एक्सप्लोरर

यूपी: आबादी पर अंकुश के लिए दो बच्चों की नीति या किसी समुदाय को निशाने पर लेने की रणनीति? 

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उतर प्रदेश में दो बच्चों की नीति वाले कानून को लेकर सियासी जंग छिड़ना स्वाभाविक है. इसलिये कि सरकार का तर्क है कि वह बढ़ती हुई आबादी पर अंकुश लगाने के लिए ऐसा कर रही है, जबकि विपक्षी दलों व धार्मिक संगठनों की दलील है कि वो एक खास समुदाय यानी मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए यह कानून ला रही है.

हालांकि असम में भी इसी तरह का कानून बनाया जा रहा है जिसका विरोध भी हो रहा है, लेकिन राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में टू चाइल्ड पॉलिसी पहले से ही लागू है. अगर चीन का उदाहरण लें, तो वहां इस पॉलिसी के कोई बहुत अच्छे नतीजे नहीं मिले हैं, जिसके चलते अब वहां लोगों को तीन बच्चे पैदा करने की छूट दी गई है. इसलिये सवाल उठता है कि क्या सचमुच इसका मकसद जनंसख्या पर काबू पाना ही है या फिर एक खास मजहब के लोगों को सरकारी नौकरियों, सुविधाओं और चुनावी-मैदान से बाहर रखने की रणनीति है?

वैसे तो जनसंख्या नियंत्रण पॉलिसी पूरी दुनिया में हमेशा से सवालों के घेरे में रही है. भारत में इसकी जरूरत को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि चूंकि भारत में प्रजनन दर बीते कुछ वर्ष से लगातार घट रही है, इसलिए ऐसे किसी नियम की जरूरत नहीं है. उनका कहना है कि उल्टा इसका प्रतिकूल असर हो सकता है. इससे लिंग चयनात्मक, असुरक्षित गर्भपात और भारत के लिंगानुपात में विषमता को बढ़ावा मिलेगा.

अभी चार महीने पहले ही पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी की बाजार में आई नई किताब ने भी यह बहस छेड़ी थी कि आबादी को लेकर आखिर मुसलमानों को ही निशाना क्यों बनाया जाता है. परिवार नियोजन पर लिखी इस किताब में कुरैशी ने कहा है कि मुस्लिमों को एक खलनायक के रूप में पेश किया गया है. 'द पॉप्युलेशन मिथ: इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया' शीर्षक से छपी इस पुस्तक में तर्क दिया गया है कि "मुसलमानों ने जनसंख्या के मामले में हिंदुओं से आगे निकलने के लिए कोई संगठित षडयंत्र नहीं रचा है और उनकी संख्या देश में हिंदुओं की संख्या को कभी चुनौती नहीं दे सकती."

आंकड़ों के मुताबिक भारत के कई राज्यों में प्रजनन दर घट रही है. पिछले साल जारी सरकार के स्वास्थ्य डेटा के अनुसार, 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 19 ऐसे हैं, जहां औसतन महिलाएं दो से कम बच्चे को जन्म दे रही हैं. भारत की गिरती प्रजनन दर की बात करें, तो साल 1992-93 में 3. 4 फीसदी से गिरकर वर्तमान में यह 2.2 फीसदी पर आ गई है.

लेकिन यह भी सच है यूपी की प्रजनन दर राष्ट्रीय दर से अधिक है. नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 के अनुसार, यूपी में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 2.74 शिशु प्रति महिला थी, यह राष्ट्रीय दर 2.2 शिशु प्रति महिला से अधिक थी और बिहार की 3.41 टीएफआर के बाद दूसरे नंबर पर थी.

वैसे जनसंख्या विस्फोट को मुसलमानों की आबादी से जोड़कर राजनीति करने का पुराना इतिहास रहा है. अक्सर ये दावा किया जाता है कि मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं के मुकाबले बहुत तेजी से बढ़ रही है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 19,98,12,341 थी. जिसमें 15,93,12,654 हिंदू और 3,84,83,967 मुस्लिम थे, जो कि कुल आबादी का 19.26% हैं.

जबकि उससे दस साल पहले यानी साल 2001 में हुई जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 80.61 फीसदी हिंदू थे और 18.50 फीसदी मुसलमान थे. लेकिन 2011 में हिंदुओं की आबादी घटकर 79.73% और मुस्लिमों की आबादी बढ़कर 19.26% हो गई. जनगणना विभाग कहना है कि उत्तर प्रदेश के 70 में से 57 जिलों में हिंदुओं की आबादी मुस्लिमों के मुकाबले धीमी गति से बढ़ रही है. 2011 की जनगणना कहती है कि मुजफ्फरनगर में जहां हिंदू 3.20% घट गए तो मुस्लिम आबादी में 3.22% का इजाफा हो गया.
 
इसी तरह से कैराना, बिजनौर, रामपुर और मुरादाबाद उत्तर प्रदेश के ये वो जिले हैं, जहां पर ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिला. तो सवाल ये है कि क्या वाकई में पूरे देश में सिर्फ हिंदुओं की आबादी ही घट रही है?

लेकिन सरकार के आंकड़े तो कुछ और ही हक़ीक़त बयान करते हैं. साल 2005-06 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे- तीन में हिंदुओं की प्रजनन दर 2.59% थी. जो 2015-16 में 0.46% की गिरावट के साथ 2.13% हो गई. इस दौरान मुस्लिमों की प्रजनन दर में सबसे ज्यादा 0.79% की कमी देखी गई. वहीं ईसाइयों में साल 2005-06 से 2015-16 के बीच प्रजनन दर 0.35% गिर गई. सिखों की प्रजनन दर में गिरावट 0.37 फीसदी रही. तो इन आंकड़ों के मुताबिक देश में प्रजनन दर हर धर्म के लोगों के बीच घट रही है.  

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: स्वार्थी लोगों ने ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट रोका-पीएम मोदी का बड़ा बयान | Loksabha PollsLoksabha Election 2024: मोदी की आध्यात्म यात्रा..'हैट्रिक' का सार छिपा ? | ABP NewsPM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha Election

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget