे राजस्व घाटा कहा जाता है. यह सरकार की आर्थिक नीतियों की कमजोरी को दर्शा सकता है और इसके कारण सरकार को उधारी लेकर खर्च चलाना पड़ता है.

टैक्स (Tax)

टैक्स वह राशि है, जो सरकार नागरिकों और व्यवसायों से सार्वजनिक सेवाओं के वित्तपोषण के लिए लेती है. 

डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) - यह आयकर और कॉर्पोरेट टैक्स जैसे कर होते हैं, जो सीधे व्यक्तियों या कंपनियों से वसूले जाते हैं।

इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax) - यह जीएसटी, कस्टम ड्यूटी जैसे कर होते हैं, जो वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर लगाए जाते हैं।

इनकम टैक्स (Income Tax)

यह कर किसी व्यक्ति की कुल आय पर लगाया जाता है. यह विभिन्न स्लैब में विभाजित होता है, जो व्यक्ति की वार्षिक आय के अनुसार कर की दर तय करता है. सरकार इस कर से प्राप्त राजस्व का उपयोग सार्वजनिक कल्याणकारी योजनाओं में करती है.

कॉर्पोरेट टैक्स (Corporate Tax)

कंपनियों की वार्षिक आय पर लगाया जाने वाला कर कॉर्पोरेट टैक्स कहलाता है. यह सरकारी राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है और अलग-अलग प्रकार की कंपनियों पर विभिन्न दरों से लागू किया जाता है. 

एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty)

यह देश में निर्मित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर होता है. यह उत्पादकों द्वारा चुकाया जाता है, लेकिन इसका बोझ अंततः उपभोक्ताओं पर पड़ता है। इसे जीएसटी लागू होने के बाद कई उत्पादों पर समाप्त कर दिया गया है. 

कस्टम ड्यूटी (Custom Duty)

यह आयात और निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर होता है। इसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों की रक्षा करना और विदेशी व्यापार को नियंत्रित करना होता है.

कंटिन्जेंसी फंड (Contingency Fund)

यह सरकार द्वारा बनाए रखा गया एक आपातकालीन कोष होता है, जिसका उपयोग किसी अप्रत्याशित संकट या आपदा के समय किया जाता है. सरकार इसे संसद की अनुमति के बिना भी खर्च कर सकती है.

कंसोलिडेटेड फंड (Consolidated Fund)

यह सरकार की कुल आय को संग्रहीत करने वाला प्रमुख कोष होता है. इसमें करों, ऋणों और अन्य स्रोतों से प्राप्त धन शामिल होता है. इससे धन निकालने के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक होती है.

रेवेन्यू एक्सपेंडिचर (Revenue Expenditure)

सरकार का ऐसा खर्च जो सामान्य प्रशासन, वेतन, पेंशन, सब्सिडी और अन्य दिन-प्रतिदिन के कार्यों के लिए किया जाता है. यह खर्च आर्थिक विकास की तुलना में अल्पकालिक प्रभाव डालता है.

कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure)

यह खर्च दीर्घकालिक परिसंपत्तियों के निर्माण में किया जाता है, जैसे सड़कें, पुल, अस्पताल, स्कूल आदि. यह देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करता है.

शॉर्ट टर्म गेन (Short Term Gain)

जब कोई निवेशक एक वर्ष से कम अवधि के लिए किसी संपत्ति में निवेश करता है और उससे लाभ कमाता है, तो उसे अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कहा जाता है. इस पर अलग-अलग दर से कर लगाया जाता है.

लॉन्ग टर्म गेन (Long Term Gain)

जब कोई निवेशक एक वर्ष से अधिक समय तक किसी संपत्ति में निवेश रखता है और उससे लाभ अर्जित करता है, तो इसे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कहा जाता है। इस पर कर की दर अपेक्षाकृत कम होती है.

डिसइन्वेस्टमेंट (Disinvestment)

यह सरकारी उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी को आंशिक या पूर्ण रूप से बेचने की प्रक्रिया होती है. इससे प्राप्त धन का उपयोग सरकार अपनी वित्तीय योजनाओं और विकास कार्यों में करती है. 

