एक्सप्लोरर
Advertisement
निर्भया : फांसी के साथ ही धुलेगा दिल्ली का 'पाप', शर्म से झुकने वाले हर सिर के साथ हुआ इंसाफ
सन 2012 में 16 दिसंबर की रात जो घटना हुई उसने इंसानियत को झंकझोर दिया था. निर्भया की जो हालत थी वह देख पुलिस अधिकारी और यहां तक कि डाक्टर भी कांप गए थे. आज जो फैसला आया है वह सिर्फ निर्भया या उसके परिवार को इंसाफ की बात नहीं है. बल्कि, देश के हर उस शख्स के लिए इंसाफ है जिसका सिर शर्म से झुक गया था.
17 दिसंबर की वह सुबह उजली नहीं थी, वह काली थी जी हां बिल्कुल काली. सफदरजंग अस्पताल के बर्न वार्ड में निर्भया अपनी जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ रही थी. सुबह के समय अस्पताल पूरी तरह छावनी में बदल चुका था. निर्भया का दोस्त वसंत बिहार थाने में था और पुलिस के हाथ में कोई भी सबूत नहीं था.
इससे पहले रात को दक्षिणी दिल्ली की सड़कों पर चलती बस के अंदर दरिंदगी का भयानक खेल खेला गया था. निर्भया ने अंतिम समय तक लड़ाई लड़ी थी. उसके शरीर का कोई हिस्सा नहीं बचा था जहां हैवानों के दरिंदगी के निशान न हों. इसके बाद उसे मरा समझ कर कूड़े पर फेंक दिया गया था.
कूड़े के ढेर में निर्भया बेसुध पड़ी थी और उसका दोस्त मदद मांग रहा था. दोनों के कपड़े तक दरिंदों ने उतार लिए थे. इंसानियत तार-तार हो रही थी लेकिन, कोई मदद को आगे नहीं आ रहा था. उस समय नेशनल हाईवे अथॉरिटी के कर्मचारी ने सामने के होटल से चादर लाकर उनपर डाली थी.
इधर बिना किसी लीड के पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी. पुलिस को कोशिश, 17 दिसंबर की शाम को रंग लाई और आरोपियों की पहचान जाहिर हो गई. अगले ही दिन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही वह बस भी बरामद कर ली गई जिसमें इसे दर्दनाक हादसे को अंजाम दिया गया था.
निर्भया, पैरामेडिकल की पढ़ाई कर रही थी और अपने गरीब मां-बाप का सहारा बनना चाह रही थी. लेकिन, हवस के हैवानों ने न सिर्फ उसके सपने चूर कर दिए बल्कि ऐसा कांड कर दिया कि आज भी उस बारे में सोंच कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
हर ओर फांसी की मांग हो रही है और सही बात यह है कि यदि लोगों का बस चले तो दरिंदों को वो खुद ही सजा दे डालें. जब-जब यह घटना किसी तारीख के रूप में सामने आती है लोगों का खून खौलने लगता है. यह फैसला इस बात का सबूत है कि अब देश में हर निर्भया के साथ कानून खड़ा है.
फांसी की सजा से ही दिल्ली का यह पाप अब धुल सकता है. लेकिन, एक टीस तो हमेशा इस घटना पर रहेगी और वह है छठवें आरोपी के 'नाबालिग' होना. नाबालिग ने तो अपनी सजा पूरी भी कर ली है और अभी उसे सरकारी निगरानी में रखा गया है.
(यह लेखक के निजी विचार हैं. लेखक से ट्वीटर हैंडल @vivek_ABP पर संपर्क किया जा सकता है.)
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, Blog और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
छत्तीसगढ़
बॉलीवुड
क्रिकेट
उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकारCommentator
Opinion