एक्सप्लोरर

कोई कह रहा था बचा लो, कोई कह रहा था पानी दो... आपबीती सुना फफक कर रो पड़ा बालासोर हादसे में बचा शख्स

जिस वक्त बालासोर में ट्रेन हादसा हुआ मैं भी खुद उस ट्रेन में सवार था. बालेश्वर का बस्ता जिला घर है. मैं उस ट्रेन में थोड़ा पहले सवार हुआ था. ट्रेन खचाखच भरी हुई थी. जिस वक्त मैं अनारक्षित बॉगी में चढ़ा, उसमें इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की जगह तक नहीं थी. अचानक बालासोर के बहनागा रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन पहुंची तो अचानक ट्रेन बाइबरेट करने लगी. हमें ऐसा लगा कि ट्रेन दुर्घटना होने वाली है. लेकिन, ये इतना बड़ा हादसा होगा ये बिल्कुल भी सोचने का वक्त नहीं मिला कि हमारे साथ क्या कुछ होने वाला है. पलक झपकते ही सामने एक खौफनाक मंजर था. चारों तरफ से चीख-पुकार की आवाजें आ रही थी. 

कोई कह रहा था कि मुझे पानी दो, कोई कह रहा था कि मुझे बचा लो. जब सामने देखा तो किसी का हाथ नहीं था तो किसी का पांव नहीं था. मैंने अपनी जिंदगी में कभी ऐसी घटना नहीं देखी थी और खुद मैं इसका शिकार बन जाऊंगा, ये भी नहीं सोचा था.

काफी कोशिश कर खुद को बचाया

मैं काम करने के लिए चेन्नई जा रहा था. तीन-चार महीने पहले पापा इस दुनिया से गुजर गए. इसके बाद काफी पैसों की तंगी आ गई थी. लेकिन, बीच रास्ते में ही ये हादसा हो गया और जो भी मेरे पास डॉक्यूमेंट्स थे- आधार कार्ड, वोटर आईकार्ड और कपड़े वो सारे खो गए. सिर्फ मैं अपनी जान बचाकर वहां से लौट आया. मैं काफी कोशिश खुद को बचाया और वहां से निकलने में कामयाब हो पाया.

हादसा होने से पहले जब ट्रेन बाइबरेट करने लगी तो बस इतना ही समझ पाया कि अब कुछ होने वाला है. उसेक बाद बॉगी उलट-पलट होने लगी. माथा फट गया और सीने पर जबरदस्त चोट लगी. पांव में काफी चोट आई और फैक्चर हो गया. मेरे पैर की ऊंगली कट गई. पूरा शरीर चोटिल हो गया. तेज खून बह रहा था. काफी कोशिशों के बावजूद मैं ट्रेन के अंदर से बाहर निकल कर आया.
बहुत लोग बोल रहे था- बचा लो, बचा लो

जब ट्रेन के अंदर से बाहर आकर देखा तो बहुत लोग दर्द के मारे कराह रहे थे. वे कह रहे थे बचा लो, बचा लो. कोई कह रहा था कि मुझे पानी दो. ट्रेन एक्सीडेंट के करीब आधे घंटे के बाद वहां से रेस्क्यू टीम आयी. लेकिन, जो वहां पर स्थानीय लोग थे, वे सबसे पहले वहां पर आए और घायल पैसेंजर्स की मदद की. ज्यादा खून निकलने के चलते मैं खुद घटनास्थल पर बेहोश हो गया था, इसलिए वहां का ज्यादा मुझे ख्याल तक नहीं है.

मेरे माथे पर चोट लगी. मेरे सीने के दोनों तरफ गंभीर चोट लगी. इसके अलावा पांव में भी चोट लगी. इलाज तो प्रशासन की तरफ से मिल रहा है. ठीक होने में तो अभी थोड़ा वक्त भी लगेगा. मेरे पैर का अंगूठा कट चुका है. अब शायद काम आगे न कर पाऊं. मैं शादी-शुदी हूं और मेरी छोटी बेटी भी है. मां है, पापा तो गुजर गए. छोटा भाई भी है. काम करने के लिए चेन्नई जा रहा था, ऐसे में कैसे

इस हाल में परिवार का बोझ उठा पाऊंगा?

कमोबेश जिन लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, उसकी हालत भी कुछ हमारी तरह ही है. उन सबका भी इलाज चल रहा है. रेस्क्यू में थोड़ा टाइम लग गया, अगर समय से राहत कार्य प्रशासन की तरफ से और तेजी के साथ किया जाता तो शायद कई जिंदगी उस वक्त बच जाती. इसके साथ ही, इलाज में थोड़ा पहले होना चाहिए था. 

ये घटना कोई छोटी नहीं थी, जिंदगी में मैंने कफी ऐसा नहीं देखा था. मैं ये कहना चाहूंगा कि ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए. कई जानें गई हैं और सरकार को जरूर इस दिशा में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. 

परिवार वाले रो रहे है

जब से मेरे परिवार को इस दुर्घटना के बारे में पता चला है मेरी मां, पत्नी और बेटी काफी रो रही है. मेरी मां ने तो ये सोचा था कि मैं कमाने जा रहा हूं और घर में आय होगी. लेकिन मेरी ये हालत हो जाएगी, ऐसा नहीं किसी ने सोचा था. अब इस घटना के बाद ट्रेन में यात्रा से पहले डर लगा रहा है. हम मजदूर करने बाहर जाते हैं, अपना घर चलाते हैं. लेकिन जान जाते देख अब डर लगने लगा है.
बहुत लोग जिन्होंने ट्रेन में बुकिंग कराई थी, वे अब इस बात पर सोचने को मजबूर हो गए हैं कि वे ट्रेन में जाएंगे भी या नहीं जाएंगे. ऐसा लग रहा है कि सिस्टम सही नही है. सिस्टम सही होना चाहिए. जिन लोगों की गलती है, उन्हें जिम्मेदार ठहरा कर उनके खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए, ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]


 
 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान, जानें हिंदुओं से क्या कहा
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले जैक कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
ABP Premium

वीडियोज

Toyota HILUX goes Electric ! | Auto Live #toyota #hilux #toyotahilux
Nissan Tekton vs Renault Duster: Upcoming cars in India | Auto Live
Sansani: 'जानी दुश्मन' औलाद...मम्मी-पापा खल्लास ! | Crime News
Tata Sierra 2025 price, specs, features, engine and all details!| Auto Live
Mahindra XEV 9S first look, interior and features | Auto Live

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान, जानें हिंदुओं से क्या कहा
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले जैक कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF,  हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF, हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Snake Village India: भारत के इस गांव में सांपों के साथ खेलते हैं बच्चे, हर घर में देखने को मिलेंगे खतरनाक सांप
भारत के इस गांव में सांपों के साथ खेलते हैं बच्चे, हर घर में देखने को मिलेंगे खतरनाक सांप
World Aids Day 2025: भारत में HIV केस रिकॉर्ड स्तर पर, 72% केस युवाओं में! एक्सपर्ट बोले- जागरूकता कैंपेन बेहद जरूरी
भारत में HIV केस रिकॉर्ड स्तर पर, 72% केस युवाओं में! एक्सपर्ट बोले- जागरूकता कैंपेन बेहद जरूरी
Embed widget