ऑस्ट्रेलिया-कनाडा समेत विदेशों में मंदिरों पर हमले के पीछे हो सकती है खतरनाक साजिश
ऑस्ट्रेलिया कैरम डाउन्स में श्री शिव विष्णु मंदिर पर हमले के बाद मेलबर्न के एल्बर्ट पार्क में एक और हिन्दू मंदिर को निशाना बनाया गया. हफ्तेभर में यह मंदिर पर तीसरा हमला है. मेलबर्न के इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कंसियसनेस (ISKCON) जिसे हरे कृष्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, इस पर सोमवार तड़के हमला किया गया था. इस मंदिर के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशन भक्त दास ने पूजा स्थल पर इस तरह के अपमानित कृत्य से वे हैरान हैं. इसके साथ ही, उन्होंने विक्टोरिया पुलिस से मामले की शिकायत की है.
लेकिन, किसी भी देश में जब इस तरह की घटना होती है, तो कुछ ऑर्गेनाइज्ड लोग इसमें शामिल रहते हैं. इसे वे लोग अंजाम देते हैं, जिन्हें गड़बड़ी फैलाने में आनंद मिलता है. साधारण जनता के साथ इसका किसी तरह का संपर्क नहीं रहता है. आजकल जो स्थिति है उसमें हर धर्म के लोग हर जगह दुनियाभर में फैले हुए हैं. वे मंदिर भी बनाते हैं. आपको याद होगा कि यूएई जो खासकर मुसलमानों का देश है लेकिन वहां पर हिन्दू अपने मंदिर बनाते हैं और सुरक्षित है.
इसलिए सुरक्षित जो जगह नहीं होती है, इसका मतलब है कि कुछ लोगों का निहित हित है. गड़बड़ करने वाले लोग चाहते हैं कि जानबूझकर तनाव फैले ताकि उनका कुछ फायदा हो.
संगठित तरीके से दिया जा रहा अंजाम
हो सकता है कि ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हुए हमले में खालिस्तान का हाथ रहा हो. इस तरह की ऑर्गेनाइज्ड चीजें दुनियाभर में चलती है. हम लोगों को हर जगह सतर्क रहना होगा. सरकार जो सुरक्षा देती है वो तो है लेकिन अपनी सिक्योरिटी भी सुनिश्चित करनी होगी. उसे बढ़ानी होगी. सरकार ने बिल्कुल इस मामले पर ठीक किया है. हम सरकार से अनुरोध करना चाहते हैं कि इस पर जल्द से जल्द जांच करें और जो लोग इसमें शामिल हैं, उन पर कानूनी कार्रवाई के तहत शिकंजा कसा जाए, ताकि यह उदाहरण लोगों के सामने दिया जाए कि अगर किसी ने गलत किया तो उन पर एक्शन होगा.
मंदिरों पर हमले के पीछे कई उद्देश्य हो सकते हैं. आजकल सोसाइटी में इतने लेयर्स हो गए हैं, जो अपनी विफलता और उत्कंठा है, उसके चलते कुछ न कुछ करते ही रहते हैं. न्यूजीलैंड में भी पहले हो चुका है. अभी ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है. यूरोप-अमेरिका में भी होता है. मॉडर्न सोसायटी में इस तरह की चीजों को पूरी तरह से रोकना बहुत मुश्किल है. इसलिए मैंने कहा कि अपने-आप सुरक्ष बलों को तैयार रखना होगा.
मैं यही सरकार से अनुरोध करना चाहूंगा कि इसे सख्ती से निपटा दे. भारत सरकार ने बिल्कुल ठीक किया है. हिन्दुस्तान बिल्कुल सेक्युलर देश है, जहां पर मंदिर-मस्जिद, गिरिजाघर सबकुछ है.
कट्टरतापन की कई वजहें
हाल के दिनों में कट्टरतापन बढ़ा है, उसकी वजह बेरोजगारी, दुनियाभर में अनिश्चितता और तनाव जैसे फैक्टर्स जिम्मेदार हैं. अमेरिका को ही देखिए, वहां पर इतने सारे लोग बेरोजगार हो गए हैं. तनाव बहुत सारे कारणों के चलते होता है. इसलिए सिर्फ एक वजह नहीं हो सकती है. छोटे-छोटे गैंग का ये मोटिव होता है कि डर पैदा करें. ये तो चलता ही रहेगा. हमको सख्त होकर ये बताना पड़ेगा कि हम जैसे विश्वास करते हैं वो करेंगे. अपना धर्म-कर्म हर जगह करेंगे. आप कुछ भी करो, हम सक्षम हैं अपने आपको बचाने के लिए.
हमारी जो लोकतंत्र की परंपरा रही है, फ्रीडम ऑफ स्पीच है, उसका गलत फायदा उठाने वाले बहुत हो गए हैं. आपने कनाडा में भी देखा कि कैसे छोटे से बच्चे ने 50 साल के युवक को मार दिया. हर चीज को रोकना मुश्किल है. लेकिन, ये हमारा देश है और हम दुर्बल नहीं है. पहले भी खालिस्तान मूवमेंट हुआ और हमने उसका सामना किया. अभी भी हम पूरी तरह से सक्षम है देश को बचाकर आगे चलेंगे. इसके साथ ही, एनआरआई लोगों को भी यह बोलना चाहिए कि जो कुछ भी हो रहा है, वो गलत हो रहा है और ऐसे लोगों के साथ हमारा कोई संपर्क नहीं है.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]
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