एक्सप्लोरर

ईरान SCO का बनने वाला है सदस्य, भारत को संबंध मजबूत करने पर देना होगा ध्यान, सामरिक नजरिए से अहम

ईरान SCO का पूर्ण सदस्य देश बनने वाला है. उसकी सदस्यता के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. अब सिर्फ औपचारिक घोषणा ही बाकी रह गई हैं.  गोवा में SCO सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भी हुई. ईरान के साथ भारत ने नए सिरे से अपने रिश्तों को बढ़ाने की कोशिश तेज कर दी है. पिछले हफ्ते एनएसए अजीत डोभाल ईरान की यात्रा पर गए थे. ऐसे में सवाल है कि 2019 में अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच भारत के लिए ईरान से अपने संबंधों को सामान्य कर पाना कितना मुश्किल होगा? नई वैश्विक व्यवस्था में भारत और ईरान के संबंधों को कैसे देखा जाना चाहिए? ईरान का अफगानिस्तान में किस तरह से सहयोग हो सकता है?

हम सब जानते हैं कि किसी भी देश के लिए उसका राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होता है. विदेश नीति में राजनीतिक स्वायत्तता बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. ईरान भारत के लिए हमेशा से एक अच्छा रणनीतिक साझेदार रहा है. ये बात सही है कि 2019 में जब अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा ईरान पर प्रतिबंध लगाए गए तो कच्चे तेल और व्यापार के क्षेत्र में गिरावट आई है. लेकिन 2019 से पहले भारत अपनी जरूरतों का 11% तेल ईरान से आयात करता था. हम ये जानते हैं कि भारत का जो व्यापार घाटा है उसका एक महत्वपूर्ण कारक तेल का आयात है. जहां तक दोनों देशों के व्यापार में गिरावट की बात है कि तो ये जाहिर सी बात है कि जब हम तेल आयात इतने बड़े हिस्से को लेना बंद कर देंगे तो यह स्वाभाविक ही है कि व्यापार में गिरावट आएगा.

लेकिन ईरान के साथ अपने संबंधों को फिर से पुनर्जीवित करना, उसे सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ाना यह भारत के हित में है. चाहे आप एनएसए के दौरे को देखें या फिर ईरान का एससीओ का पूर्ण सदस्य देश बनना ये सारे कदम उस दिशा में स्वागत योग्य कदम है क्योंकि हमें अमेरिकी नीति के हिसाब से नहीं चलना चाहिए. जैसा कि भारत ने एक तरफ ईरान से 2019 में तेल का आयात करना बंद कर दिया था.

दिलचस्प बात है अमेरिकी प्रतिबंध तो रूस पर भी हैं और हम वहां से तेल का आयात कर रहे हैं. ऐसे में यह सही दिशा है कि भारत अपने मुताबिक अपनी रणनीति तय करे. और ऐसा पहली बार नहीं होगा. भारत पिछले 30 वर्षों से इस तरह की रणनीति को अपनाता रहा है. हम ये देखते रहे हैं कि हमारा किसके साथ रणनीतिक गठजोड़ ज्यादा फायदेमंद वाला होगा. उदाहरण के लिए हमने 90 के दशक में इजराइल के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना शुरू किया. उसी तरह से हमने मोरक्को को रिकॉग्नाइज किया जिसे अफ्रीकन यूनियन ने ठुकरा दिया था. अभी रूस की बात बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए भारत को हर हाल में ईरान के साथ अपने संबंधों को ठीक करना चाहिए. क्योंकि आज के समय में जो भारत सरकार की नीति मल्टी एलाइनमेंट एप्रोच की है. यानी हम अपने संबंधों को हर किसी के साथ ठीक-ठाक रखना चाहते हैं. किसी एक देश के नीति के हिसाब से हम नहीं चलेंगे.

ईरान भारत के लिए ऊर्जा संकट की दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है. ईरान चूंकि एक तटीय देश है और सेंट्रल एशिया में व्यापार करने की दृष्टि से भी उसके साथ हमारे संबंधों का अच्छा होना बेहद जरूरी है. सेंट्रल एशिया में अफगानिस्तान हो या फिर और जो पांच अन्य मध्य एशियाई देश हैं, वो सब के सब भू-आबद्ध हैं. और उन तक भारत ईरान के माध्यम से पहुंच सकता है.

एक और महत्वपूर्ण बात है कि हाल में एक नया एलाइनमेंट भी बन रहा है. जिसमें चीन की नजदीकी ईरान के साथ दिख रही है. इसके अलावा कई मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ भी ईरान के संबंध मजबूत हो रहे हैं और भारत इन सब चीजों को अफोर्ड नहीं कर सकता है. जैसा कि कौटिल्य ने भी कहा था यदि मंडल सिद्धांत से भी देखें तो ईरान जो है भारत का एक महत्वपूर्ण पार्टनर होना चाहिए और ये इसलिए भी जरूरी है कि तेल आयातक देशों में ईरान ही भारत के लिए सबसे नजदीकी देश है. यानी भौगोलिक दृष्टिकोण से भी भारत को तेल लाने में बहुत आसानी होगी.