ये भी पढ़ें:  Economic Survey 2025: आर्थिक सर्वेक्षण होगा संसद में पेश, देश के आर्थिक विकास का लेखाजोखा आएगा सामने

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

इंडिगो की हालत अब भी खराब! 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट ने जारी की एडवाइजरी
इंडिगो की हालत अब भी खराब! 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट ने जारी की एडवाइजरी
'बंगाल में बाबरी मस्जिद का निर्माण होना…', नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद का बड़ा बयान
'बंगाल में बाबरी मस्जिद का निर्माण होना…', नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद का बड़ा बयान
Hyderabad Airport: हैदराबाद में एक साथ तीन विमानों को बम से उड़ाने की धमकी, एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट
हैदराबाद में एक साथ तीन विमानों को बम से उड़ाने की धमकी, एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट
IND vs SA T20 Series: गिल की फिटनेस से टीम में बढ़ी टक्कर, संजू सैमसन की जगह पर फिर संकट?
गिल की फिटनेस से टीम में बढ़ी टक्कर, संजू सैमसन की जगह पर फिर संकट?

वीडियोज

Indigo Crisis: 'एयरलाइन चलाना कोर्ट का काम नहीं', इंडिगो संकट पर बोले CJI | Breaking | ABP News
Indigo Crisis: लखनऊ एयरपोर्ट पर CA को समय पर इलाज न मिलने से हुई मौत? | Lucknow | Anup Pandey
Indigo Crisis: एयरपोर्ट पर CA को आया हार्ट अटैक, CPR के बाद भी नहीं बची जान! | Breaking
Indigo Crisis: दिल्ली से भी इंडिगो की 6 फ्लाइट कैंसिल, यात्री परेशान | Breaking
Indigo Crisis: 6 वें दिन भी इंडिगो की उड़ानें रद्द, सारे दावे हवा-हवाई साबित | Breaking

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
इंडिगो की हालत अब भी खराब! 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट ने जारी की एडवाइजरी
इंडिगो की हालत अब भी खराब! 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट ने जारी की एडवाइजरी
'बंगाल में बाबरी मस्जिद का निर्माण होना…', नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद का बड़ा बयान
'बंगाल में बाबरी मस्जिद का निर्माण होना…', नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद का बड़ा बयान
Hyderabad Airport: हैदराबाद में एक साथ तीन विमानों को बम से उड़ाने की धमकी, एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट
हैदराबाद में एक साथ तीन विमानों को बम से उड़ाने की धमकी, एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट
IND vs SA T20 Series: गिल की फिटनेस से टीम में बढ़ी टक्कर, संजू सैमसन की जगह पर फिर संकट?
गिल की फिटनेस से टीम में बढ़ी टक्कर, संजू सैमसन की जगह पर फिर संकट?
Kaantha OTT Release Date: 'कांथा' की ओटीटी पर रिलीज डेट हुई कंफर्म, जानें-कब और कहां देख सकेंगे दुलकर सलमान की ये फिल्म
'कांथा' की ओटीटी पर रिलीज डेट हुई कंफर्म, जानें-कब और कहां देख सकेंगे ये फिल्म
सोमालिया में कमाए 100000 रुपये तो भारत में हो जाएंगे कितने, कितनी मजबूत यहां की करेंसी?
सोमालिया में कमाए 100000 रुपये तो भारत में हो जाएंगे कितने, कितनी मजबूत यहां की करेंसी?
वेट लॉस डाइट में शामिल करें शुगर फ्री ओट्स लड्डू, जानें पूरी रेसिपी
वेट लॉस डाइट में शामिल करें शुगर फ्री ओट्स लड्डू, जानें पूरी रेसिपी
Video: कनाडा में बर्फबारी बनी आफत का फंदा! हाईवे पर धड़ाधड़ टकराईं कारें, लग गया लंबा जाम- वीडियो वायरल
कनाडा में बर्फबारी बनी आफत का फंदा! हाईवे पर धड़ाधड़ टकराईं कारें, लग गया लंबा जाम- वीडियो वायरल
Embed widget