क्या है विराट कोहली का ‘वो दर्द’ जो जितनी जल्दी दूर हो उतना अच्छा

इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच शनिवार से मोहाली में है. भारतीय टीम सीरीज में 1-0 से आगे है. बावजूद इसके टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर का दर्द कम नहीं हो रहा है. विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा को छोड़ दिया जाए तो अब तक सीरीज में बाकि बल्लेबाजों से रन नहीं बने हैं. विराट कोहली के लिए निश्चित तौर पर ये चिंता की बात है. खास तौर पर इस बात को ध्यान में रखते हुए कि राजकोट और विशाखापत्तनम दोनों ही मैच की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजी बुरी तरह लड़खड़ाई दिखी. राजकोट में विराट कोहली ने अपने अंदाज से अलग जाकर बल्लेबाजी की और टेस्ट मैच को बचाया. विशाखापत्तनम में भी टीम इंडिया को पहली पारी के आधार पर मिली बढ़त ही काम आई वरना वहां भी मुश्किल होती. मोहाली का विकेट ऐसा नहीं माना जाता है कि गेंद पहले दिन से ही ऊटपटांग घूमने लगेगी. अच्छी बल्लेबाजी करने वालों के रन जरूर बनते हैं लेकिन गेंदबाजों के पास भी शुरूआती समय में अच्छा मौका होता है. ऐसे में भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर को गंभीरता के साथ क्रीज पर वक्त बिताना होगा. हालात अभी पूरी तरह काबू में हैं, पानी अभी सर के ऊपर कत्तई नहीं गया है लेकिन सावधानी इसी में है कि वक्त रहते इस दर्द को दूर कर लिया जाए.
टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर का दर्द
विराट कोहली और पुजारा को छोड़कर इस सीरीज के पिछले दो टेस्ट मैचों में भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज नहीं चले हैं. अब तक खेले गए दो टेस्ट मैचों में एक में पारी की शुरूआत गौतम गंभीर ने की दूसरे में लोकेश राहुल ने. गौतम गंभीर ने पहले टेस्ट मैच में 29 और 0 रन बनाए. दूसरे टेस्ट मैच में लोकेश राहुल फिट होकर वापस आए लेकिन उन्होंने दूसरे टेस्ट मैच में सिर्फ 10 रन बनाए. दूसरे टेस्ट की पहली पारी में वो बगैर खाता खोले पवेलियन लौट गए थे. मुरली विजय का पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में शतक है लेकिन बाकि की तीन पारियों में नाकामी. पिछले दो टेस्ट मैच की चार पारियों में उन्होंने 126, 31, 20 और 3 रन बनाए हैं. जाहिर है उनसे अच्छी फॉर्म में लौटने की उम्मीद है. अजिंक्य रहाणे ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हालिया सीरीज में शानदार शतक लगाया था लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ अब तक उनका बल्ला खामोश है. उन्होंने राजकोट की दोनों पारियों में 13 और 1 रन बनाए थे. विशाखापत्तनम में उनके बल्ले से 23 और 26 रन निकले. निश्चित तौर पर ये आंकड़े लोकेश राहुल, मुरली विजय और अजिंक्य रहाणे को परेशान कर रहे होंगे, क्योंकि तीनों बल्लेबाजों ने पिछले 10 टेस्ट मैचो में अच्छा प्रदर्शन किया है, परेशानी ये है कि इनके प्रदर्शन में ‘कसिंसटेंसी’ या निरंतरता का अभाव दिख रहा है. इस परेशानी को जितनी जल्दी दूर कर लिया जाए उतना अच्छा है.

विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा का सहारा
विराट कोहली अब तक 2 टेस्ट मैचों में 337 रन बना चुके हैं. चेतेश्वर पुजारा ने भी 262 रन बनाए हैं. विराट कोहली ने पहले टेस्ट मैच में 40 और 49 रनों की पारी खेली थी. दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 167 और 81 रनों की पारी खेली. चेतेश्वर पुजारा दोनों टेस्ट मैचों में शतक लगा चुके हैं. उन्होंने राजकोट में 124 और 18 रनों की पारी खेली थी. विशाखापत्तनम में उन्होंने 119 और 1 रन की पारी खेली. सच्चाई यही है कि राजकोट में मैच के ड्रॉ होने और राजकोट में जीतने में ‘बैटिंग डिपार्टमेंट’ से इन्हीं दोनों बल्लेबाजों का योगदान मिला है. इसके पीछे की वजह बड़ी साफ है, टेस्ट क्रिकेट के पुराने दिग्गज खिलाड़ी कहते हैं कि जब बल्लेबाज फॉर्म में हो तो उसे ज्यादा से ज्यादा रन बना लेने चाहिए. अपने विकेट की कीमत समझनी चाहिए. तब जाकर कोई खिलाड़ी बड़ा बल्लेबाज बनता है. टॉप ऑर्डर के बाकी बल्लेबाजों में इसी सोच की कमी दिखाई दे रही है. ऐसे में खतरा इस बात का है कि कहीं किसी टेस्ट मैच में अगर विराट कोहली या चेतेश्वर पुजारा का बल्ला रूठा तो टीम इंडिया के लिए मुसीबत हो सकती है.

जो हाल बल्लेबाजी का वहीं गेंदबाजी का
टेस्ट मैच में ये कहावत बड़ी पुरानी है कि बल्लेबाज टेस्ट मैच बचातें हैं जबकि गेंदबाज टेस्ट मैच जिताते हैं. ये कहावत इस सीरीज पर भी बखूबी लागू होती है. मोहाली में भारतीय गेंदबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी. इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि टीम को जीत दिलाने का जिम्मा सिर्फ स्पिनर्स और उसमें भी खास तौर पर सिर्फ आर अश्विन पर ही नहीं है. पिछले 15 में से 13 टेस्ट मैच में ज्यादातर मौकों पर जीत के हीरो विराट कोहली या चेतेश्वर पुजारा ही रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया का हालिया रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. 2010 के बाद से अब तक खेली गई 3 टेस्ट सीरीज में जीत इंग्लैंड को ही मिली है. इसमें 2 सीरीज में भारतीय टीम इंग्लैंड में हारी है जबकि एक सीरीज में उसे अपने घर में ही हार का सामना करना पड़ा था. इस सीरीज के अब तक के ‘ट्रेंड’ और खेल से ये कहा जा सकता है कि इस बार भारतीय टीम सीरीज हारेगी तो नहीं लेकिन अगर उसे इंग्लिश टीम से पुरानी हार का बदला अच्छी तरह लेना है तो उसे विराट, अश्विन और पुजारा से से आगे बढ़ना होगा. टीम के बाकि खिलाड़ियों को भी बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा वरना कहीं अगर किसी टेस्ट मैच में ‘इनफॉर्म’ खिलाड़ी पटरी से उतरे तो फिर टीम इंडिया मुश्किल में आ जाएगी.
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