एक्सप्लोरर

महाराष्ट्र और कश्मीर के बाद अब तमिलनाडु से आखिर क्यों भाग रहे हैं प्रवासी मजदूर?

हमारी सरकार के दावे के मुताबिक भार, दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि एक कारीगर के बगैर अपने घर के खराब हुए नल की टूटी बदलने के भी आप अब तक काबिल नहीं बने हैं. ऐसे ही घर की और भी बहुत सारी चीजें हैं, जिसके खराब होने पर उसकी मरम्मत के लिये हमें एक काबिल कारीगर की जरुरत पड़ती ही है. ये कारीगर या मजदूर देश के महानगरों में नहीं पैदा होते हैं लेकिन वे जिस भी राज्य में जन्म लेकर अपने हुनर को हासिल करते हैं, तो उसके जरिये वे दो जून की रोटी कमाने की जुगाड़ में बिहार, बंगाल, झारखंड और यूपी से बाहर निकलकर बड़े शहरों को अपना रोजगार पाने का ठिकाना बनाते हैं. 

सरकारी भाषा में इन्हें migrant workers यानी प्रवासी कामगार कहते हैं लेकिन ये कभी महाराष्ट्र से अपने घर भागने को मजबूर होते हैं, तो कभी कश्मीर में आतंकियों की गोली का निशाना बनते हैं, जबकि उनका कसूर कुछ नहीं होता. ताजा मामला तमिलनाडु का है, जहां प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले की खबरें आई हैं और उसके बाद ही फिर से ये बहस छिड़ गई है कि ये लोग अन्य राज्यों में किस तरह की समस्या को झेल रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि देश में अभी तक ऐसा कोई सिस्टम नहीं बन पाया है, जिससे ये पता लग सके कि किस राज्य से कितने प्रवासी मजदूर किसी दूसरे राज्य में जा रहे है. इसकी बड़ी वजह ये है कि राज्यों के बीच आपस में कोई तालमेल नहीं है और वे ऐसे सभी लोगों के आधार कार्ड होने के बावजूद ये तरीका नहीं निकाल पाये हैं कि एक-दूसरे से उनकी बुनियादी जानकारी को साझा कैसे किया जाये. 

हालांकि इन कथित हमलों की खबरों से तमिलनाडु के बहुत सारे निर्माता बेचैन-परेशान हो उठे हैं क्योंकि वे शहरों को छोड़ अपने घरों की तरफ भाग रहे हैं. ऐसी सूरत में वहां के सारे कारखानों का काम ठप्प हो जायेगा और कोई उत्पादन न होने के कारण उन्हें हर दिन करोड़ों रुपयों का नुकसान झेलना पड़ेगा. शायद इसीलिये वहां के प्रशासन समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने ये अपील की है कि वे किसी अफवाह के बहकावे में आकर राज्य छोड़ने का फैसला न लें. हालांकि जमीनी हकीकत का जायजा लेने और सच्चाई का पता लगाने के लिए बिहार और झारखंड सरकार ने वहां अपनी टीम भेजी है. 

लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसी एक-दो घटनाएं होने के बाद वहां सरकारी टीम भेज देने भर से क्या प्रवासी मजदूरों की समस्या का हल निकल आयेगा? शायद कतई नहीं. इसलिये कि राज्यों के बीच आपस में अब तक ऐसा कोई समन्वय ही नहीं बन पाया है कि वे संकट की घड़ी में ये पता लगा सकें कि किस राज्य का मजदूर किसी दूसरे राज्य में किस हाल में है. जबकि ऐसे कई मसले हैं, जो देश भर में फैले प्रवासी मजदूर हर रोज झेलते हैं लेकिन वे कोई आवाज इसलिये नहीं उठा पाते क्योंकि वे न तो आन्दोलन जीवी हैं और न ही राजनीतिज्ञ. क्योंकि उनका एकमात्र मकसद मेहनत करके मिली महीने भर की कमाई का बड़ा हिस्सा अपने गांव भेजना होता है, ताकि उसके परिवार का पालन-पोषण हो सके. 

अब सवाल उठता है कि इन प्रवासी मजदूरों के अधिकारों या उनके कल्याण के लिए क्या कोई कानून नहीं है? कानून है , जो चार दशक से भी पुराना है. इसका नाम है- Interstate Migrant Workmen Act,  1979 यानी अंतर्राज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम. लेकिन इसकी परवाह कोई नहीं करता क्योंकि इसके प्रावधानों पर अमल करना थोड़ा मुश्किल है, इसलिये कोई भी नियोक्ता इस पचड़े में ही नहीं पड़ता. कानून के मुताबिक दूसरे राज्य में जाने वाले प्रवासी मजदूर को वहां खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा और साथ ही संबंधित नियोक्ता को काम पर रखने वाले ऐसे कामगारों के लिए दोनों राज्यों से लाइसेंस लेना होगा. कोई भी नियोक्ता ऐसी सिरदर्दी मोल ही नहीं लेता और बेचारे कामगार को तो अपने काम एवं महीने की तनख्वाह वक़्त पर मिलने की ही चिंता रहती है. लिहाज़ा,  उसे तो अपने अधिकारों के बारे में रत्ती भर भी कुछ पता नहीं है. 