उसके बाद SCO का यह मैनडेट है कि आतंकवाद और रेडिकलाइज्म को खत्म किया जाना चाहिए. ऐसे में ईरान की महत्ता और बढ़ जाती है. हाल ही में हमने देखा है कि ईरान और सउदी अरब के बीच संबंध नए सिरे से आगे बढ़ रहे हैं. दोनों मिलकर अफगानिस्तान के रिवाइवल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. अफगानिस्तान में भारत का स्टेक बहुत पहले से है. जैसा कि हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में भारत ने पार्लियामेंट, रोड और आधारभूत अवसंरचनाओं को खड़ा किया है. ऐसे में अगर हम अपने संबंधों को नहीं ठीक करेंगे तो फिर वो सारी मेहनत बर्बाद हो जाएंगे. इसलिए भारत को ईरान के साथ इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. उसे नकार कर हम ये नहीं कह सकते हैं कि उसके ऊपर अमेरिकी प्रतिबंध हैं. चूंकि अमेरिका का राष्ट्रीय हित अलग है और हमारे अलग हैं.

ये स्वाभाविक है कि ईरान के साथ चीन की नजदीकी बढ़ेगी तो उस हिसाब से हमें भी सोचना होगा. जब चीन में क्रांति हुआ और उसके बाद जब 1979 में ईरान में जब तख्तापलट हुआ था उस वक्त भी ईरान पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन उस वक्त भारत का संबंध उसके साथ अच्छा बना रहा. हाल में जो गिरावट आई है उसमें हमारी अमेरिका के साथ सॉलिडिरिटी बढ़ी है, उस वजह से ऐसा हुआ. इसलिए चीन को ईरान के नजदीक जाने का ज्यादा मौका मिल गया. यदि चीन ईरान के साथ नजदीक जा रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि भारत नहीं जा सकता है. हां, इसका ये मतलब देखा जाना चाहिए कि ईरान उस तरह से चीन के पक्ष में नहीं चला जाए की वह पाकिस्तान की तरह उसका साझेदार बन जाए.

मुझे लगता है कि ईरान भी भारत के बदले या भारत की कीमत पर चीन के साथ अपने संबंधों को आगे नहीं बढ़ाएगा. चीन के साथ उसका एक अलग इक्वेशन इसलिए बन रहा है कि चीन उसे उस वक्त मदद की जब उस पर सारे प्रतिबंध लगे हुए थे. लेकिन आज चूंकि ग्लोबलाइजेशन का दौर है, कॉम्पलेक्स इंटरडिपेंडेंस हैं. ऐसे में संबंधों को स्थापित करने के इतने सारे क्षेत्र खुले हुए हैं कि हम ये नहीं कह सकते हैं कि चीन के साथ नजदीकी बढ़ने से भारत की संभावनाएं कम हो गई है.

(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान, जानें हिंदुओं से क्या कहा
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले जैक कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
ABP Premium

वीडियोज

IIT Roorkee: IIT के छात्रों का जलवा, 90 लाख से 3 करोड़ तक सालाना सैलरी का ऑफर | Breaking
Sanchar Saathi App Controversy: संचार साथी'..फोन में सरकारी CCTV? | BJP | Congress
Sanchar Saathi App Controversy: 123 करोड़ मोबाइल यूजर्स ध्यान दें! आपका मोबाइल आपकी जासूसी करेगा?
123 करोड़ मोबाइल यूजर्स ध्यान दें! आपका मोबाइल आपकी जासूसी करेगा?
SIR का 'विवाद', EC में भीतर ही घमासान? विश्लेषकों का सटीक विश्लेषण

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान, जानें हिंदुओं से क्या कहा
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले जैक कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF,  हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF, हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Snake Village India: भारत के इस गांव में सांपों के साथ खेलते हैं बच्चे, हर घर में देखने को मिलेंगे खतरनाक सांप
भारत के इस गांव में सांपों के साथ खेलते हैं बच्चे, हर घर में देखने को मिलेंगे खतरनाक सांप
World Aids Day 2025: भारत में HIV केस रिकॉर्ड स्तर पर, 72% केस युवाओं में! एक्सपर्ट बोले- जागरूकता कैंपेन बेहद जरूरी
भारत में HIV केस रिकॉर्ड स्तर पर, 72% केस युवाओं में! एक्सपर्ट बोले- जागरूकता कैंपेन बेहद जरूरी
Embed widget