वैसे इस कानून को अब तक सिर्फ दो ही राज्य अमल में लाये हैं. साल 2012 में International Labour Organisation के सहयोग से ओडिशा और आंध्र प्रदेश ने इस बारे में एक MoU साइन किया था. उसके मुताबिक ओडिसा के 11 जिलों से आंध्र प्रदेश जाकर वहां के ईंट भट्ठे पर काम करने वाले कामगारों का पूरा रिकॉर्ड दोनों राज्यों के पास होगा, ताकि संकट की घड़ी में किसी और मुश्किल का सामना न करना पड़े. हालांकि इस मामले में केरल ने भी अच्छी पहल की है. अन्य राज्यों से आने वाले कामगारों के लिए वहां सहूलियत केंद्र यानी facilitation centres खोले गये हैं, जो प्रवासी मजदूरों का सारा रिकॉर्ड रखने के साथ ही उनकी तकलीफों का निवारण करने में भी मदद करते हैं. लेकिन फिर भी उसने अब तक ये इंतजाम नहीं किया है कि जिस राज्य से प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, वहां की सरकारों के साथ उनकी पूरी जानकारी साझा जी जाये. 

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

कितनी खतरनाक है Kalibr-PL मिसाइल, जिसका रूस ने भारत को दिया ऑफर? चीन-पाकिस्तान के पैरों तले खिसक जाएगी जमीन!
1500KM तक का टारगेट तबाह... कितनी खतरनाक है Kalibr-PL मिसाइल, जिसका रूस ने भारत को दिया ऑफर?
CISF की तर्ज पर बिहार में बनेगा BISF, मंत्री दिलीप जायसवाल का ऐलान, सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
CISF की तर्ज पर बिहार में बनेगा BISF, मंत्री दिलीप जायसवाल का ऐलान, सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइलें; दिल्ली ने दिया बड़ा ऑफर
अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइलें; दिल्ली ने दिया बड़ा ऑफर
2025 में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले टॉप 7 शो कौन से? हिंदी सीरीज का भी रहा जलवा
2025 में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले टॉप 7 शो कौन से? हिंदी सीरीज का भी रहा जलवा
ABP Premium

वीडियोज

बंगाल में गीता vs बाबरी का चल रहा है रण!
बंगाल में धर्मयुद्ध..चुनावी से पहले बड़ा षड्यंत्र !
कलब अग्निकांड में 10 लोगों के शवों की हुई शिनाख्त
Parliament Update: संसद में वंदे मातरम पर होगी चर्चा, हंगामें के भी आसार | Breaking
Smriti-Palash: अब नहीं होगी स्मृति मंधाना और पलाश की शादी,  खिलाड़ी ने डाली इमोशनल पोस्ट

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
कितनी खतरनाक है Kalibr-PL मिसाइल, जिसका रूस ने भारत को दिया ऑफर? चीन-पाकिस्तान के पैरों तले खिसक जाएगी जमीन!
1500KM तक का टारगेट तबाह... कितनी खतरनाक है Kalibr-PL मिसाइल, जिसका रूस ने भारत को दिया ऑफर?
CISF की तर्ज पर बिहार में बनेगा BISF, मंत्री दिलीप जायसवाल का ऐलान, सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
CISF की तर्ज पर बिहार में बनेगा BISF, मंत्री दिलीप जायसवाल का ऐलान, सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइलें; दिल्ली ने दिया बड़ा ऑफर
अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइलें; दिल्ली ने दिया बड़ा ऑफर
2025 में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले टॉप 7 शो कौन से? हिंदी सीरीज का भी रहा जलवा
2025 में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले टॉप 7 शो कौन से? हिंदी सीरीज का भी रहा जलवा
कपल डांस के बाद फिर चर्चा में विराट और कुलदीप की जोड़ी; कोहली ने बुरी तरह कर दिया रोस्ट; देखें वीडियो
कपल डांस के बाद फिर चर्चा में विराट और कुलदीप की जोड़ी; कोहली ने बुरी तरह कर दिया रोस्ट
Signs Of Love Bombing: अचानक कोई हो गया है जरूरत से ज्यादा खास, कहीं 'लव बॉम्बिंग' का शिकार तो नहीं हो रहे आप?
अचानक कोई हो गया है जरूरत से ज्यादा खास, कहीं 'लव बॉम्बिंग' का शिकार तो नहीं हो रहे आप?
क्रॉसिंग पर मालगाड़ी हुई खराब तो इंजीनियर बोले 5 घंटे, चाचा ने 10 मिनट में हथौड़े से ठीक कर दौड़ा दी ट्रेन- वीडियो वायरल
क्रॉसिंग पर मालगाड़ी हुई खराब तो इंजीनियर बोले 5 घंटे, चाचा ने 10 मिनट में हथौड़े से ठीक कर दौड़ा दी ट्रेन
Japanese Bowing: जापान में लोग झुक कर क्यों करते हैं अभिवादन, कहां से शुरू हुई यह परंपरा
जापान में लोग झुक कर क्यों करते हैं अभिवादन, कहां से शुरू हुई यह परंपरा
Embed widget